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नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र में माहौल शीत रहेगा। पीएम मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बिना नाम लिए हुए कहा कि जिनको देश ने नकार दिया है वह संसद को बाधित करने का काम कर रहे हैं। संसद में बेहतर चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग संसद में अपना योगदान दें। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिनको जनता ने अस्वीकार किया है वे संसद में हुड़दंगबाजी कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोग संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता है, देश की जनता उनके सारे व्यवहारों को देखती है और जब समय आता है तो उनके सजा भी देती है। पीएम मोदी ने कहा कि सबसे ज्यादा पीड़ा की बात है जो नए सांसद हैं नई विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं।
सदन में बोलने का उनको अवसर तक नहीं मिलता है। लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम है कि आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें लेकिन जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न तो संसद में चर्चा होने देते हैं और न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वो लोगों की आकांक्षाओं का वो महत्व समझते हैं, न उनका कोई दायित्व समझ पाते हैं, उसका परिणाम हैं कि वो जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते हैं। परिणाम जनता उनको बार-बार रिजेक्ट कर रही है।
संसद सत्र में हंगामे के आसार हैं। संभल हिंसा पर कांग्रेस ने नोटिस दिया है। विपक्ष एक ओर जहां अडानी और संभल मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है तो वहीं हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों के बाद सरकार का जोश भी हाई है। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं।
लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सबकी निगाहें वक्फ (संशोधन) विधेयक पर होंगी, जिसे मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोग संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो संसद की गतिविधि को रोकने से ज्यादा सफल नहीं होता है, देश की जनता उनके सारे व्यवहारों को देखती है और जब समय आता है तो उनके सजा भी देती है। पीएम मोदी ने कहा कि सबसे ज्यादा पीड़ा की बात है जो नए सांसद हैं नई विचार और नई ऊर्जा लेकर आते हैं, उनके अधिकारों को कुछ लोग दबोच देते हैं।
सदन में बोलने का उनको अवसर तक नहीं मिलता है। लोकतांत्रिक परंपरा में हर पीढ़ी का काम है कि आने वाली पीढ़ियों को तैयार करें लेकिन जनता ने जिनको लगातार नकार दिया है, वे न तो संसद में चर्चा होने देते हैं और न लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हैं। न ही वो लोगों की आकांक्षाओं का वो महत्व समझते हैं, न उनका कोई दायित्व समझ पाते हैं, उसका परिणाम हैं कि वो जनता की उम्मीदों पर कभी भी खरे नहीं उतरते हैं। परिणाम जनता उनको बार-बार रिजेक्ट कर रही है।
संसद सत्र में हंगामे के आसार हैं। संभल हिंसा पर कांग्रेस ने नोटिस दिया है। विपक्ष एक ओर जहां अडानी और संभल मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है तो वहीं हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों के बाद सरकार का जोश भी हाई है। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं।
लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सबकी निगाहें वक्फ (संशोधन) विधेयक पर होंगी, जिसे मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए जाने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
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