क्या यह मानव तस्करी का नया खेल? बॉर्डर पर नदी से मिला बांग्लादेशी पासपोर्टों से भरा बैग

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मानव तस्करी का नया मामला सामने आया है। पहली बार पकड़े गए इस मामले से सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं। बीएसएफ समेत सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस माध्यम से बड़े स्तर पर बांग्लादेशियों की भ

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर मानव तस्करी का नया मामला सामने आया है। पहली बार पकड़े गए इस मामले से सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं। बीएसएफ समेत सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस माध्यम से बड़े स्तर पर बांग्लादेशियों की भारत या अन्य देशों के लिए मानव तस्करी कराई जा रही है। इसके तार भारत के पश्चिम बंगाल से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।
बैग में 43 बांग्लादेशी पासपोर्ट और 6 क्लियरेंस सर्टिफिकेट
इस मामले का खुलासा उस बैग से हुआ, जिसे बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने सोनाई नदी से पकड़ा। इस बैग में 43 बांग्लादेशी पासपोर्ट और बांग्लादेश पुलिस से जारी 6 क्लियरेंस सर्टिफिकेट थे। बीएसएफ के अधिकारियों के मुताबिक, मामले की जानकारी शुक्र-शनिवार की रात करीब 12 बजे तब सामने आई, जब BSF की बोट पेट्रोलिंग पार्टी ने सोनाई नदी पर संदिग्ध सफेद बैग को तैरते देखा। शक होने पर पट्रोलिंग टीम जब उसके नजदीक पहुंची तो उस बैग को बांग्लादेश की तरफ रस्सी से खींचने का प्रयास किया जा रहा था। गश्ती दल ने तुरंत उस बैग को कब्जे में लिया और उसे उत्तर 24 परगना इलाके में स्थित तराली-1 चौकी में लाकर खोला गया।

बैग में बांग्लादेशी पासपोर्ट, पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट के अलावा अन्य कुछ सामान था। जांच में सभी पासपोर्ट असली लग रहे हैं। सभी 6 पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी बांग्लादेश पुलिस से क्रोएशिया को जारी किए गए थे। अभी इनके असली-नकली होने की जांच कराई जा रही है।

खुफिया एजेंसियां अलर्ट, पुलिस भी कर रही जांच
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत देश की खुफिया एजेंसियों को भी दी गई है। जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आखिर इस तरह से भारत से बांग्लादेश भेजे जा रहे बांग्लादेशी पासपोर्ट से क्या हासिल करने का प्रयास किया जा रहा था। सूत्रों का कहना है कि इन पासपोर्ट में कुछ में अलग-अलग देशों के लिए वीजा स्टैंपिंग हुई थी। शक है कि विदेश जाने के लिए बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल का यह संयुक्त इंटरनैशनल रैकेट बांग्लादेशियों को भारत या अन्य देशों में सेटल कराने का काम कर रहा है। मामले में स्थानीय पुलिस भी जांच कर रही है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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