Hassan Nasrallah killing protest in Lucknow: शनिवार को जैसे ही नसरल्लाह के मारे जाने की खबर मिली वैसे ही कश्मीर से लेकर लखनऊ तक नसरल्लाह की हत्या के विरोध में शिया मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. हिजबुल्ला के समर्थन में उमड़ी भीड़ ने नारे भी लगाए. बड़गाम में महिलाओं ने एक बड़ी विरोध रैली निकाली, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने नसरल्लाह हमारी जिंदगी है के नारे लगाए. सोशल मीडिया पर भी शिया सेंटिमेंट्स देखने को मिल रहा है. वहां मौजूद तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि हाथों में नसरल्लाह के पोस्टर लेकर लोगो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
'घर-घर से नसरल्लाह निकलेगा' और तीन दिन का शोक
लखनऊ में भी ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली. लखनऊ में शिया समुदाय के लोगों ने दरगाह हज़रत अब्बास पर पोस्टर लगाकर तीन दिन तक शोक मनाने का ऐलान किया. इसके साथ ही शिया मुस्लिम बहुल्य इलाकों में दुकानों को बंद रखी गई और दुकानों के बाहर हिजबुल्हा और नसरल्लाह के पोस्टर लगाए गए. लेकिन सवाल ये है कि लेबनान के आतंकी को इज़रायल ने मारा तो यहां क्यों बंद ? सवाल ये भी है 'घर-घर से नसरल्लाह निकलेगा' के नारे क्यों लगे?. सवाल ये भी है कि कश्मीर से लेकर यूपी, हिजबुल्लाह के कितने 'हितैषी' ?
'है जान हमारी हिजबुल्लाह'
नसरल्लाह की हत्या के विरोध में प्रदर्शन. कश्मीर में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन. हिजबुल्लाह के समर्थन में हुई नारेबाजी. विरोध प्रदर्शन में बच्चे महिलाएं शामिल. 'है जान हमारी हिजबुल्लाह... है शान हमारी हिजबुल्लाह के लगे नारे.
कश्मीर से यूपी, हिजबुल्लाह के कितने 'हितैषी' ?
शिया बहुल्य इलाकों में दुकाने हुईं बंद. दुकानों के बाहर हिजबुल्लाह के पोस्टर लगे. धार्मिक इमारतों पर काले झंडे लगाए गए. शियाओं ने PM नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. महबूबा मुफ्ती ने नसरल्ला की मौत पर शोक जताते हुए कल एक दिन मातम मनाया था. उन्होंने इजरायल के अटेंप्ट पर रोस जताते हुए चुनाव प्रचार नहीं किया था. आज उमर अबदुल्ला ने भी नसरल्ला की मौत पर इजरायल पर निशाना साधा है. सब एक सुर में पीएम मोदी से स्टैंड लेने की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना
वहीं बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि नसरल्ला कोई महात्मा गांधी नहीं था, जिसके लिए यहां लोग टेसुआ बहा रहे हैं. वहीं असम के सीएम ने भी हिजबुल्ला प्रमुख नसरल्ला की मौत पर शोक जताने वालों पर निशाना साधा है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन लोगों को बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्याओं और अत्याचारों की घटनाएं नहीं दिखाई देती. हिंदुओं की हालत पर ये लोग मुह सिल लेते हैं.
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