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नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी का पीएम के रूप में तीसरा कार्यकाल शुरू हो चुका है। पिछली दो बार के उलट इस बार गठबंधन में सहयोगी दलों पर निर्भरता अधिक है। इस बीच संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष पीएम मोदी के साथ ही केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रहा है। जम्मू कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों ने विपक्ष को सरकार को निशाने पर लेने का एक मौका दे दिया है। इस बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बीएसएफ के डीजी को उनके पद से हटा दिया है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार की तरफ से इसी तर्ज पर कई और फैसले लिए जाएंगे।जल्द होंगे बड़े फैसले
खास बात है कि पीएम मोदी जब तीसरी बार कुर्सी पर बैठे तो कयासों के उलट अपने कैबिनेट से लेकर नौकरशाही में शीर्ष स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं किया। इसे पीएम मोदी के काम करने का तरीका समझा जा सकता है। विपक्ष के साथ ही नौकरशाही को लगा कि पीएम मोदी गठबंधन के दबाव में ऐसे में वह इस बार बड़े फैसले लेने में हिचकेंगे। हालांकि, मोदी सरकार के एक साथ दो शीर्ष अधिकारियों को लेकर अचानक हुए इस ऐक्शन ने इस भ्रम को काफी हद तक दूर कर दिया होगा। माना जा रहा है कि मोदी सरकार इसके बाद जल्द ही कई और बड़े फैसले ले सकती है।
नौकरशाही में दिखेगा बदलाव
आने वाले समय में सबसे पहले नौकरशाही में बदलाव देखने को मिलेंगे। इसकी वजह है कि कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा और होम सेक्रेटरी अजय भल्ला का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि इन पदों पर नए लोगों को रखा जाएगा। खबर है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के प्रदर्शन से भी खुश नहीं हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की सलाह से यहां भी बड़ा बदलाव संभव है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से सुरक्षा बलों की जानें गई हैं, ऐसे में केंद्र सरकार नहीं चाहती कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी यहां फिर से पहले की तरह अपनी जड़ें मजबूत करें। ऐसे में खुफिया और सुरक्षा नेटवर्क की भी समीक्षा की जाएगी।
जल्द होंगे बड़े फैसले
खास बात है कि पीएम मोदी जब तीसरी बार कुर्सी पर बैठे तो कयासों के उलट अपने कैबिनेट से लेकर नौकरशाही में शीर्ष स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं किया। इसे पीएम मोदी के काम करने का तरीका समझा जा सकता है। विपक्ष के साथ ही नौकरशाही को लगा कि पीएम मोदी गठबंधन के दबाव में ऐसे में वह इस बार बड़े फैसले लेने में हिचकेंगे। हालांकि, मोदी सरकार के एक साथ दो शीर्ष अधिकारियों को लेकर अचानक हुए इस ऐक्शन ने इस भ्रम को काफी हद तक दूर कर दिया होगा। माना जा रहा है कि मोदी सरकार इसके बाद जल्द ही कई और बड़े फैसले ले सकती है।नौकरशाही में दिखेगा बदलाव
आने वाले समय में सबसे पहले नौकरशाही में बदलाव देखने को मिलेंगे। इसकी वजह है कि कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा और होम सेक्रेटरी अजय भल्ला का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि इन पदों पर नए लोगों को रखा जाएगा। खबर है कि मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों के प्रदर्शन से भी खुश नहीं हैं। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की सलाह से यहां भी बड़ा बदलाव संभव है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से सुरक्षा बलों की जानें गई हैं, ऐसे में केंद्र सरकार नहीं चाहती कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी यहां फिर से पहले की तरह अपनी जड़ें मजबूत करें। ऐसे में खुफिया और सुरक्षा नेटवर्क की भी समीक्षा की जाएगी।चुनाव से पहले मजबूती का संकेत
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी विपक्ष को रणनीति को कुंद करने की तैयारी में हैं। पीएम मोदी इस बात को जानते हैं कि महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में पार्टी को सत्ता विरोधी का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन जातिगत विभाजन का फायदा उठाकर मुस्लिम वोटबैंक को मजबूत करने की रणनीति पर चल रहा है। ऐसे में मोदी सरकार ने पहले से ही मजबूती का संदेश देना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसी खबरें हैं कि महाराष्ट्र में मुस्लिम धर्म गुरु सीएम के रूप में उद्धव ठाकरे का समर्थन कर सकते हैं। ऐसे में पार्टी मजबूती से राज्य की इकाइयों के भीतर मतभेदों को दूर करने में जुटी हुई है।
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