हिंद महासागर में चीनी घुसपैठ पर नकेल! समुद्र के नीचे होगी गुपचुप बातचीत, नेवी का नया बेस कंट्रोल स्टेशन तैयार

नई दिल्ली : भारत ने हाल ही में अपनी दूसरी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को नौसेना में शामिल किया है। यह रणनीतिक और पारंपरिक दोनों ही तरह के पानी के नीचे के लड़ाकू बेड़े का विस्तार करने की योजना का हिस्सा है। इसके साथ ही नौसेना अब लंब

4 1 8
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली : भारत ने हाल ही में अपनी दूसरी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को नौसेना में शामिल किया है। यह रणनीतिक और पारंपरिक दोनों ही तरह के पानी के नीचे के लड़ाकू बेड़े का विस्तार करने की योजना का हिस्सा है। इसके साथ ही नौसेना अब लंबी दूरी की गश्त पर मौजूद अपने गुप्त शिकारियों के साथ सहज कम्युनिकेशन के लिए एक नई एडवांस फैसिलिटी स्थापित कर रही है।

राजनाथ सिंह ने किया उद्घाटन

तेलंगाना के विकाराबाद में वेरी लो फ्रीक्वेंसी कम्युनिकेशन स्टेशन की परियोजना का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से 15 अक्टूबर को किया जाएगा। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वीएलएफ सुविधा, जब दो-तीन वर्षों में पूरी तरह से चालू हो जाएगी। इसके बाद यह भारत के संपूर्ण क्षेत्र में पानी के नीचे पनडुब्बियों को चौबीसों घंटे एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

कैसे काम करती हैं VLF

उन्होंने कहा कि वीएलएफ रेडियो तरंगें, जो 3 से 30 किलोहर्ट्ज़ की फ्रीक्वेंसी बैंड में काम करती हैं, ऐसे उद्देश्यों के लिए समुद्री जल में एक निश्चित गहराई तक प्रवेश कर सकती हैं। केवल कुछ ही देशों के पास ऐसी वीएलएफ क्षमताएं हैं, जो लंबी दूरी की निवारक गश्त पर तैनात परमाणु पनडुब्बियों के 'कमांड और नियंत्रण' के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।

चीन की घुसपैठ पर नजर

नौसेना 1990 से तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में एक वीएलएफ स्टेशन चला रही है। विकाराबाद में नई अत्याधुनिक वीएलएफ सुविधा डीजल-इलेक्ट्रिक और परमाणु पनडुब्बियों को नियोजित रूप से शामिल करने के लिए '24x7x365 कम्युनिकेश बनाए रखने' के लिए आवश्यक है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की बढ़ती नौसेना की घुसपैठ पर कड़ी नज़र रखना है।

29 अगस्त को, भारत ने अपनी दूसरी 6,000 टन की एसएसबीएन (परमाणु-संचालित पनडुब्बी जिसमें परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइलें हैं) आईएनएस अरिघात को शामिल किया था, जो लगभग 3,500 किलोमीटर की रेंज वाली के-4 मिसाइलों को ले जाने में भी सक्षम है। उससे पहले आईएनएस अरिहंत केवल 750 किलोमीटर की रेंज वाली के-15 मिसाइलों से लैस है।


क्या है नेवी का अगला प्लान

भारत की योजना अगले साल की शुरुआत में INS अरिधमान के रूप में 7,000 टन विस्थापन के साथ तीसरे SSBN को शामिल करने की है। वही, सीक्रेट एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल (ATV) परियोजना के तहत एक चौथा भी निर्माणाधीन है। हमारे सहयोगी अखबार TOI की तरफ से पहले बताई गई रिपोर्ट के अनुसार, अंततः 13,500 टन के SSBN बनाने की भी योजना है। इसमें 190 मेगावाट के अधिक शक्तिशाली प्रेशराइज्ड लाइट-वाटर रिएक्टर होंगे।

इसके अलावा, 9 अक्टूबर को पीएम के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने दो परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों (नौसेना की भाषा में SSN कहा जाता है) के निर्माण के लिए लंबे समय से लंबित 40,000 करोड़ रुपये की 'प्रोजेक्ट-77' को भी मंजूरी दे दी। 190 मेगावाट के रिएक्टर और 9,800 टन के विस्थापन वाले इन SSN को बनाने में 10-12 साल लगेंगे, जो पारंपरिक (गैर-परमाणु) युद्ध के लिए हैं।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

14 अक्टूबर 2024, आज का राशिफल (Aaj ka Rashifal): कुंभ राशि वालों को होगा धन लाभ, जानें कैसा रहेगा अन्य राशियों का हाल

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now