देश के 88-प्रतिशत- लोग एंग्जायटी के शिकार, साइकोलॉजिस्ट से जानें मन शांत करने का 3-3-3 रूल

एंग्जायटी बॉडी का एक नेचुरल रिस्पॉन्स है जो वह स्ट्रेस को लेकर अलर्ट होने के लिए देता है. इसमें दिमाग जल्द से जल्द परेशानी से बाहर निकलने के लिए रास्ते तलाशता है. हालांकि, जब यह लगातार या अत्यधिक हो जाती है, तो यह एक मेंटल डिसऑर्डर में बदल जाती है

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एंग्जायटी बॉडी का एक नेचुरल रिस्पॉन्स है जो वह स्ट्रेस को लेकर अलर्ट होने के लिए देता है. इसमें दिमाग जल्द से जल्द परेशानी से बाहर निकलने के लिए रास्ते तलाशता है. हालांकि, जब यह लगातार या अत्यधिक हो जाती है, तो यह एक मेंटल डिसऑर्डर में बदल जाती है. जिससे नींद की समस्या, मांसपेशियों में तनाव, पाचन संबंधी समस्याएं, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और पैनिक अटैक जैसे लक्षणों का अनुभव बढ़ जाता है. एक स्टडी के अनुसार भारत में 88 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह के एंग्जायटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं.

डॉ. राचेल गोल्डमैन, लाइसेंस प्राप्त साइकोलॉजिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट ने गुड हाउसकीपिंग साइट को बताया है कि लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की चिंता से जूझता है. यह बहुत सामान्य है. लेकिन स्ट्रेस के एंग्जायटी में बदलने पर ध्यान देने और जरूरत के अनुसार उपाय करना जरूरी होता है.

एंग्जायटी के लिए नेचुरल उपाय

कई लोगों में वक्त के साथ एंग्जायटी के लक्षण गंभीर हो जाते हैं, जिससे छुटकारा पाने के लिए उन्हें दवाओं और चिकित्सा की जरूरत पड़ती है. लेकिन आपको एंग्जायटी से निजात पाने के लिए शुरुआत यहां से करने की आवश्यकता नहीं है. इसके लिए नेचुरल उपाय हैं जो इसके दिमाग को रिलेक्स करने में कारगर साबित होते हैं- जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स और जीवनशैली में बदलाव.

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फॉलो करें 3-3-3 नियम

एक्सपर्ट बताते हैं कि चिंतित विचार अक्सर उन चीजों के चारों ओर घूमते हैं जिन्हें हम कंट्रोल नहीं कर सकते. ऐसे में वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने से चिंता को कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए 3-3-3 नियम बहुत कारगर साबित होता है. इसके लिए आपको तीन चीजों पर फोकस करना है- एक चीज जो आप देख सकते हैं, एक जो आप सुन सकते हैं, और एक जिसे आप छू सकते हैं. अपने आप को याद दिलाएं कि आप कहां हैं, उस पर ध्यान दें जो आपके नियंत्रण में है.

कैमोमाइल चाय का सेवन करें

एनसीबीआई में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, कैमोमाइल टी एंग्जायटी में बहुत फायदेमंद साबित होती है. इसमें मौजूद एंटी डिप्रेशन गुण एंग्जायटी के लक्षणों को कम करने का काम करते हैं.

गहरी सांस लें

गहरी सांस लेना आपको मानसिक और शारीरिक रूप से शांत कर सकता है. 2023 में हुई स्टडी के अनुसार, ब्रीदिंग एक्सरसाइज स्ट्रेस और पैनिक अटैक को कंट्रोल करने में मददगार होती है. यदि आपको एंग्जायटी प्रॉब्लम है तो हर दिन कुछ देर आराम से बैठकर गहरी सांस लेने का अभ्यास करें.

मैग्नीशियम का सेवन बढ़ाएं

मैग्नीशियम एक ऐसा खनिज है जो तनाव को कम करता है. लेकिन कई लोग इसकी कमी से जूझ रहे हैं. पर्याप्त मैग्नीशियम न मिलने से थकान और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी हो सकती है. यदि आप अपने भोजन से पर्याप्त मैग्नीशियम प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करके इसका सप्लीमेंट्स लें.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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