दर्द में डूबे अपने तलाश रहे जिगर के टुकड़ों को... झांसी मेडिकल कॉलेज के चिल्‍ड्रन वार्ड में अचानक कैसे लगी आग

झांसी: झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात चिल्‍ड्रन वार्ड (NICU) में भीषण आग लग गई। आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। कई बच्‍चे हादसे में घायल हुए हैं। मेड‍िकल कॉलेज के NICU में दो वार्ड हैं। बाहर वाले वार्ड से सभी बच्‍चों को बचा लिया गय

4 1 8
Read Time5 Minute, 17 Second

झांसी: झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात चिल्‍ड्रन वार्ड (NICU) में भीषण आग लग गई। आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। कई बच्‍चे हादसे में घायल हुए हैं। मेड‍िकल कॉलेज के NICU में दो वार्ड हैं। बाहर वाले वार्ड से सभी बच्‍चों को बचा लिया गया लेकिन अंदर के वार्ड में जो बच्‍चे थे उनमें से 10 की मौत हुई है। घटना की जांच के लिए कमिटी बना दी गई है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि महज पंद्रह मिनट में आग इतनी कैसे फैल गई कि बच्‍चों को निकाला नहीं जा सका।
मेडिकल कॉलेज सूत्रों का कहना है कि वहां करीब 54-55 बच्‍चे थे उनमें से अधिकांश को बचा लिया गया। 37 बच्‍चों को सकुशल निकाल लिया गया।

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने घटना पर शोक जताते हुए 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। डिप्‍टी सीएम और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बृजेश पाठक घटनास्‍थल के लिए रवाना हो गए थे। उनके साथ प्रमुख सचिव स्‍वास्‍थ्‍य भी हैं। दिल दहलाने वाली इस घटना के पीछे की वजह क्‍या है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन शुरुआत तौर पर शॉर्ट सर्किट को जिम्‍मेदार बताया जा रहा है।

बचे हुए बच्‍चों में इन्‍फेक्‍शन न फैले

इस हादसे में जो बच्‍चे झुलसे हैं उनमें तेजी से इन्‍फेक्‍शन फैलने की आशंका है। वहां मौजूद लोग मांग कर रहे हैं कि इन बच्‍चों को झांसी की जगह लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भेजा जाए। इनमें से कई बच्‍चे काफी झुलस गए हैं। अधिकारियों की ओर से कहा जा रहा है कि करीब 16 बच्‍चे घायल हुए हैं।

झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में पास के जिलों और निकटवर्ती क्षेत्रों के बच्‍चे भर्ती थे। देर रात तक बच्‍चों के तीमारदारों में काफी गुस्‍सा था क्‍योंकि मरने वाले बच्‍चों की पहचान उजागर नहीं की गई थी। इन लोगों को यह पता नहीं था कि उनका बच्‍चा सुरक्ष‍ित है भी या नहीं।

इन बदनसीबों में से कुछ ऐसे भी थे जिन्‍होंने दूसरों के बच्‍चों को तो बचा लिया लेकिन अपने बच्‍चे की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे ही हैं थाना गरौठा के कृपाराम। उनकी पत्‍नी शांति देवी की डिलिवरी हुई थी। शांति को दस दिन पहले यहां भर्ती कराया गया था। डिलिवरी के बाद शांति देवी गायब हो गई। कृपाराम पत्‍नी को तलाश ही रहा था कि यह दूसरी त्रासदी हो गई।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

IND vs SA 4th T20: भारत-साउथ अफ्रीका मैच में रिकॉर्ड्स की बरसात... संजू सैमसन ने भी बना दिया महाकीर्तिमान,देखें पूरी लिस्ट

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now