शराब पीने पर टोका तो कॉन्स्टेबल का पीछा कर कार से कुचलकर मार डाला! लेकिन डायरी एंट्री कह रही अलग कहानी

नई दिल्ली : रविवार तड़के रात के करीब 2 बजे। नांगलोई रेलवे यार्ड के पास का इलाका। दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल संदीप मलिक सादी वर्दी में बाइक से पट्रोलिंग कर रहे थे। तभी एक वैगन आर में दो लोग शराब पीते दिखे। कॉन्स्टेबल ने उन्हें टोका तो कहासुनी शुर

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नई दिल्ली : रविवार तड़के रात के करीब 2 बजे। नांगलोई रेलवे यार्ड के पास का इलाका। दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल संदीप मलिक सादी वर्दी में बाइक से पट्रोलिंग कर रहे थे। तभी एक वैगन आर में दो लोग शराब पीते दिखे। कॉन्स्टेबल ने उन्हें टोका तो कहासुनी शुरू हो गई। कुछ मिनट बाद ही जब संदीप बाइक से जाने लगे तब मनबढ़ शराबियों ने कार से उनका पीछा किया। टक्कर मारी और करीब 30 फीट तक घसीटा। कॉन्स्टेबल की मौत हो गई। नशे में धुत दोनों हत्यारे कार खड़ी करके फरार हो गए। एक चश्मदीद पुलिसवाले का दावा है कि संदीप पर गाड़ी चढ़ाने से पहले कार चला रहे शख्स ने कहा, 'चलो आज इस पुलिसवाले को मार डालते हैं।'
पुलिस का कहना है कि सिपाही मलिक ने आरोपियों को कार में शराब पीने से रोका था, जिसके बाद दोनों भड़क गए और उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और एक आरोपी रजनीश को गिरफ्तार कर लिया गया है। कार को भी जब्त कर लिया गया है, जिससे शराब की बोतल और चिप्स के पैकेट बरामद हुए हैं।

हालांकि, पुलिस का यह कहना कि आरोपी शराब पीने से रोकने पर भड़क गए थे, स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई शुरुआती डायरी एंट्री से मेल नहीं खाता है। एंट्री में इस मामले में जंगरा नामक शराब सप्लायर के शामिल होने का जिक्र है और कहा गया है कि वह सिपाही पर 'काम करवाने' का दबाव बना रहा था। पुलिस ने 'माफिया एंगल' से इनकार किया है, लेकिन डायरी की सामग्री के बारे में कोई सफाई नहीं दी है।

पुलिस का कहना है कि यह हमला जानबूझकर किया गया था और एक संदिग्ध का प्रॉपर्टी रेंटल का व्यवसाय है जबकि दूसरे के परिवार का जनरल स्टोर है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफि इंडिया ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जा सकती है।

घटना रविवार तड़के करीब 2:15 बजे नांगलोई के वीणा एन्क्लेव में हुई। सिपाही संदीप अपनी नियमित गश्त पर थे। वह ड्यूटी पर थे लेकिन इलाके में चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सादे कपड़ों में थे। संदीप रात 2 बजे नांगलोई पुलिस स्टेशन से रेलवे रोड की तरफ जा रहे थे।

रेलवे पार्किंग में एक संदिग्ध कार खड़ी देखकर उन्होंने उसे रोका और कार सवार लोगों से पूछताछ की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उन्होंने कथित तौर पर रेलवे यार्ड पार्किंग में कार में शराब पी रहे दो लोगों पर आपत्ति जताई। सिपाही ने दोनों को तुरंत वहां से अपने घर जाने का निर्देश दिया। धर्मेंद्र और रजनीश नाम के संदिग्धों ने इसका कड़ा विरोध किया। बातचीत बहस में बदल गई।'

सिपाही संदीप ने उन्हें फटकार लगाई और उनके घर पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी, जिससे उन्हें परिसर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना से धर्मेंद्र नाराज हो गया। आरोपी ने कार आगे बढ़ानी शुरू कर दी और सिपाही ने उसका मोटरसाइकिल पर पीछा किया। इलाके से बाहर निकलने पर आरोपी ने वीणा एन्क्लेव की गली के बाहर गाड़ी रोक दी और सिपाही संदीप के आने का इंतजार करने लगा। आरोपी का घर इस जगह से कुछ दूरी पर स्थित है।

हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और फुटेज से पुष्टि होती है कि सिपाही को बिना किसी उकसावे के कुचल दिया गया। सुबह 2:15 बजे कार गली के बाहर पहुंची, थोड़ा पीछे आई और किनारे पर रुक गई। फुटेज में दिख रहा है कि 2:16 बजे जब सिपाही संदीप मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे और आरोपी के घर की तरफ बढ़ने लगे तो आरोपी ने उनका पीछा किया और तेजी से उन पर गाड़ी चढ़ा दी।

टक्कर लगने से संदीप हवा में उछल गए और फिर अपनी ही बाइक पर गिर पड़े। इसके बाद वैगन आर में सवार मनबढ़ों ने उन्हें 30 मीटर तक घसीटते हुए पास में खड़ी एक और गाड़ी में टक्कर मार दी। इससे संदीप आरोपियों की कार और उस गाड़ी के बीच में फंस गए।

उन्हें सोनिया अस्पताल ले जाया गया और बाद में पश्चिम विहार के बालाजी अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद उनका पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिया गया।

हालांकि, रविवार दोपहर पुलिस डायरी एंट्री की सामग्री सामने आने के बाद मामला और भी उलझ गया। पुलिस ने इस घटना के पीछे 'माफिया एंगल' से तुरंत इनकार कर दिया, लेकिन रविवार दोपहर सामने आई उनकी अपनी डायरी एंट्री कुछ और ही कहानी बयां करती है।

स्थानीय पुलिस की तरफ से दर्ज की गई डायरी एंट्री में लिखा है, 'गाड़ी नंबर डीएल 1सी एए 76** ने हिट किया है.. मर्डर है...।' टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा देखी गई डायरी एंट्री में जंगरा नाम के एक व्यक्ति का जिक्र है, जो शराब सप्लायर है। एंट्री में लिखा है, 'कार मालिक का सरनेम जंगरा है.. उसका शराब का धंधा है... काम करवाने का दबाव बना रहा था।' डायरी एंट्री में एक अन्य पुलिसकर्मी खुशी राम का भी जिक्र है, जो रणहौला पुलिस स्टेशन से है और घटनास्थल पर बाइक पर दो साथियों के साथ मौजूद था।

शराब माफिया पर पुलिस ने दावा किया, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि अब तक कोई माफिया एंगल सामने नहीं आया है। बीएनएस की धारा 103 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है।'

पुलिस ने डायरी एंट्री पर कोई टिप्पणी नहीं की। एक अधिकारी ने कहा कि वे इस पर तभी टिप्पणी कर पाएंगे, जब दूसरे संदिग्ध, जो मुख्य आरोपी भी है, से पूछताछ की जाएगी और उसके बयान की पुष्टि हो जाएगी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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