देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा... LAC मामले पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया ताजा अपडेट

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच वार्ता के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति ब

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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच वार्ता के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गई है। इसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है। ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024’ में रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया। ये वैश्विक मंच पर रक्षा वार्ता के महत्व को रेखांकित करता है।

'भारत-चीन मतभेदों को सुलझाने के लिए कर रहे वार्ता'

राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत और चीन एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में मतभेदों को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। वार्ता के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांत के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गई है।' उन्होंने कहा कि इसमें गश्त करना, पारंपरिक क्षेत्रों में चरागाह गतिविधियों को अनुमति देना भी शामिल है। यह निरंतर बातचीत की बदौलत संभव हुआ है, क्योंकि देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा।


राजनाथ ने भारत-चीन वार्ता पर दिया अपडेट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन के बीच LAC पर बनी सहमति ग्लोबल स्टेज में डिफेंस डायलॉग की अहमियत दिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों एलएसी पर कुछ एरिया में मतभेद को दूर करने के लिए लगातार डिप्लोमेटिक और मिलिट्री स्तर पर बातचीत कर रहे थे।

बातचीत की वजह से ही यह सहमति बनी कि समान सिक्योरिटी और म्युचुअल सिक्योरिटी के सिद्धांत पर सिचुएशन को रिस्टोर किया जाए। सहमति पेट्रोलिंग और ट्रेडिशनल एरिया में ग्रेजिंग (जानवरों को चराना) को लेकर बनी। यह लगातार बातचीत की ताकत है, क्योंकि बातचीत से ही जल्दी या देर में समाधान निकलते हैं।



पीएम मोदी-जिनपिंग की बैठक पर ये बोले रक्षामंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर भारत-चीन समझौते का बुधवार को समर्थन किया। विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को बहाल करने के निर्देश जारी किए, जो 2020 की सैन्य झड़प से प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत देते हैं।

रूस के कजान में, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग आयोजित करीब 50 मिनट की बैठक में, पीएम मोदी ने मतभेदों और विवादों को उचित तरीके से निपटाने का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को भंग करने की अनुमति नहीं देने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि परस्पर विश्वास, एक-दूसरे का सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता संबंधों का आधार बने रहना चाहिए।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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