चीन का शॉक 2.0 क्‍या है जिससे भारत समेत पूरी दुनिया में दहशत, बेरोजगारों की खड़ी हो जाएगी फौज

नई दिल्‍ली: अमेरिका ने चीन से आने वाले क्लीन एनर्जी और हाई-टेक उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है। इसका मकसद इन सेक्‍टरों में चीनी उत्‍पादों की लहर पर अंकुश लगाना है। चीन अपने उत्‍पादों से दुनिया को पाट देना चाहता है। इसे जानकारों ने 'चाइना शॉक 2.0

4 1 14
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्‍ली: अमेरिका ने चीन से आने वाले क्लीन एनर्जी और हाई-टेक उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है। इसका मकसद इन सेक्‍टरों में चीनी उत्‍पादों की लहर पर अंकुश लगाना है। चीन अपने उत्‍पादों से दुनिया को पाट देना चाहता है। इसे जानकारों ने 'चाइना शॉक 2.0' नाम दिया है। इससे भारत समेत कई देशों में नौकरियां जा सकती हैं। पहला 'चाइना शॉक' 2001 में चीन के WTO में शामिल होने के बाद आया था। तब चीन के सस्ते उत्पादों ने दुनियाभर के बाजारों में अपनी जगह बना ली थी। इससे दुनियाभर में लोगों की नौकरियां गई थीं।
भारत और पश्चिमी देशों में चीनी आयात के बढ़ते प्रवाह के खिलाफ सुरक्षावादी कदम उठाए जा रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा था पिछले 25 वर्षों में वैश्वीकरण का एक प्रभाव नौकरी जाना और कई समाजों में जीवन स्तर से असंतोष रहा है। व्‍यापार का न केवल वैश्वीकरण हुआ है। अलबत्ता, इसे हथियार भी बनाया गया है।

महत्‍वपूर्ण मसलों से हटा है दुन‍िया का फोकस

जयशंकर ने यह भी कहा था कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों ने वैश्विक राजनीति का फोकस मल्‍टीलेट्रल डेवलपमेंट बैंक्‍स (MDB) में सुधार, जलवायु परिवर्तन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से हटा दिया है। IMEC की परिकल्पना पिछले साल भारत में हुई G20 बैठक के दौरान की गई थी।

जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया जब चीन से क्‍लीन एनर्जी और हाई टेक सेक्‍टरों में उत्पादों की एक नई लहर से भारत सहित कई क्षेत्रों में नौकरियों के जाने की आशंका है। इसे 'चाइना शॉक 2.0' करार दिया जा रहा है। इसे देखते हुए ही अमेरिका ने चीन पर भारी टैरिफ लगाया है।

चीन पहले भी दे चुका है दुनिया को झटका

पहला झटका तब लगा था जब 2001 में चीन के विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शामिल होने के बाद सस्ते चीनी सामानों ने वैश्विक बाजारों में बाढ़ ला दी थी। इसके चलते दुनिया भर में नौकरियां चली गईं।

भारत ने भी चीनी उत्पादों पर सब्सिडी-रोधी उपायों को बढ़ा दिया है। अकेले 2024 में भारत ने चीन के खिलाफ 30 से अधिक एंटी-डंपिंग उपाय लागू किए, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है।

लक्षित उत्पादों में प्लास्टिक प्रोसेसिंग मशीन, वैक्यूम-इंसुलेटेड फ्लास्क, वेल्डेड स्टेनलेस स्टील पाइप और ट्यूब, सॉफ्ट फेराइट कोर और औद्योगिक लेजर मशीन जैसी औद्योगिक वस्तुएं शामिल हैं।

एंटी-डंपिंग शुल्क की मांग करने वाले भारतीय व्यवसायों का तर्क है कि चीन एक बाजार अर्थव्यवस्था नहीं है। प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के लिए वह नियोजित तरीके से भारतीय उद्योगों को नुकसान पहुंचाता है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Shardiye Navratri 2024: नवरात्रि के पांचवें दिन होगी स्कंद माता की उपासना, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now