लोकसभा अध्‍यक्ष पद के चुनाव पर माहौल बनाकर कांग्रेस जो चाह रही क्‍या उसे मिलेगा?

लोकसभा अध्‍यक्ष पद का चुनाव 26 जून को होने जा रहा है. उसके पहले इस पद को लेकर इस बार जिस तरह से रार देखने को मिल रही है वैसा आमतौर पर हालिया दौर में देखने को नहीं मिला है. सबसे पहले प्रोटेम स्‍पीकर को लेकर बीजेपी की तरफ से सात बार से निर्वाचित भर्

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लोकसभा अध्‍यक्ष पद का चुनाव 26 जून को होने जा रहा है. उसके पहले इस पद को लेकर इस बार जिस तरह से रार देखने को मिल रही है वैसा आमतौर पर हालिया दौर में देखने को नहीं मिला है. सबसे पहले प्रोटेम स्‍पीकर को लेकर बीजेपी की तरफ से सात बार से निर्वाचित भर्तृहरि महताब का नाम जब सामने आया तो कांग्रेस ने आठ बार से निर्वाचित दलित नेता के सुरेश का नाम चलाया. भले ही उसमें कांग्रेस को सफलता नहीं मिली लेकिन कांग्रेस की दबाव की रणनीति लगता है कि काम करने जा रही है. इस दबाव का ही नतीजा है कि सूत्रों के मुताबिक डिप्‍टी स्‍पीकर का पद कांग्रेस को मिल सकता है. पिछली बार ये पद किसी को नहीं दिया गया था. सूत्रों का ये भी कहना है कि बदले में ओम बिरला के नाम पर सबकी सहमति बन गई है और डिप्‍टी स्‍पीकर का पद कांग्रेस को मिलेगा. ये भी कहा जा रहा है कि के सुरेश डिप्‍टी स्‍पीकर बन सकते हैं.

इस बीच राहुल गांधी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि ये परंपरा है कि स्‍पीकर यदि सत्‍ता पक्ष का हो तो डिप्‍टी स्‍पीकर विपक्ष का होना चाहिए. हम स्‍पीकर पर सत्‍ता पक्ष को समर्थन देने को तैयार हैं. राजनाथ सिंह की हमारे नेता खरगे से बात भी हुई थी लेकिन उनका पलटकर अभी तक कॉल नहीं आया है. यानी स्‍पष्‍ट है कि विपक्ष सत्‍ता पक्ष को समर्थन देने के एवज में डिप्‍टी स्‍पीकर पद की मांग कर रहा है.

इससे पहले सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजूजू ने लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नामों पर आम सहमति बनाने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, मलिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से बात की. एनडीए के सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं से भी बात की है. उसके बाद संसद भवन में ओम बिरला पीएम से मिलने उनके कमरे में गए. अन्य सभी वरिष्ठ मंत्री वहां पहले से मौजूद थे.

गौरतलब है कि स्‍पीकर के पद को लेकर इस बार इतनी चर्चा इसलिए हो रही है क्‍योंकि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है और टीडीपी एवं जेडयू के समर्थन से एनडीए सरकार बनी है. लिहाजा महत्‍वपूर्ण बिलों को पास कराने से लेकर सदन को सुचारू रूप से चलाने में स्‍पीकर की निर्णायक भूमिका रहेगी लिहाजा इस बार स्‍पीकर का चुनाव अहम हो गया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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