बांग्लादेशी घुसपैठ का साया, क्या पाकुड़ में BJP को मिलेगा फायदा? जानें लिट्टीपाड़ा और महेशपुर सीटों का हाल

पाकुड़ः झारखंड में पाकुड़ जिला पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा है। हाल के दिनों में बंगला देशी घुसपैठिये का मुद्दा सुर्खियों में आने से पाकुड़ का सियासी पारा परवान पर है। पाकुड़ जिले में पाकुड़ , लिट्टीपाड़ा और महेशपुर तीन विधानसभा सीट है। इसमें पाकुड़ साम

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पाकुड़ः झारखंड में पाकुड़ जिला पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा है। हाल के दिनों में बंगला देशी घुसपैठिये का मुद्दा सुर्खियों में आने से पाकुड़ का सियासी पारा परवान पर है। पाकुड़ जिले में पाकुड़ , लिट्टीपाड़ा और महेशपुर तीन विधानसभा सीट है। इसमें पाकुड़ सामान्य सीट है। जबकि लिट्टिपाड़ा और महेशपुर अजजा के लिए सुरक्षित सीट है। इसमें पाकुड़ पर कांग्रेस और लिट्टीपाड़ा व महेशपुर पर झामुमो का कब्जा है।
पाकुड़ कांग्रेस, लिट्टीपाड़ा व महेशपुर झामुमो का परम्परागत सीट समझा जाता रहा है। वर्ष 2019 में पाकुड़ में कांग्रेस के आलमगीर आलम, लिट्टीपाड़ा तीन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गया है। पाकुड़ जिले का तीनों सीट कांग्रेस व झामुमो का परम्परागत सीट समझा जाता रहा है। वर्ष 2019 पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के आलमगीर आलम, लिट्टीपाड़ा से झामुमो के दिनेश विलियम मरांडी और महेशपुर से प्रो स्टीफन मरांडी ने जीत दर्ज की।

पाकुड़ में आलमगीर की पत्नी निशात आलम की प्रतिष्ठा दांव पर


कांग्रेस और आजसू पार्टी के बीच सीधी टक्कर है। 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले टेंडर घोटाले का मामला उजागर होने तथा इस मामले में जेल चले जाने की वजह से पाकुड़ में इस कांग्रेस ने आलमगीर आलम की जगह उनकी पत्नी निशात आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने इस बार यह सीट आजसू के लिए छोड़ दिया है।

राजग गठबंधन में शामिल आजसू ने इस बार इस सीट पर अजहर इस्लाम को मैदान में उतारा है। इस क्षेत्र से इस बार निर्दलीय सहित विभिन्न दलों के 19 प्रत्याशी मैदान में हैं और इंडिया व राजग के वोट बैंक में सेंध मारी करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें से कौन किसका खेल बिगाड़ेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। फिर भी इस क्षेत्र में इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस का राजग गठबंधन में शामिल आजसू के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार दिख रहे हैं।

लिट्टीपाड़ा में हेमलाल को बाबूलाल मुर्मू से मिल रही चुनौती


पाकुड़ जिले के अजजा के लिए सुरक्षित लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में इस बार राजनीतिक समीकरण बदल गया है। झामुमो ने निवर्तमान विधायक दिनेश विलियम मरांडी का टिकट काट कर सुनिश्चित जीत वाले इस सीट पर पार्टी के कद्दावर नेता हेमलाल मुर्मू को मैदान में उतार दिया है जिससे निवर्तमान विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने बगावत कर दी और भाजपा में शामिल हो कर झामुमो के गढ़ को ध्वस्त करने में जुट गए हैं।

इस क्षेत्र से भाजपा ने एक बार फिर अपने पुराने योद्धा बाबू धन मुर्मू पर ही भरोसा जताया है। इस बार इस क्षेत्र से झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा व निर्दलीय सहित विभिन्न दलों के दस प्रत्याशी अपने भाग्य की आजमाइश कर रहे हैं। वर्ष 2019 में भी भी इस क्षेत्र में झामुमो और भाजपा के बाबू धन मुर्मू के बीच ही सीधा मुकाबला हुआ था। इस बार भी इस क्षेत्र में झामुमो व भाजपा के बीच ही कांटे की टक्कर होता दिख रहा है। झामुमो नेतृत्व के फैसले से नाराज़ निवर्तमान विधायक दिनेश विलियम मरांडी इस चुनाव में अपना बगावती कितना दिखा पाते यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।

महेशपुर में स्टीफन मरांडी के गढ़ को ध्वस्त कर पायेंगे नवनीत

पाकुड़ जिले में अजजा के लिए सुरक्षित महेशपुर विधानसभा क्षेत्र भी झामुमो की परम्परागत सीट समझा जाता रहा है। वर्ष 2014 से इस पर झामुमो के थिंक टैंक रहे प्रो स्टीफन मरांडी का कब्जा है। इस बार भी झामुमो ने प्रो स्टीफन मरांडी को ही तीसरी बार मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने इस बार पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन के बदले नये प्रत्याशी डीएसपी की नौकरी छोड़ राजनीति में उतरे भाजपा के नवनीत हेम्ब्रम को मैदान में उतारा है।

जबकि पूर्व विधायक मिस्त्री सोरेन बागी तेवर अपनाते हुए भारतीय आजाद सेना नाम की पार्टी के टिकट पर भाजपा को सबक सिखाने के लिए मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ऐसे इस बार इस क्षेत्र से माकपा के गोपीन सोरेन एवं निर्दलीय सहित 15 प्रत्याशी मैदान में है। इस सीट पर वर्ष 2019 में झामुमो के प्रो स्टीफन मरांडी को भाजपा के मिस्त्री सोरेन से कड़ी टक्कर मिली थी।

इसके बावजूद इस सीट पर प्रो स्टीफन मरांडी झामुमो के तीर-कमान का जलवा दिखाने में कामयाब हुए थे। चुनावी अखाड़े में कौशल दिखाने में माहिर समझा जाने वाले झामुमो के प्रो स्टीफन मरांडी के मजबूत नींव को भाजपा के नये खिलाड़ी पूर्व डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम कितना हिला पायेंगे यह तो 23 नवम्बर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।

बागी मिस्त्री सोरेन बीजेपी या जेएमएम को पहुंचाएंगे नुकसान


राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो वहीं भाजपा के बागी मिस्त्री सोरेन भाजपा के नये नवेले नवनीत और झामुमो के कद्दावर प्रो स्टीफन मरांडी के वोट बैंक में कितना सेंधमारी करते हैं यह तो वोटों की गिनती के बाद पता चल पायेगा। ऐसे भी हाल के दिनों में भाजपा ने बंगला देशी घुसपैठ के मुद्दे को उछाल कर इस क्षेत्र में भाजपा ने इस क्षेत्र के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस वजह से हाल के दिनों में यह क्षेत्र झारखंड के राजनीति गलियारे में सुर्खियां में आ गया है।

बहरहाल आसन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा या कोई अन्य प्रत्याशी आदिवासी व अल्पसंख्यक बहुल इस क्षेत्र में झामुमो के थिंक टैंक समझा जाने वाले वर्तमान विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी के तीसरी बार जीत के रिकार्ड पर रोड़ा अटकाने में कितना सफल होता है यह तो परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। कुल मिलाकर पाकुड़ जिले के सभी तीनों सीटों पर इंडिया और राजग गठबंधन में शामिल कांग्रेस-झामुमो का आजसू पार्टी-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने के आसार दिख रहे हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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