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ब्रिजटाउन (बारबाडोस): टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में भारतीय टीम ने बल्ले से क्या शुरुआत की थी। पहले ओवर में 3 चौके, फिर दूसरे ओवर की पहली दो गेंद पर दो चौके, यानी टीम इंडिया ने शुरुआत 8 गेंदों पर 5 चौके मार दिए थे। यहां से अगली चार गेंद पर टीम के दो विकेट भी गिर गए। साउथ अफ्रीकी की बॉलिंग हावी हो गई। यहां से भारत को कुछ ऐसा करना था, जिसके लिए साउथ अफ्रीका की टीम तैयार नहीं हो। यह जिम्मा उठाया आखिरी बार टीम इंडिया को कोचिंग दे रहे राहुल द्रविड़ ने।
डगआउट से ड्रेसिंग रूम भागे द्रविड़
भारतीय पारी की शुरुआत में राहुल द्रविड़ डकआउट में बैठे थे। लेकिन जैसे ही दो विकेट गिरा वह ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए। भारतीय टीम को तीसरा झटका भी पावरप्ले के अंदर ही लग गया। सूर्यकुमार यादव का विकेट भी पावरप्ले में ही गिर गया। यहां साउथ अफ्रीकी टीम उम्मीद कर रही थी कि हार्दिक पंड्या या शिवम दुबे क्रीज पर आएंगे। लेकिन राहुल द्रविड़ ने यहां अक्षर पटेल को बल्लेबाजी के लिए भेज दिया। अक्षर ने 47 रनों की पारी खेलकर भारत को मुश्किल से निकाल दिया।
अक्षर ने खुद किया खुलासा
अक्षर पटेल ने खुद भारत की जीत के बाद इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पहले से उन्हें ऊपर भेजने की कोई प्लानिंग नहीं थी। राहुल द्रविड़ ने बीच में आकर उन्हें ऊपर जाने को कहा। अक्षर ने बताया, 'मैंने सोचा कि मैं बल्लेबाजी क्रम में नीचे जाने वाला हूं। जब हमने तीन विकेट खो दिए तो राहुल भाई ने अचानक मुझे पैड लगाने के लिए कहा। बल्लेबाजी के बारे में सोचने का समय नहीं था और इससे मुझे मदद मिली।'
डगआउट से ड्रेसिंग रूम भागे द्रविड़
भारतीय पारी की शुरुआत में राहुल द्रविड़ डकआउट में बैठे थे। लेकिन जैसे ही दो विकेट गिरा वह ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए। भारतीय टीम को तीसरा झटका भी पावरप्ले के अंदर ही लग गया। सूर्यकुमार यादव का विकेट भी पावरप्ले में ही गिर गया। यहां साउथ अफ्रीकी टीम उम्मीद कर रही थी कि हार्दिक पंड्या या शिवम दुबे क्रीज पर आएंगे। लेकिन राहुल द्रविड़ ने यहां अक्षर पटेल को बल्लेबाजी के लिए भेज दिया। अक्षर ने 47 रनों की पारी खेलकर भारत को मुश्किल से निकाल दिया।अक्षर ने खुद किया खुलासा
अक्षर पटेल ने खुद भारत की जीत के बाद इसका खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पहले से उन्हें ऊपर भेजने की कोई प्लानिंग नहीं थी। राहुल द्रविड़ ने बीच में आकर उन्हें ऊपर जाने को कहा। अक्षर ने बताया, 'मैंने सोचा कि मैं बल्लेबाजी क्रम में नीचे जाने वाला हूं। जब हमने तीन विकेट खो दिए तो राहुल भाई ने अचानक मुझे पैड लगाने के लिए कहा। बल्लेबाजी के बारे में सोचने का समय नहीं था और इससे मुझे मदद मिली।'द्रविड़ का सपना हुआ पूरा
राहुल द्रविड़ खिलाड़ी के रूप में एक भी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए थे। वेस्टइंडीज में ही हुए 2007 वर्ल्ड कप में वह टीम इंडिया के कप्तान थे। भारत तब पहले राउंड में हारकर बाहर हुआ था। उन्हें 2011 वर्ल्ड कप की टीम में जगह नहीं मिली। अब द्रविड़ ने कोच के रूप में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया।
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