चुनाव से पहले छोटी-छोटी जातियों को साधने की रणनीति पर यूं काम कर रही है बीजेपी

नई दिल्ली : हाल के लोकसभा चुनावों के बाद, बीजेपी महाराष्ट्र में छोटी जातियों, खासकर पिछड़े वर्ग के बीच, के माइक्रो मैनेजमेंट पर अपनी रणनीति पर फिर से काम कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार राज्य की सात पिछड़ी जातियों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में श

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नई दिल्ली : हाल के लोकसभा चुनावों के बाद, बीजेपी महाराष्ट्र में छोटी जातियों, खासकर पिछड़े वर्ग के बीच, के माइक्रो मैनेजमेंट पर अपनी रणनीति पर फिर से काम कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार राज्य की सात पिछड़ी जातियों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल कर सकती है। महाराष्ट्र चुनाव से पहले, हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सरकार से राज्य के सात समुदायों और उनके समानार्थी शब्दों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सिफारिश की है।

7 जाति, 12 उपजातियों के लिए सिफारिश

एनसीबीसी सात जातियों को उनकी 12 उपजातियों के साथ ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सिफारिश की है। सूची में शामिल होने के बाद, वे केंद्रीय योजनाओं और ओबीसी श्रेणी में नियुक्तियों में आरक्षण के लिए पात्र होंगे। इसका उद्देश्य कई जातियों और समुदायों की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करना है।

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कौन-कौन सी उपजातियां

केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए जिन लोगों को सिफारिश की गई है, वे हैं लोधा और इसके समानार्थी शब्द जैसे लोध और लोधी; बड़गुजर; सूर्यवंशी गूजर; लेवे गूजर, रेवे गूजर और रेवा गूजर; डांगरी; भोयर, पवार; कपेवार, मुन्नार कपेवार, मुन्नार कापू, तेलंगा, तेलंगी, पेंटारेड्डी और बुकेकारी। ये जातियाँ/समुदाय पहले से ही महाराष्ट्र में ओबीसी की राज्य सूची में हैं। सूत्रों ने कहा कि ओबीसी की ऐसी तीन और जातियों को पिछड़ों की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सिफारिश की जाएगी।

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मंजूरी के बाद संसद में पेश होगा बिल

एनसीबीसी की दो सदस्यीय पीठ, जिसमें अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर और सदस्य भुवन भूषण कमल शामिल हैं, ने पिछले साल 17 अक्टूबर और फिर इस साल 26 जुलाई को समावेशन के संबंध में सुनवाई की थी। अधिकारियों के अनुसार, एनसीबीसी की सिफारिशों की सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा जांच की जाएगी। फिर सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद, उन्हें एक विधेयक के माध्यम से सूची में शामिल किया जाएगा। इसे मंजूरी के लिए संसद में रखा जाएगा। संसद का अगला सत्र, शीतकालीन सत्र, आमतौर पर दिसंबर के महीने में आयोजित किया जाता है।


महाराष्ट्र चुनाव से क्या है कनेक्शन

एनसीबीसी के अध्यक्ष अहीर, जो भाजपा नेता हैं, महाराष्ट्र से ओबीसी भी हैं। वे मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। अहीर ने हमारे सहयोग अखबार इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि लंबे समय से यह मांग चल रही थी कि इन जातियों को ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल किया जाए। महाराष्ट्र में कुल 351 ओबीसी जातियां हैं, जिनमें से केवल 291 ही केंद्रीय सूची में हैं। इन अतिरिक्त जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने की मांग की गई है।

मुन्नार कापू, तेलंगी, पेंटारेड्डी जातियां सोलापुर और नांदेड़ में बड़ी संख्या में मौजूद हैं। वहीं, गूजरों की विभिन्न उपजातियां नासिक और जलगांव में अच्छी-खासी मौजूदगी रखती हैं। भोयर-पवार समुदाय महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के भंडारा, गोंदिया और वर्धा में मौजूद है। ये सभी जातियां कुल छह लोकसभा सीटों पर मौजूद हैं। साथ ये लगभग 24-30 विधानसभा सीटों पर प्रभाव डालती हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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