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मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुर श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद याचिका के जरिए मुद्दे को गरमाने के बाद अब अजमेर शरीफ दरगाह का मुद्दा खासी चर्चा में है। इन दोनों मुद्दों के बीच की जो कड़ी जोड़ती है, वह हैं विष्णु गुप्ता। विष्णु गुप्ता ने इन दोनों मामलों में कोर्ट में याचिका दायर की। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 से इतर मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिदों को वास्तवित स्वरूप दिलाने की लड़ाई लड़ते वे दिख रहे हैं। अजमेर शरीफ दरगाह सर्वे को लेकर दायर याचिका पर 27 नवंबर को बड़ा फैसला आया है। इसमें वादी विष्णु गुप्ता ही हैं।अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए वादी विष्णु गुप्ता की याचिका पर अहम फैसला दिया। कोर्ट ने दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मामला, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। विष्णु गुप्ता दिल्ली के रहने वाले हैं। हिंदू राष्ट्र सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता लगातार हिंदुओं के पूजा स्थलों का मसला उठा रहे हैं। अजमेर शरीफ दरगाह मुद्दे पर भी उनका कहना है कि इसमें 1991 पूजा स्थल एक्ट इसलिए लागू नहीं होता है।
विष्णु गुप्ता का नाम पहले भी चर्चा में रहा है। वर्ष 2015 में दिल्ली पुलिस ने केरल हाउस कैंटीन में गोमांस परोसे जाने की कथित झूठी शिकायत करने के आरोप में उन्हें हिरासत में लिया था। वर्ष 2021 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के ऑफिस पर तोड़फोड़ करने को लेकर वे अरेस्ट हुए थे।
वर्ष 2022 में हिंदू सेना अध्यक्ष की तरफ से उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके अलावा दिल्ली में बाबर रोड पर लगे बोर्ड पर कालिख पोतने में भी उनके संगठन का नाम आया था। हिंदू सेना की तरफ से बाबर रोड के बोर्ड पर अयोध्या रोड का पोस्टर लगा दिया गया था।
वर्ष 2023 में हिंदू सेना की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आदिपुरुष फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने उस समय याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। हिंदू सेना के अध्यक्ष ने सनातन धर्म और श्रीराम मंदिर और काशी-मथुरा पर नफरत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
क्या है दावा?
विष्णु गुप्ता का दावा है कि पहले में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के अंदर कभी किसी इंसान को पूजा करने के लिए जाने ही नहीं दिया गया। इस कारण इस स्थल पर यह एक्ट लागू नहीं हो सकता है। उनके वकील का कहना है कि 38 पेज के दायर वाद में 38 पॉइंट में दिए गए अन्य प्वाइंट्स को ध्यान में रखते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुना जाएगा।हिंदू सेना के हैं प्रमुख
विष्णु गुप्ता हिंदू सेना नामक संगठन के प्रमुख हैं। इसकी स्थापना वर्ष 2011 में की गई थी। विष्णु गुप्ता मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से पक्षकार है। इसको लेकर उनकी चर्चा खूब होती है। विष्णु गुप्ता अपनी याचिकाओं के कारण एक वर्ग के निशाने पर हैं। उन्हें पिछले दिनों एक धमकी भरा लेटर और तीन गोलियां भेजी गई थी। इस मामले में मधु विहार थाने में केस भी है। अब वह अजमेर शरीफ मामले में चर्चा में आ गए हैं।विष्णु गुप्ता का नाम पहले भी चर्चा में रहा है। वर्ष 2015 में दिल्ली पुलिस ने केरल हाउस कैंटीन में गोमांस परोसे जाने की कथित झूठी शिकायत करने के आरोप में उन्हें हिरासत में लिया था। वर्ष 2021 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के ऑफिस पर तोड़फोड़ करने को लेकर वे अरेस्ट हुए थे।
वर्ष 2022 में हिंदू सेना अध्यक्ष की तरफ से उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इसके अलावा दिल्ली में बाबर रोड पर लगे बोर्ड पर कालिख पोतने में भी उनके संगठन का नाम आया था। हिंदू सेना की तरफ से बाबर रोड के बोर्ड पर अयोध्या रोड का पोस्टर लगा दिया गया था।
वर्ष 2023 में हिंदू सेना की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आदिपुरुष फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने उस समय याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। हिंदू सेना के अध्यक्ष ने सनातन धर्म और श्रीराम मंदिर और काशी-मथुरा पर नफरत भरे भाषण देने वालों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।
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