वसूली, अपहरण, फर्जी मुकदमा... एक सिपाही के पीछे पड़ गया पूरा थाना! चंदौली में 18 पुलिसकर्मियों पर केस की कहानी क्या है?

गाजीपुरः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नंदगंज थाने में चंदौली के पूर्व SP अमित कुमार (IPS), 4 इंस्पेक्टर समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह FIR गाजीपुर के मुख्‍य न्‍यायिक मैजिस्‍ट्रेट (CJM) स्‍वप्‍न आनंद की अदालत के आदेश पर

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गाजीपुरः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नंदगंज थाने में चंदौली के पूर्व SP अमित कुमार (IPS), 4 इंस्पेक्टर समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह FIR गाजीपुर के मुख्‍य न्‍यायिक मैजिस्‍ट्रेट (CJM) स्‍वप्‍न आनंद की अदालत के आदेश पर दर्ज की गई है। आरोपियों को दंगा, सरकारीकर्मी द्वारा कानून न मानना, गलत तरीके से हिरासत में लेना, अपहरण, वसूली और धोखाधड़ी की धाराओं में नामजद किया गया है।
किसने कराया मुकदमा
वाराणसी के भुल्‍लनपुर इलाके में रहने वाले बर्खास्‍त हेड कॉन्स्‍टेबल अनिल सिंह ने साल 2022 में सीजेएम की अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में अनिल की ओर से कहा गया था कि उसने खुलासा किया था कि चंदौली के तत्‍कालीन SP समेत पुलिसकर्मी हर महीने जनता से 12.50 लाख रुपये उगाही कर रहे हैं। इस पर SP ने 28 फरवरी, 2021 को अनिल को बर्खास्‍त कर दिया।

अपहरण की कोशिश
इसके बाद SP और स्‍वाट टीम के इंस्‍पेक्‍टर राजीव कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी अजित कुमार सिंह, चंदौली के थानेदार सत्‍येंद्र विक्रम सिंह सहित अन्‍य पुलिसकर्मियों ने गाजीपुर स्थित ससुराल से अनिल का हत्‍या के इरादे से अपहरण किया। दो दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखने के बाद चंदौली के बबुरी थाने में फर्जी मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। CJM ने 21 सितंबर, 2024 को आरोपितों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया था।

क्या है मामला
दरअसल, सिपाही अनिल सिंह ने साल 2021 में तत्कालीन एसपी अमित कुमार द्वितीय समेत 18 पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। थाने में दी गई अपनी तहरीर में उन्होंने कहा कि एसपी चंदौली अमित कुमार द्वितीय, प्रभारी निरीक्षक मुगलसराय शिवानंद मिश्रा अपने पद का दुरुपयोग कर मुगलसराय थाने में 12.50 लाख रुपये प्रतिमाह जनता से नियमों के खिलाफ जाकर वसूली करते हैं।

अनिल सिंह ने यह वसूली सूची सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दी थी, जिससे हड़कंप मच गया था। मामले की जांच डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने की, जिसमें भ्रष्टाचार उजागर हुआ। आरोप है कि इसके बाद बदले की कार्रवाई करते हुए एसपी ने 28 फरवरी 2021 को कांस्टेबल अनिल सिंह को बर्खास्त कर दिया। इतना ही नहीं, 8 जुलाई 2021 को अनिल सिंह को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश भी की गई।

हत्या की कोशिश
अनिल सिंह का आरोप यह भी है कि इस दौरान उनकी हत्या की भी कोशिश की गई। अनिल सिंह ने बताया कि एसपी चंदौली अमित कुमार द्वितीय और स्वाट टीम प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी एसआई अजीत कुमार सिंह, थानाध्यक्ष बबुरी, एसआई सत्येंद्र विक्रम सिंह, हेड कांस्टेबल आनंद सिंह, अमित कुमार यादव, कांस्टेबल भुल्लन यादव, चालक स्वाट टीम, कांस्टेबल राणा प्रताप सिंह और कांस्टेबल आनंद कुमार गौड़ ने सादे कपड़ों में 5 सितंबर 2021 को शाम साढ़े 5 बजे सफेद रंग की बिना नंबर प्लेट की बोलेरो से उनके ससुराल पहुंचे। वहां से उनका अपहरण कर लिया।

अनिल सिंह की बेटी ने इसकी सूचना तत्काल डायल 112 पर दी और थानाध्यक्ष नंदगंज को भी सूचित किया। इससे उनकी जान तो बच गई लेकिन आरोप है कि उन्हें दो दिन तक पुलिस कस्टडी में रखा गया। इस दौरान फर्जी दस्तावेज बनाए गए। 7 सितंबर 2021 को उन्हें कथित तौर पर झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। अनिल सिंह ने इस मामले में थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस अधिकारियों के इन्वॉल्व होने की वजह से केस दर्ज नहीं हुआ।

कोर्ट पहुंचे अनिल सिंह
इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की अदालत में अनिल सिंह ने प्रार्थना पत्र दिया तो 21 सितंबर 2024 को कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करते हुए नंदगंज पुलिस तो आदेश दिया कि वह मामले की विवेचना करे। 10 अक्टूबर तक भी केस दर्ज न करने के सवाल पर पुलिस ने कोर्ट में हलफनामा देकर बताया था कि मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है। उनके आदेश की प्रतीक्षा है। इसी वजह से मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सका है।

इसके बाद अनिल सिंह मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए और अवमानना की याचिका डाल दी। 12 नवंबर को कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि 28 नवंबर से पहले वह मुकदमा दर्ज कर कोर्ट को बताए। अनिल सिंह के वकील ने बताया कि पुलिस को इस मामले में 28 नवंबर को जवाब देना था। ऐसे में 27 नवंबर की रात को 12 बजकर 22 मिनट पर नंदगंज थाने में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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