महाराष्ट्र में जो उपमुख्यमंत्री बना, वह कभी नहीं बन पाया मुख्यमंत्री, क्या इस बार भी जारी रहेगा रिवाज?

मुंबई : महाराष्ट्र के इतिहास में पिछले 46 साल में 9 नेता उपमुख्यमंत्री बने, पर इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस भी उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन क्या वे इस रिकॉर्ड को तोड़ जाएंगे। गोपीनाथ मुंडे, अजित पवार जैसे

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मुंबई : महाराष्ट्र के इतिहास में पिछले 46 साल में 9 नेता उपमुख्यमंत्री बने, पर इनमें से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस भी उपमुख्यमंत्री थे, लेकिन क्या वे इस रिकॉर्ड को तोड़ जाएंगे। गोपीनाथ मुंडे, अजित पवार जैसे कई दिग्गज नेता उपमुख्यमंत्री बने, लेकिन आज तक इनमें से कोई मुख्यमंत्री नहीं बन सका।

कुछ ऐसी रही प्रदेश के उप मुख्यमंत्रियों की स्थिति

वर्ष-1978 में कांग्रेस के वसंतदादा पाटील की सरकार में नासिक राव तिरपुडे 3 माह तक उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे। उसी साल शरद पवार ने अपनी सरकार बनाई, तब तिरपुडे को पद छोड़ना पड़ा। पवार ने सुंदरराव सोलंके को उपमुख्यमंत्री बनाया। सोलंके एक वर्ष से ज्यादा इस पद पर रहे। 1983 में तिरपुडे के मुख्यमंत्री बनने की खूब चर्चा थी, लेकिन वसंतदादा पाटील ने फिर बाजी मार ली। 1983 में जब वसंतदादा पाटील मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने रामराव आदिक को उपमुख्यमंत्री बनाया। आदिक कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। वे 1985 तक उपमुख्यमंत्री रहे। उनके भी कई बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी तक वे नहीं पहुंच पाए।

सियासी समीकरणों के चलते अजित पवार भी पद से चूके

महाराष्ट्र में पहली बार 1995 में शिवसेना-बीजेपी की सरकार बनी। शिवसेना ने मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया, तो बीजेपी ने गोपीनाथ मुंडे को उपमुख्यमंत्री बनाया। 1999 में शरद पवार ने सोनिया गांधी के विदेशी होने के मुद्दे को गर्माकर एनसीपी का गठन किया, लेकिन बाद में शरद पवार ने कांग्रेस के साथ ही गठबंधन कर लिया। 1999 के चुनाव में कांग्रेस का मुख्यमंत्री बना, तो शरद पवार ने छगन भुजबल को उपमुख्यमंत्री बनाया। सुशील शिंदे और विलासराव देशमुख की सरकार में भुजबल उपमुख्यमंत्री रहे। 2003 में एक आरोप के बाद भुजबल को साइड लाइन कर दिया गया। फिर शरद पवार ने 2003 में विजय सिंह पाटील को उपमुख्यमंत्री बनाया। शरद पवार ने 2004 में आरआर पाटील को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी। शरद पवार ने पहली बार 2010 में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया। अजित अब तक पृथ्वीराज चव्हाण, देवेंद्र फडणवीस, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री काम कर चुके हैं। अजित कई बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं, लेकिन सियासी समीकरणों के चलते मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।

क्या फडणवीस तोड़ पाएंगे यह मिथक

वर्ष-2014 में बीजेपी की सरकार आई, तो पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया। 2019 के चुनाव के बाद फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की पूरी संभावना थी, लेकिन उद्धव ठाकरे के अलग होने से फडणवीस चूक गए। उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने के बाद शिंदे सरकार बनी। तब फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। अब सवाल यही खड़ा हो रहा है कि क्या फडणवीस इस मिथक को तोड़ पाएंगे। क्या वे उपमुख्यमंत्री से फिर मुख्यमंत्री बन पाएंगे?

महाराष्ट्र राजनीति की फैक्ट फाइल

- 46 वर्षों में 9 नेता उपमुख्यमंत्री बने, लेकिन कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाया
- 1978 में कांग्रेस सरकार में नासिक राव तिरपुडे 3 महीने तक उपमुख्यमंत्री रहे
- 1983 में वसंतदादा की सरकार में रामराव आदिक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया
- 1995 में बीजेपी-शिवसेना की सरकार में गोपीनाथ मुंडे उपमुख्यमंत्री बने
- 1999 में कांग्रेस की सरकार में छगन भुजबल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया
- 2003 में शरद पवार ने विजय सिंह पाटील को उपमुख्यमंत्री बनाया
- 2004 में शरद पवार ने आरआर पाटील को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी
- 2010 में शरद पवार ने पहली बार अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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