1999, 2004 और अब 2024... इस सवाल का जवाब मिलने में लग गए कई साल, प्रियंका गांधी के लिए क्यों है यह खास दिन?

नई दिल्ली:कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका गांधी के चुनावी पारी का आगाज भी हो गया। वह पार्टी का प्रचार तो लंबे समय से कर रही हैं लेकि

4 1 7
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली:कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इसके साथ ही प्रियंका गांधी के चुनावी पारी का आगाज भी हो गया। वह पार्टी का प्रचार तो लंबे समय से कर रही हैं लेकिन कभी चुनाव नहीं लड़ीं। अब पहला मौका है जब वह चुनावी मैदान में हैं और अपने लिए वोट अपील कर रही हैं। केरल की वायनाड सीट से जब उन्होंने नामांकन दाखिल किया तब उनके साथ उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी मौजूद थीं। नामांकन के बाद उन तस्वीरों की भी चर्चा शुरू हो गई जब पहली बार सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नामांकन दाखिल किया था।
प्रियंका गांधी के लिए आ ही गया वो दिन
प्रियंका गांधी ने कहा कि उनके पास राजनीति में 35 साल का अनुभव है क्योंकि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ 17 साल की उम्र में पहली बार चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुई थीं। वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कलपेट्टा में एक विशाल सभा को उन्होंने संबोधित किया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है। लंबे समय से यह सवाल बना हुआ था कि आखिर कब प्रियंका गांधी पॉलिटिकल डेब्यू होगा और अब उसका जवाब मिल गया है।

जब अमेठी पहुंची थीं सोनिया गांधी
सोनिया गांधी जब कोई चुनाव नहीं लड़ी थीं तब उनको लेकर भी कई सवाल थे। राजीव गांधी के निधन के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि क्या वह राजनीति में आएंगी। राजीव गांधी के निधन के कई साल बाद वह सक्रिय राजनीति में आईं। राजनीति में आने के बाद भी यह सवाल था कि वह चुनाव कब लड़ेंगी।

केंद्र में वाजपेयी की सरकार गिरी और जब 1999 में चुनाव हुए तब सोनिया गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह पहला मौका था जब वह चुनाव लड़ रही थीं। इस चुनाव में उन्होंने यहां से ऐतिहासिक जीत हासिल की। आज जब प्रियंका गांधी ने नामांकन दाखिल किया तब सोनिया गांधी की उस तस्वीर का भी जिक्र शुरू हो गया जब उन्होंने पहली बार अपना नामांकन दाखिल किया।

2004 में जब राहुल गांधी ने राजनीति में रखा कदम
2004 के जब लोकसभा चुनाव हुए तब सोनिया गांधी अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ीं। वहीं राहुल गांधी ने 2004 में भारतीय राजनीति में कदम रखा और अपना पहला चुनाव अमेठी से लड़ा। यह वही सीट थी जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां सोनिया गांधी और उनके पिता राजीव गांधी ने किया था।

राहुल गांधी जब पहली बार चुनावी मैदान में उतरे उससे पहले उनके बारे में भी लोगों के मन में यह जानने की काफी उत्सुकता थी कि वह कब और कहां से पहला चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी लगातार दो बार इस सीट पर विजयी हुए हालांकि 2019 में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा। 2014 में ही राहुल गांधी वायनाड से भी लड़े थे जहां उन्होंने जीत हासिल की थी। उसके बाद 2024 में भी वह वायनाड के साथ ही साथ रायबरेली से चुनाव लड़े। इन दोनों सीटों पर उन्होने जीत हासिल की। जीत के बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी और अब इसी वायनाड की सीट पर उपचुनाव में प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में हैं।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

महाराष्ट्र चुनाव: 85-85 सीटों पर लड़ेंगे MVA के तीनों दल... सहयोगी पार्टियों के लिए भी छोड़ी इतनी सीटें

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now