हाथरस भगदड़ के बाद कहां छिपे बैठे हैं भोले बाबा? मैनपुरी में पुलिस ने आश्रम घेर लिया

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। यूपी पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी ली। हालांकि, बाबा नहीं मिल

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हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। यूपी पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी ली। हालांकि, बाबा नहीं मिले। दरअसल, सूचना आई थी कि बाबा नारायण हरि भोले बाबा के मैनपुरी में छिपे होने की चर्चा थी। मैनपुरी हाइवे पर बाबा के ट्रस्ट का दफ्तर है। देर रात पुलिस ने ट्रस्ट के ऑफिस को घेर लिया था। पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार ने पुष्टि की कि बाबा जी परिसर में नहीं मिले। पीड़ितों की जांच और पहचान की प्रक्रिया जारी है। 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं। तीन घायलों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है, उनका इलाज किया जा रहा है। वहीं, सवाल यह उठ रहा है कि आखिर भोले बाबा कहां चले गए?
अलीगढ़ के डीएम विशक जी अय्यर ने शवों के स्थानांतरण और घायलों की चिकित्सा स्थिति का उल्लेख करते हुए अपडेट आंकड़े बताए। उनके कुल 23 शव अलीगढ़ लाए गए हैं। हाथरस की घटना में घायल तीन लोगों का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। इनमें से दो की हालत स्थिर है, जबकि एक की हालत गंभीर है। हमने अस्पताल प्रशासन से बात की है और (गंभीर) मरीज को आईसीयू में ले जाने की प्रक्रिया चल रही है। हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह ने मृतकों की पहचान के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में बताया।

अब तक 134 लोगों की मौत

हाथरस हादसे में अब तक कुल 134 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएमओ ने कल बताया था कि 32 शव यहां लाए गए और उनमें से 19 की पहचान हो गई है। हम बाकी की पहचान कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद केएल शर्मा ने सरकार से सार्वजनिक कार्यक्रमों में बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया, उन्होंने स्थिति की गंभीरता और पीड़ितों के परिवारों के लिए पर्याप्त मुआवजे की आवश्यकता पर जोर दिया। मैं राज्य सरकार से अपील करना चाहता हूं कि अगर ऐसे आयोजन होते हैं, तो उन्हें तैयारी का भी ध्यान रखना चाहिए और लोगों की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। मुझे पता चला है कि कई महिलाओं की जान चली गई है। परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुआवजा राशि ज्यादा होनी चाहिए थी।

इमरान मसूद ने दी जानकारी

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने चल रहे राहत प्रयासों और स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यहां 32 शव हैं और नौ लोग घायल हैं, जिनमें एक महिला पुलिस अधिकारी भी शामिल है। उनमें से कई की पहचान अभी नहीं हो पाई है। अभी हर कोई पीड़ित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

डिप्टी सीएम ने जताई संवेदना

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी संवेदना व्यक्त की और घटना की समीक्षा करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता का संकेत दिया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इसकी समीक्षा कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने लोगों की जान चली गई। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी घटना कहा कि यूपी के हाथरस में धार्मिक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है। इस हादसे में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।

प्रत्यक्षदर्शी ने दी जानकारी

हाथरस भगदड़ की एक प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला देवी ने सत्संग के बाद की अराजक स्थिति का प्रत्यक्ष विवरण दिया। भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होते ही कई लोग वहां से निकलने लगे। सड़क उबड़-खाबड़ होने के कारण भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। वहीं, अब इस मामले में जांच अभियान शुरू कर दिया गया है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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