Delhi NCR Latest AQI: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर और हवा में घुले जहर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. जहरीली हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो रही हैं. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के सभी इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर है. दिल्ली में वायु प्रदूषण बुधवार को लगातार चौथे दिन भी 'गंभीर' स्तर के आसपास रहा और इस मौसम में पहली बार कोहरा छाने के बीच एक्यूआई 360 दर्ज किया गया है.
दिल्ली-एनसीआर में छाई धुंध की चादर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में बुधवार (6 नवंबर) सुबह 6 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई (AQI) 360 दर्ज किया गया. राजधानी दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (जो प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाता है) मंगलवार को 373 रहा. यह सोमवार को 381 और रविवार को 382 था. प्रदूषण अब धीरे-धीरे एनसीआर से अन्य राज्यों में अपना प्रकोप दिखाने लगा है और बुधवार सुबह जयपुर एक्यूआई 300 पहुंच गया, जबकि पटना में यह 236 दर्ज किया गया.
दिल्ली के लिए अगले 10 दिन महत्वपूर्ण
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 400 पर पहुंच गया है और मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 10 दिन महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं. मैंने स्थिति का जायजा लेने के लिए आज 33 विभागों के साथ बैठक की और हालात को काबू में करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की. सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.'
प्रदूषण से राहत के लिए कृतिम बारिश?
पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से कृत्रिम बारिश की अनुमति देने का अनुरोध किया है. गोपाल राय ने कहा, 'मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे अधिकारियों के साथ बैठक के लिए समय निकालें और दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति दें. मेरा मानना है कि इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और दिल्लीवासियों को कुछ राहत मिलेगी.'
अक्टूबर में देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के विश्लेषण के अनुसार, अक्टूबर में भारत के सभी शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से थे. अक्टूबर में दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां औसत PM2.5 सांद्रता 111 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी. इसके बाद गाजियाबाद 110 और मुजफ्फरनगर 103 पर था. CREA ने देश के 263 शहरों की निगरानी की.
विश्लेषण के अनुसार, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड़, नोएडा, मेरठ, चरखी दादरी, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और बहादुरगढ़, सभी एनसीआर शहरों को भारत में दूसरे से दसवें सबसे प्रदूषित शहरों के रूप में पहचाना गया. सीआरईए ने कहा, '15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू होने के बावजूद यह खतरनाक रैंकिंग बनी हुई है.'
दिल्ली के 8 स्टेशनों में गंभीर स्थिति में वायु प्रदूषण
दिल्ली के आठ स्टेशनों पर मंगलवार को वायु प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी (एक्यूआई 400 से ऊपर) तक पहुंच गया. ये स्थान आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, न्यू मोती नगर, जहांगीरपुरी, वजीरपुर और विवेक विहार थे. वहीं, देश के कई स्थानों पर एक्यूआई का स्तर 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया. झुंझुनू में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 376 रहा, इसके बाद दिल्ली का स्थान रहा, जहां सोमवार की तरह मंगलवार को भी दूसरा सबसे खराब एक्यूआई दर्ज किया गया.
धुंध के साथ कोहरा भी आने लगा है नजर
तापमान गिरने और सर्दी बढ़ने के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण के धुंध के साथ ही अब कोहरा भी नजर आने लगा है और मंगलवार को इस सर्दी के मौसम का पहला कोहरा दर्ज किया गया. आंकड़ों के अनुसार पिछले साल पहला हल्का कोहरा 31 अक्टूबर को दिखाई दिया था, जबकि 2022 में यह 12 अक्टूबर को दिखाई दिया था. मंगलवार को शांत हवा के कारण सफदरजंग में विजिबिलिटी घटकर 800 मीटर रह गई.
कब कितना खतरनाक होता है प्रदूषण का स्तर
अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई (AQI) शून्य से 50 के बीच रहे तो हवा को 'अच्छा' माना जाता है और अगर यह 51 से ज्यादा हो जाए और 100 से कम रहे तो 'संतोषजनक' माना जाता है. एक्यूआई 101 से 200 के बीच रहे तो 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. (इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)
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