छोटे शहर से निकल जमा दिया सिक्‍का, अब 750 करोड़ के मालिक, क्‍या है कारोबार?

नई दिल्‍ली: अंकित प्रसाद बॉबल एआई के संस्थापक और सीईओ हैं। वह झारखंड के एक छोटे से शहर चाईबासा से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्होंने न सिर्फ सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। अलबत्ता, ग्लोबल टेक स्टार्टअप जगत में भी अपना परचम लहराया है। 2012 मे

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नई दिल्‍ली: अंकित प्रसाद बॉबल एआई के संस्थापक और सीईओ हैं। वह झारखंड के एक छोटे से शहर चाईबासा से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्होंने न सिर्फ सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। अलबत्ता, ग्लोबल टेक स्टार्टअप जगत में भी अपना परचम लहराया है। 2012 में आईआईटी दिल्ली के मैथमेटिक्स और कंप्यूटिंग प्रोग्राम को छोड़कर उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का फैसला किया। इसी फैसले ने बॉबल एआई को जन्म दिया। यह इनोवेटिव AI कीबोर्ड प्लेटफॉर्म है। इसके 10 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हैं। 2023 में इस कंपनी का रेवेन्‍यू 750 करोड़ रुपये का था। आइए, यहां अंकित प्रसाद की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

बचपन से ही कंप्यूटर का शौक

बचपन से ही कंप्यूटर का शौक

अंकित का जन्म झारखंड के छोटे से शहर चाईबासा में हुआ था। उनके पिता रंजीत प्रसाद NIT जमशेदपुर में प्रोफेसर थे। अंकित को बचपन से ही कंप्यूटर का बहुत शौक था। 1995 में उनके पिता ने उन्हें एक कंप्यूटर गिफ्ट किया था। अंकित ने सिर्फ 6 साल की उम्र से ही प्रोग्रामिंग में रुचि दिखानी शुरू कर दी थी। 2005 में अंकित और उनके भाई ने मिलकर वेब डिजाइन का छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। शुरुआत में वह होटल, सर्विस बिजनेस और रेस्टोरेंट के लिए वेबसाइट बनाते थे। धीरे-धीरे उनका यह व्यवसाय चल पड़ा और आमदनी होने लगी।

शुरू से पढ़ाई- ल‍िखाई में थे अव्‍वल

शुरू से पढ़ाई- ल‍िखाई में थे अव्‍वल

2005 में ही अंकित ने 10वीं कक्षा में अपने स्कूल में टॉप 3 में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने IIT की प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, आंखों की समस्याओं के कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 2007 में उन्होंने पहली बार IIT प्रवेश परीक्षा दी और 5000 से ज्‍यादा रैंक हासिल की। उन्हें IIT में जगह नहीं मिली, बल्कि NIT जमशेदपुर में दाखिला मिला। अंकित ने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 400 रैंक हासिल की। आखिरकार, 2008 में उन्हें IIT दिल्ली में प्रवेश मिल गया।

ऐसे रखी बॉबल एआई की नींव

ऐसे रखी बॉबल एआई की नींव

IIT दिल्ली में दाखिला मिलने के बाद भी अंकित ने काम करना जारी रखा। 2009 से 2010 के बीच उन्होंने कई कंपनियों के साथ काम किया। 2012 में फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और जोमैटो की सफलता से प्रेरित होकर अंकित और उनके भाई ने अपने हॉस्टल के कमरे में ही 'टच टैलेंट' नाम की एक ऑनलाइन कम्युनिटी की शुरुआत की। यह प्लेटफॉर्म लोगों को अपनी कलाकृतियां शेयर करने, प्रदर्शित करने और उनसे पैसे कमाने का अवसर देता है। अपने व्यवसाय के सपनों को पूरा करने के लिए अंकित ने IIT दिल्ली छोड़ दिया। 2015 में उन्होंने अपने बड़े भाई राहुल प्रसाद के साथ मिलकर बॉबल एआई की स्थापना की। इस कंपनी ने 'Bobble Indic' कीबोर्ड बनाया, जो दुनिया भर में बोली जाने वाली लगभग 120 भाषाओं के अलावा 37 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है।

कई पुरस्‍कारों से क‍िया जा चुका है सम्‍मानित

कई पुरस्‍कारों से क‍िया जा चुका है सम्‍मानित

अंकित को 2018 में फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में जगह मिली थी। उनके इनोवेटिव आइडियाज की खूब तारीफ होती रही है। अंकित सिर्फ टेक एक्सपर्ट ही नहीं हैं बल्कि ऐसे लीडर भी हैं जो बॉबल एआई में बेहतरीन और प्रेरणादायक माहौल तैयार करते हैं। कंपनी में अच्छी संस्कृति को बढ़ावा देने के उनके जज्बे ने बॉबल एआई को एंड्राइड और ऐपल पर सबसे ज्यादा रेटिंग पाने वाला कीबोर्ड ऐप बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इस मामले में Bobble AI ने बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है। लगातार मेहनत, जोखिम लेने का जुनून और अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पण ने अंकित को कई शानदार उपलब्धियां हासिल करने में मदद की है। हाल ही में उन्हें द इकोनॉमिक टाइम्स इनोवेटिव एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर (2024) से सम्मानित किया गया। उनका प्रभाव सिर्फ टेक जगत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह TEDx यूथ स्पीकर के रूप में भी लोगों को मोटिवेट कर चुके हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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