नेपाल के पानी से यूपी के 7 गांव पूरी तरह तबाह, एनडीआरएफ ने 40 हजार लोगों को बचाया

कुशीनगर: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बाल्मीकि नगर गंडक बैराज ने 4.40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज करने का असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। यूपी के कुशीनगर जिले के रेता क्षेत्र में बसने वाले लगभग सात गांव बाढ़ से प्रभा

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कुशीनगर: नेपाल के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण बाल्मीकि नगर गंडक बैराज ने 4.40 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज करने का असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। यूपी के कुशीनगर जिले के रेता क्षेत्र में बसने वाले लगभग सात गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए है। जिला प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद सातों गांव के लगभग 40 हजार लोगों को ट्रैक्टर-ट्राली के माध्यम से ऊंचे स्थान पर सुरक्षित पहुंचाया गया। वहीं रेता क्षेत्र के लोग नदी उस पार खेती का कार्य करने गए थे, जिसमें करीब 20 किसान फंस गए। इन्हें जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम की मदद से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा है। शनिवार की सुबह से लेकर शाम तक डिस्चार्ज में कमी देखने को नहीं मिली थी। शाम 5 बजे के करीब जिला प्रशासन को सूचना मिली कि देर रात तक गंडक बैराज से 5 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जाएगा। इस सूचना से प्रशासनिक अफसर हरकत में आ गए। तहसील प्रशासन की ओर से खड्डा तहसील क्षेत्र में अनाउंस कराकर रेतावासियों को पशुओं और सामानों के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की बात कही गई। शनिवार की रात 9 बजे नेपाल के देवघाट बैराज पर 5 लाख 71 हजार 850 क्यूसेक पानी पहुंचा तो वाल्मीकिनगर गंडक बैराज के फाटकों पर दबाव बढ़ने लगा। बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए। इसी दौरान देर रात गंडक बैराज से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज किया गया।

हर साल तबाही मचाती है नदी

इससे गंडक उफना गई और खड्डा रेता क्षेत्र के मरिचहवा, शिवपुर, नारायणपुर, बसंतपुर, हरिहरपुर, विंध्याचलपुर और महदेवा के गांवों में बाढ़ पानी पहुंच गया।लोगों के घरों में कमर तक पानी लगने के कारण वह पलायन करने लगे हैं। कुछ परिवार के सदस्य मचान बनाकर और ट्रालियों पर रहने को विवश हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए छोटी नाव की व्यवस्था की गई है, जो नाकाफी साबित हो रही है। इलाके में एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है।

बाढ़ चौकियों और राहत शिविर को सक्रिय कर दिया गया है। पीड़ितों के लिए तहसील प्रशासन की ओर से भोजन आदि की व्यवस्था की गई है। नारायणी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद बाढ़ से अब तक करीब 40 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि हर वर्ष हम लोग इस तबाही से जूझते रहते हैं, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने कोई समुचित व्यवस्था नहीं की।

नदी पार फंसे 20 किसान बचाए गए

खड्डा रेताक्षेत्र के गांवों से नदी उस पार खेती करने गए महिला और पुरुष समेत 20 किसान फंस गए थे। बिना कुछ खाए-पिए ही किसान उस पार फंसे रहे, उनकी ओर से मदद की गुहार लगाई जाने लगी। जब इस बात की जानकारी अफसरों को हुई तो वह मौके पर पहुंच गए। नाव लगाकर सभी किसानों को सुरक्षित लाया गया। रेताक्षेत्र के नारायणपुर, शिवपुर, हरिहरपुर समेत अन्य गांवों के 20 किसान शनिवार की सुबह नदी उस पार खेती-किसानी करने गए थे।

शनिवार की सुबह से जलस्तर में लगातार हुई वृद्धि के कारण वह सभी उस पार ही फंस गए। बिना कुछ खाए-पिए किसानों ने एक झोपड़ी में शरण ली और रविवार की सुबह होते ही वह बचाव की गुहार लगाने लगे। परिजनों की ओर से भी मदद की मांग की जाने लगी। तभी इसकी जानकारी डीएम उमेश मिश्रा समेत अन्य अफसरों को हुई। इसके बाद मौके पर पहुंचे नाव लगाकर सभी किसानों को नदी इस पार लाया गया।

अधिकारियों ने किया बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा

खड्डा के रेता क्षेत्र में बाढ़ की सूचना मिलते ही डीएम उमेश मिश्र, एसपी धवल जायसवाल, विधायक विवेकानन्द पांडेय, एडीएम वैभव मिश्र रविवार की सुबह बाढ़ प्रभावित गांवों का ट्रैक्टर से दौरा किया। बाढ़ पीड़ित परिवारों से बातचीत कर डीएम ने उनका हाल जाना। शिवपुर, नारायणपुर, मरिचहवा और हरिहरपुर गांव में पहुंचे डीएम समेत अफसरों ने बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था कराने का संबंधित को निर्देश दिया। गांव के लोगों ने बताया कि हर साल बाढ़ आने पर उन्हें तमाम तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।

डीएम ने आश्वासन दिया कि सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाएगा। रेताक्षेत्र में बाढ़ चौकियां सक्रिय करने के साथ ही एसडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुला लिया गया है। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि एहतियात के तौर पर पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है। एसडीआरएफ टीम पीड़ितों की मदद के लिए मौके पर मौजूद है। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस तैयार है।

कम्युनिटी किचन की होगी व्यवस्था

बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे डीएम उमेश मिश्रा ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए जानकारी दी कि नेपाल में अत्यधिक बारिश होने के कारण खड्डा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। सुरक्षा का ख्याल रखते हुए प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों अथवा राहत शिविर में शरण दिलाई जा रही है, उनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है। कम्युनिटी किचन से पीड़ितों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। दवा इत्यादि की व्यवस्था की गईं हैं। पशुओं के चारे और नाव की भी व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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