आज है पहला अर्घ्य
यूं तो इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर 2024 को नहाय-खाय से शुरू हो गई है। लेकिन अभी तक यह पूजा घरों में ही हो रही थी। आज व्रती और उसके परिजन घर से बाहर किसी नदी या तालाब-पोखर के किनारे ढलते सूरज को अर्घ्य देंगे। तब दुनिया इस पर्व को मनते हुए देखेगी। इसके बाद कल सुबह उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद यह पूजा संपन्न हो जाएगी। चार दिवसीय छठ पूजा महोत्सव के दौरान बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में बसे पूर्वांचल के लोग बेहद उत्साहित होते हैं। एक अनुमान के अनुसार इस साल देश भर में लगभग 15 करोड़ से अधिक लोग छठ पूजा में शामिल हो रहे हैं।
12,000 करोड़ रुपये का कारोबार
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने छठ पूजा की बिक्री पर आंकड़े जारी किया है। देश के करीब सात करोड़ रिटेलरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले इस संगठन ने कहा है कि छठ पूजा के दौरान देश भर में लगभग 12 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है। उल्लेखनीय है कि छठ पूजा भारत की लोक संस्कृति का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है।
दिल्ली के कई इलाकों में छठ का बाजार
दिल्ली के लगभग सभी इलाकों में बड़ी संख्या में पूर्वांचली लोग रहते हैं। इसलिए सैंकड़ों स्थानों पर छठ की पूजा पूर्ण विधि विधान से की जाती है। दिल्ली में चांदनी चौक, सदर बाज़ार, मॉडल टाउन, अशोक विहार, आदर्श नगर, आज़ादपुर, शालीमार बाग, पीतमपुरा, रानी बाग, पश्चिम विहार, उत्तम नगर, तिलक नगर, कालकाजी, ग्रेटर कैलाश, प्रीत विहार, शाहदरा, लोनी रोड, लक्ष्मी नगर, विकास मार्ग, यमुना विहार, आनंद विहार आदि के बाज़ारों में आपको छठ के सामान की बिक्री का बाजार खूब दिखेगा। इन इलाकों में आज भी लोगों द्वारा छठ पूजा का सामान ख़रीदने की रौनक़ लगी हुई है।
क्या खरीद रहे हैं लोग
छठ पूजा में प्रयुक्त होने वाली सामग्री, जैसे बांस के सूप-दउरी, केले के पत्ते, गन्ना, मिठाई, फल और सब्जियों में विशेष रूप से नारियल, सेब, केला और हरी सब्जियां शामिल हैं। छठ पूजा के अवसर पर महिलाओं के पारंपरिक परिधानों, जैसे साड़ी, लहंगा-चुन्नी, सलवार कुर्ता और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा, धोती आदि की बड़ी खरीददारी हुई है। इससे स्थानीय व्यापारियों को लाभ हुआ है और लघु एवं कुटीर उद्योग को भी बल मिला है वहीं घरों में छोटे पैमाने पर बनाये जाने वाले सामान की बड़ी बिक्री हो रही है।
हर सूप में यह सामान
छठ पर्व में बांस से बने सूप का विशेष महात्म्य है। हर सूप में गन्ना, नारियल, टाभा, अनानास, मूली, नींबू, सेब, केला और ठेकुआ जरूर होता है। कुछ लोग इसमें हल्दी का पौधा, सुथनी आदि भी रखते हैं। साथ ही हर सूप पर फूल, पान, सुपारी, सूखे मेवे और गले में पहनने वाली बद्धी भी होती है।
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