ईरानी जासूस ने बताई लोकेशन, 60 फीट नीचे हिजबुल्लाह सरगना के खात्मे की इनसाइड स्टोरी

Hezbollah Chief Hassan Nasrallah: इजरायल ने पिछले दो हफ्तों के भीतर हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप का सफाया कर दिया है. दशकों तक आतंक का पर्याय बना रहा हिजबुल्लाह का सरगना हसन नसरल्लाह शुक्रवार को बेरूत में मारा गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, नसरल्लाह ने ले

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Hezbollah Chief Hassan Nasrallah: इजरायल ने पिछले दो हफ्तों के भीतर हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप का सफाया कर दिया है. दशकों तक आतंक का पर्याय बना रहा हिजबुल्लाह का सरगना हसन नसरल्लाह शुक्रवार को बेरूत में मारा गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, नसरल्लाह ने लेबनान की राजधानी के दक्षिणी इलाके में स्थित एक बंकर में शरण ले रखी थी. यह बंकर जमीन के 60 फीट नीचे था और नसरल्लाह की सुरक्षा के लिए उसकी किलेबंदी की गई थी. मगर हिजबुल्लाह का सरगना अपने ही संगठन में सेंध लगा चुके एक ईरानी जासूस के चलते मारा गया. Le Parisien की रिपोर्ट कहती है कि हिजबुल्लाह में गहरी पैठ जमा चुके एक ईरानी जासूस ने नसरल्लाह की मुखबिरी की.

इस ईरानी जासूस ने शुक्रवार दोपहर तक नसरल्लाह की लोकेशन दे दी दी. उसने बताया था कि नसरल्लाह, दहिह में हिजबुल्लाह के अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर में मौजूद होगा. यह दक्षिणी बेरूत में खुले में छिपी हुई कड़ी सुरक्षा वाली छह इमारतों का परिसर है. इजरायल को मिली इंटेलिजेंस तगड़ी थी, इसलिए वह यह मौका गंवाना नहीं चाहता था.

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इजरायल ने कैसे हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मारा?

नसरल्लाह की लोकेशन मिल चुकी थी, अब उसके वहां पहुंचते ही उसका शिकार करने की तैयारी थी. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने अपने F-35 जेट्स तैयार किए. उन बमों को लिया जिनसे गहरे से गहरे बंकर भी दफन किए जा सकें. प्लान यह था जैसे ही नसरल्लाह इस बंकर में कदम रखेगा, हमला बोल दिया जाएगा.

नसरल्लाह जिस वक्त बंकर आने वाला था, उससे कुछ ही किलोमीटर दूर, हारेट हरेक इलाके में, हिजबुल्लाह के ड्रोन यूनिट के कमांडर मोहम्मद हुसैन सरूर का मर्सिया पढ़ा जा रहा था. सरूरा एक दिन पहले इजरायली हमले में मारा गया था. लेबनान में उस समय सुबह के 11 बजे होंगे कि दहिह के ऊपर का आसमान मानो फट पड़ा.

शहर के बाहर मंडरा रहे इजरायल के लड़ाकू विमान भीतर दाखिल हो रहे थे. कुछ ही मिनटों में उन्होंने हमला बोल दिया. बंकर तबाह करने में माहिर बम परिसर में गहराई तक घुस गए और ठीक निशाने पर लगे. कुछ ही मिनटों बाद, हिजबुल्लाह का किला जमींदोज हो चुका था. ऐसा लग रहा था जैसे धरती फट पड़ी हो. नीचे से राख और धुआं निकलने लगा. नसरल्लाह, जिसने बार-बार इजराइल को बर्बाद करने की कसम खाई थी, मर चुका था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ को निपटाने के लिए 80 टन विस्फोटक इस्तेमाल किए. इनमें लगभग 85 वे बम भी थे जिनसे बंकरों जैसे किलेबंद ढांचों को निशाना बनाया जाता है. ये जमीन में 30 मीटर नीचे या रीइन्फोर्स्ड कंक्रीट की छह मीटर मोटी दीवार भी पार कर सकते हैं. पढ़ें: 60 फीट गहरा बंकर, 80 टन बम और अंगूठी से टारगेट की शिनाख्त, नसरल्लाह के खात्मे की पूरी कहानी

हिजबुल्लाह पर इजरायल के 'ऑल आउट' अटैक की टाइमलाइन

17-18 सितंबर: लेबनान में हिजबुल्लाह मेंबर्स के पेजर और वॉकी-टॉकी में दो दिन तक ब्लास्ट हुए. जिसमें कम से कम 37 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए. इन हमलों के लिए हिजबुल्लाह ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया लेकिन इजरायल ने इसकी सीधी जिम्मेदारी नहीं ली.

20 सितंबर: इजरायल ने दक्षिणी बेरूत में हिजबुल्लाह के गढ़ पर हमला किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर सहित 55 लोग मारे गए.

23 सितंबर: इजरायल ने लेबनान पर भारी बमबारी की, जिसमें 1,300 ठिकानों को निशाना बनाया गया. एक ही दिन में सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई. यह इजरायल की सबसे बड़ी मिलिट्री कार्रवाइयों में से एक थी.

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25-26 सितंबर: लेबनान में इजरायल के लगातार हमलों के बीच, हिजबुल्लाह की ओर से भी जवाबी हमले हुए. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं ने तनाव कम करने की अपील की. अमेरिका और उसके सहयोगियों ने 21 दिन के युद्ध विराम की अपील की हालांकि इजरायल ने इसे खारिज कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिजबुल्लाह ने भी इसे स्वीकार नहीं किया.

27 सितंबर: इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए 'हिजबुल्लाह को हराने' की बात कही. इसके बाद उसी दिन उन्होंने बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमला करने का आदेश दिया. इस हमले का असली टारगेट हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरलल्लाह था. इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार देर रात बेरूत के दक्षिणी उपनगरीय इलाके दहिह में हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर पर बड़ा हमला किया, जिसमें नसरल्लाह की मौत हो गई.

28 सितंबर: शनिवार को, आईडीएफ ने नसरल्लाह के मारे जाने का ऐलान किया. इसके कुछ घंटों बाद हिजबुल्लाह ने भी अपने नेता की मौत की पुष्टि की. नसरल्लाह, 30 साल की उम्र में 1992 में हिजबुल्लाह का महासचिव बना था. अगले 32 वर्षों में उसने हिजबुल्लाह को न सिर्फ लेबनान बल्कि मध्य पूर्व की एक बड़ी ताकत बना दिया. वह इजरायल का दुश्मन नंबर एक बन गया. आखिरकार शुक्रवार को यहूदी राष्ट्र, अपने सबसे बड़े दुश्मन को खत्म करने में कामयाब रहा. (एजेंसी इनपुट्स)

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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