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तिरुपति/नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा कि देवताओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए। यह मामला आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि जब उसने मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए थे, तो प्रेस के पास जाने की क्या ज़रूरत थी? कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच के नतीजे आने तक प्रेस के पास जाने की क्या ज़रूरत थी?
दरअसल यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब तिरुमाला मंदिर ट्रस्ट को गाय के घी की सप्लाई के नमूनों की लैब जांच में लार्ड (सूअर की चर्बी), टैलो (भेड़ की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी का पता चला। यह घी तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद कई लोगों ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदू धार्मिक संस्थाओं को सौंपने की मांग की।
याचिका में क्या?
इस हफ्ते की शुरुआत में दायर अपनी जनहित याचिका में बीजेपी नेता ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार को लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी पर एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दे, और एक विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट भी मांगे। राज्य सरकार ने गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में बीफ टैलो, फिश ऑयल और लार्ड (सुअर की चर्बी) के अंश पाए गए थे। याचिका में कहा गया है, 'मंदिर में आने वाली विभिन्न सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।'
दरअसल यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब तिरुमाला मंदिर ट्रस्ट को गाय के घी की सप्लाई के नमूनों की लैब जांच में लार्ड (सूअर की चर्बी), टैलो (भेड़ की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी का पता चला। यह घी तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद कई लोगों ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदू धार्मिक संस्थाओं को सौंपने की मांग की।
याचिका में क्या?
इस हफ्ते की शुरुआत में दायर अपनी जनहित याचिका में बीजेपी नेता ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार को लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी पर एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दे, और एक विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट भी मांगे। राज्य सरकार ने गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में बीफ टैलो, फिश ऑयल और लार्ड (सुअर की चर्बी) के अंश पाए गए थे। याचिका में कहा गया है, 'मंदिर में आने वाली विभिन्न सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।'
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