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नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। हालांकि, भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। भारत ने यूएनजीए में उस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिसमें मांग की गई थी कि इजराइल के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी अवैध मौजूदगी को 12 महीने के भीतर बिना किसी विलंब के हटाए। इस 193 सदस्यीय महासभा ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने वोटिंग किया। इसमें 14 ने विरोध में मतदान किया और भारत समेत 43 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पास
फिलिस्तीन की ओर से तैयार प्रस्ताव में इजराइल सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किए जाने की भी कड़ी निंदा की गई। इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है। इसमें कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
भारत समेत इन देशों ने नहीं लिया वोटिंग में हिस्सा
मतदान में हिस्सा नहीं लेने वालों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन शामिल हैं। इजराइल और अमेरिका उन देशों में शामिल थे जिन्होंने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। बुधवार को पारित प्रस्ताव में मांग की गई कि इजराइल बिना किसी देरी के कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी गैरकानूनी मौजूदगी को हटाये। ऐसा वर्तमान प्रस्ताव को अपनाने के 12 महीने के भीतर किया जाए।इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पास
फिलिस्तीन की ओर से तैयार प्रस्ताव में इजराइल सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों की अवहेलना किए जाने की भी कड़ी निंदा की गई। इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे उल्लंघनों से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है। इसमें कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।गाजा ने इजरायली हमलों में मारे गये 34,344 लोगों की जारी की पहचान
उधर, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायली हमलों में मारे गए 34,344 फिलिस्तीनियों की पहचान जारी की है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने नाम, आयु और पहचान संख्या की एक लिस्ट प्रकाशित की है, जिसमें अब तक युद्ध में मारे गए 80 फीसदी से अधिक फिलिस्तीनियों के नाम शामिल हैं। सूची में शामिल नामों के अलावा इजरायल के साथ संघर्ष में मारे गये शेष 7,613 लोगों को मिलाकर मृतकों की संख्या अब 41 हजार से अधिक हो गई है। उनके शव अस्पतालों और मुर्दाघरों में रखे गए हैं, लेकिन अब तक पहचान नहीं हुई है।
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