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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग है। इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं। हालांकि, एनडीए के सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की है। इस बीच, विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्रियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी बैठक में शामिल होंगी। वो एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुकी हैं। हालांकि, उन्होंने बैठक में शामिल होने से पहले ही ये स्पष्ट कर दिया कि उनका प्लान क्या है। जानिए किन-किन राज्यों के सीएम हो रहे शामिल और कौन नहीं।
इन राज्यों के मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू
अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा
इन सभी राज्यों के सीएम बैठक में शामिल होंगे। नीति आयोग की यह बैठक भारत के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में 'विकसित भारत @2047' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।
'विकसित भारत @2047' के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा
नीति आयोग, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संस्थान है। इसका उद्देश्य देश के विकास के लिए नीतियां बनाना और राज्यों को सलाह देना है। इस संस्थान की गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हर साल होती है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेते हैं। इस साल होने वाली बैठक खास है क्योंकि इसमें 'विकसित भारत @2047' के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा होगी। इस डॉक्यूमेंट में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी।
ममता को छोड़ विपक्षी सीएम ने बनाई बैठक से दूरी
विपक्षी इंडिया गठबंधन के ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे। इनमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बैठक के बहिष्कार का फैसला किया है।ममता ने बताया क्यों हो रहीं मीटिंग में शामिल
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है। इस बैठक के लिए वो दिल्ली पहुंच चुकी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के नेतृत्व वाले राज्यों के प्रति 'सौतेला व्यवहार' करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगी। शुक्रवार को दिल्ली रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने कहा कि बजट से पहले मैंने कहा था कि मैं मीटिंग में शामिल होऊंगी। नीति आयोग की आवश्यकता के अनुसार मेरे लिखित भाषण की एक प्रति भी भेजी गई थी। जब बजट पेश किया गया, तो मैंने पाया कि कैसे विपक्षी दलों की ओर से शासित राज्यों की उपेक्षा की गई थी। उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया था। मैं इस बारे में बोलना चाहती हूं। अगर वे मुझे बोलने देते हैं, तो ठीक है। अगर वे नहीं करते हैं, तो मैं विरोध करूंगी और चली जाऊंगी।इन राज्यों के मुख्यमंत्री करेंगे शिरकत
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू
अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौना मीन
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साह
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा
इन सभी राज्यों के सीएम बैठक में शामिल होंगे। नीति आयोग की यह बैठक भारत के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में 'विकसित भारत @2047' के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।
'विकसित भारत @2047' के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा
नीति आयोग, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण संस्थान है। इसका उद्देश्य देश के विकास के लिए नीतियां बनाना और राज्यों को सलाह देना है। इस संस्थान की गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हर साल होती है, जिसमें देश के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री हिस्सा लेते हैं। इस साल होने वाली बैठक खास है क्योंकि इसमें 'विकसित भारत @2047' के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा होगी। इस डॉक्यूमेंट में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी।इन मुद्दों पर भी बनेगी रणनीति
इसके अलावा, बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बातचीत होगी। इनमें सभी के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर और किफायती बनाना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और भूमि और संपत्ति के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण जैसे मुद्दे शामिल हैं। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन में पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और भूमि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे।
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