पृरी दुनिया में सबसे ज्यादा गरीब भारत में, UN की लिस्ट में पाकिस्तान हमसे अमीर

Top five poverty Countries: महंगाई और बेरोजगारी के तमाम आंकड़ों के बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो भारत के लिए सबसे अधिक निराशाजनक है. वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के हवाले से जारी आंकड़े में बताया गया है कि पूरी दुनिया में भारत में सबस

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Top five poverty Countries: महंगाई और बेरोजगारी के तमाम आंकड़ों के बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जो भारत के लिए सबसे अधिक निराशाजनक है. वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के हवाले से जारी आंकड़े में बताया गया है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक गरीब लोग रहते हैं.

पूरी दुनिया में 1.1 बिलियन लोग गरीब गुरुवार को यूएन के वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2024 की लिस्ट आई है. जिसके अनुसार पूरी दुनिया में 1.1 बिलियन से ज़्यादा लोग घोर गरीबी में जी रहे हैं, जिसमें भारत में सबसे ज़्यादा ग़रीब लोग हैं.

देखें दुनिया में टॉप पांच गरीबी में रहने वाले देशों के नाम गरीबी में रहने वाले सबसे ज़्यादा लोगों वाले पाँच देश जिसमें सबसे ‌अधिक लोग गरीबी में जी रहे हैं. जिसमें भारत टॉप पर है, यहां पर 23.4 करोड़ लोग गरीब हैं. जब‌कि दूसरे नंबर पर पाकिस्तान है. यहां पर 9.3 करोड़ लोग गरीब हैं.

भारत (234 मिलियन)

पाकिस्तान (93 मिलियन)

इथियोपिया (86 मिलियन)

नाइजीरिया (74 मिलियन)

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (66 मिलियन)

रिपोर्ट क्या कहती है? सबसे आश्चर्य की बात रिपोर्ट में यह ‌है कि इन पांच देशों में कुल 1.1 बिलियन ग़रीब लोगों में से लगभग आधे (48.1 प्रतिशत) लोग यही रहते हैं, रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 वर्ष से कम आयु के लगभग 584 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं, जो वैश्विक स्तर पर सभी बच्चों का 27.9% है, जबकि वयस्कों का 13.5% है। निष्कर्षों ने यह भी संकेत दिया कि दुनिया के सबसे गरीब व्यक्तियों में से 83.2% उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में रहते हैं. इस बीच कम आय वाले देश, जिनमें शामिल आबादी का 10.2% हिस्सा है, सभी गरीब लोगों (400 मिलियन) का 34.8% हिस्सा हैं. इसके अलावा, 65.2% गरीब (749 मिलियन) मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं.

2023 में सबसे अधिक हुए संघर्ष संघर्ष वाले क्षेत्रों में गरीबी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2023 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी समय की तुलना में अधिक संघर्ष हुए, जिसके कारण 117 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा. 2023 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी समय की तुलना में अधिक संघर्ष चल रहे थे. हिंसक संघर्ष, आपदाओं या अन्य कारकों के कारण अपने घरों से भागने के लिए मजबूर लोगों की संख्या 117 मिलियन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई.

जहां जंग, वहां सबसे गरीब? 1.1 बिलियन लोगों में से लगभग 40% लोग यानि लगभग 455 मिलियन संघर्ष का सामना करने वाले देशों में रहते हैं. इसमें सक्रिय युद्ध क्षेत्रों में रहने वाले 218 मिलियन व्यक्ति, नाजुक या संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में 335 मिलियन और बहुत कम या कम शांति वाले वातावरण में रहने वाले 375 मिलियन व्यक्ति शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में संघर्ष के परिणामस्वरूप कुल आबादी का अनुमानित 83 प्रतिशत आंतरिक रूप से विस्थापित हो गया है, 2023 के अंत तक गाजा के 60 प्रतिशत से अधिक आवास स्टॉक के विनाश से स्थिति और भी खराब हो गई है.

किस आधार पर आई रिपोर्ट? 2010 से UNDP और OPHI ने 6.3 बिलियन की कुल आबादी वाले 112 देशों से डेटा एकत्र करते हुए सालाना अपना बहुआयामी गरीबी सूचकांक जारी किया है. सूचकांक अपर्याप्त आवास, स्वच्छता, बिजली, खाना पकाने का ईंधन, पोषण और स्कूल में उपस्थिति जैसे संकेतकों का उपयोग करता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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