अजमेर दरगाह- छोटे-छोटे जज आग लगवाना चाहते हैं- राम गोपाल यादव, सिब्बल बोले- चिंताजनक

Ajmer Dargah Shiv Mandir Case: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा अदालत में पहुंच गया है. दीवानी मुकदमे में एक स्थानीय अदालत ने नोटिस जारी किया है. इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य, राम गोपाल यादव ने कहा कि 'छोटे-छोटे जज बैठे

4 1 4
Read Time5 Minute, 17 Second

Ajmer Dargah Shiv Mandir Case: अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा अदालत में पहुंच गया है. दीवानी मुकदमे में एक स्थानीय अदालत ने नोटिस जारी किया है. इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य, राम गोपाल यादव ने कहा कि 'छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि अजमेर शरीफ को विवादों में डालना 'बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है'. वहीं, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'इस तरह कानून का शासन और लोकतंत्र कहां जाएगा? यह देश के हित में नहीं है.' सीनियर एडवोकेट और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्‍यक्ष, कपिल सिब्बल ने X पर इस घटनाक्रम को 'चिंताजनक' बताया. उन्होंने सवाल उठाया कि राजनीतिक लाभ के लिए देश को कहां ले जाया जा रहा है!

'देश में आग लगवाना चाहते हैं छोटे जज'

सपा नेता राम गोपाल यादव ने गुरुवार को ANI से कहा, 'इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं. कोई मतलब नहीं है इसका. अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं. देश दुनिया से लोग वहां आते हैं. उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है. सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है.'

यह भी पढ़ें: अजमेर शरीफ दरगाह है या मंदिर? हर साल सजदा करने आते थे अकबर, जानिए यहां का इतिहास

सिब्बल ने X पर एक पोस्ट में कहा, 'चिंताजनक. नया दावा: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर. हम इस देश को कहां ले जा रहे हैं? और क्यों? राजनीतिक लाभ के लिए?'

Worrisome

The latest claim :

Shiv Temple at Ajmer Dargah

where are we taking this country ?

And why ?

For political dividends !

— Kapil Sibal (@KapilSibal) November 28, 2024

निचली अदालतें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही: ओवैसी

अजमेर दरगाह मामले पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'दरगाह पिछले 800 सालों से यहीं है... नेहरू से लेकर सभी प्रधानमंत्री दरगाह पर चादर भेजते रहे हैं... बीजेपी-आरएसएस ने मस्जिदों और दरगाहों को लेकर इतनी नफरत क्यों फैलाई है? पीएम मोदी भी वहां चादर भेजते हैं... निचली अदालतें प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई क्यों नहीं कर रही हैं? ...इस तरह कानून का शासन और लोकतंत्र कहां जाएगा? यह देश के हित में नहीं है. पीएम मोदी और आरएसएस का शासन देश में कानून के शासन को कमजोर कर रहा है. ये सब बीजेपी-आरएसएस के निर्देश पर किया जा रहा है...'

यह भी पढ़ें: वो कानून जिसके दमपर ओवैसी अजमेर दरगाह के मामले में बन रहे 'दरोगा', क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991?

अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर?

मामले में वादी के वकील ने कहा कि अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को निर्देश दिया था कि एक दीवानी मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी किया जाए. वाद में दावा किया गया है कि दरगाह में एक शिव मंदिर है. अधिवक्ता योगेश सिरोजा ने अजमेर में पत्रकारों को बताया कि मुकदमे की सुनवाई दीवानी न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में हुई. सिरोजा ने कहा कि दरगाह में एक शिव मंदिर होने का दावा करते हुए सितंबर में मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें वहां फिर से पूजा शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा, 'हमारी मांग थी कि अजमेर दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित किया जाये और दरगाह का किसी प्रकार का पंजीकरण है तो उसको रद्द किया जाए. उसका सर्वेक्षण एएसआई के माध्यम से किया जाए और वहां पर हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार दिया जाए.' मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. इससे कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के संभल में इसी तरह के मामले को लेकर हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए थे. (एजेंसी इनपुट)

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बरेली रिंग रोड के लिए शासन ने जारी किए 800 करोड़, 30 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी; 3 ROB- 17 अंडरपास का होगा निर्माण

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, बरेली।शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वीकृत बरेली रिंग रोड के लिए शासन ने 800 करोड़ रुपये जारी कर दिए। धन जारी होते ही एनएचएआइ ने निविदा प्रक्रिया भी आमंत्रित कर दी। अधिकारियों के अनुसार जल्दी ही अधिग्र

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now