महाराष्‍ट्र चुनाव में उद्धव ठाकरे का नेतृत्व स्‍वीकारने को लेकर क्यों कन्फ्यूज़ है कांग्रेस? । Opinion

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हरियाणा में दूध के जले राहुल गांधी महाराष्‍ट्र में छांछ भी फूंक-फूंक कर पी रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र की कांग्रेस इकाई से कहा है कि ओवरकॉन्फिडेंस में न रहें, बाकी सहयोगियों के साथ मिलकर सीट शेयरिंग पर काम करें. हालांकि, कांग्रेस अभी इस बात पर बिल्‍कुल मन नहीं बना पाई है कि चुनाव उद्धव ठाकरे के चेहरे पर लड़ा जाए. इसलिए ही यहां तक कह दिया गया है कि चुनाव में MVA का कोई चेहरा नहीं होगा.पर क्या समस्या को देखकर आंख मूंदने से समाधान हो जाएगा. पहली बात तो यह है कि उद्धव ठाकरे को सीएम घोषित न करके कहीं कांग्रेस गलती तो नहीं कर रही है?

1-क्या उद्धव ठाकरे सीएम से कम पर मानेंगे?

क्योंकि जिस तरह महायुति कीएक पीसी में बुधवार को बीजेपी नेता और प्रदेश के डिप्टी सीएम ने देवेंद्र फडणवीस नेअपना नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मान लिया है क्या उससे महायुति को माइलेज नहीं मिल जाएगा. जाहिर है कि अगर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति विधानसभा चुनाव लड़ती है तो उसका मुकाबला उद्धव ठाकरे ही शायद सबसे बेहतर कर सकेंगे. दूसरी बात यह भी है क्या उद्धव ठाकरे इतनी आसानी से हार मानने वाले हैं? चुनाव समाप्त होने के बाद अगर एमवीए को अधिक सीट मिलती है तो वैसे भी सीए्म से कम वो किसी भी बात पर राजी नहीं होने वाले हैं. इसके पहले अपना रूप वो 2019 में ही दिखा चुके हैं.

महाराष्ट्र में, इंडिया गठबंधन के लिए सबसे पहली चुनौती महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनाना है. एमवीए के तीन घटक – कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) मिलकर भाजपा-शिवसेना-एनसीपी सरकार को सत्ता से बाहर करने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि लोकसभा चुनावों में गठबंधन ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया था.चूंकि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था इससिए विधानसभा चुनावों में उसकी नजर अधिक सीटों पर है. एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) भी सौदेबाजी करने के मूड में हैं. दूसरी ओर हरियाणा और जम्मू विधानसभा चुनावों के परिणामों ने कांग्रेस के कॉन्फिडेस को हिला कर रख दिया है. यही कारण है कि कांग्रेस शायद अभी सौदेबाजी के मूड में नहीं है.

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2- कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ही नहीं,एनसीपी ( एसपी) भी है सीएम की दौड़ में

कांग्रेस के नेताओं का तर्क है कि एमवीए में केवल वही पार्टी है जिसकी पूरे महाराष्ट्र में उपस्थिति है और इसलिए उसे विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक सीटों पर लड़ने का मौका मिलना चाहिए. कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन द्वारा जीती गई 30 सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़कर 13 सीटें जीत ली थीं. शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) ने क्रमशः 9 और 8 सीटें जीतने में सफल रहीं. इस हिसाब से देखा जाए तो कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिलनी ही चाहिए.

सोमवार को कांग्रेस नेतृत्व की महाराष्ट्र नेताओं के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मत राय यह बनी कि गठबंधन को मुख्यमंत्री पद का चेहरा प्रोजेक्ट करने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस 288 कुल सीटों में से 110-115 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) को 90-95 सीटें और एनसीपी (एसपी) को 80-85 सीटें देने की योजना है. कांग्रेस इस उम्मीद में है कि उसे सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी और वो अपने पसंद के व्यक्ति को सीएम बना सकेगी. एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार बार-बार यह कहते रहे हैं कि चुनाव बाद सीटों के आधार पर फैसला किया जाएगा कि किस पार्टी का सीएम बनेगा. समझा जा रहा है कि शरद पवार भी इस बार अपनी पार्टी के किसी व्यक्ति को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. इसलिए अभी वो किसी के नाम पर सहमति नही बनने दे रहे हैं.पिछली बार तो बीजेपी को हटाने के लिए वो उद्धव ठाकरे के नाम को आगे बढ़ा दिए थे पर इस बार शरद पवार पर कोई दबाव नहीं है.

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3- फडणवीस ने महायुति की ओर से शिंदे का नाम आगे बढ़ाया

बुधवार को बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने बिना किसी लाग लपेट के आगामी महाराष्ट्र चुनावों के लिए महायुति गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में एकनाथ शिंदे के नाम का इशारा कर दिया.उन्होंने शिंदे और अजीत पवार की मौजूदगी में सरकार के कामकाज की रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए कहा कि हमारा मुख्यमंत्री यहां बैठा है.महायुति ने शिंदे के नाम को आगे बढ़ाकर बढ़त बना ली है.
एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार को चुनौती देते हुए फडणवीस ने कहा, हमें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है, हमारा मुख्यमंत्री यहां बैठा है. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं कर रही है क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि उनके मुख्यमंत्री चुनावों के बाद आ सकते हैं. फडणवीस ने एक तरीके से शरद पवार चैलेंज किया कि वे अपना चेहरा घोषित करें.

हालांकि महाराष्ट्र में सीएम कैंडिडेट कौन होगा इसका अधिकार फडणवीस के पास नहीं है. मोदी और शाह युग में बीजेपी में कोई नहीं जानता है कि किसी पद पर किसकी ताजपोशी होने वाली है . पर फडणवीस का यह कदम कम से कम महायुति के सहयोगियों को नाराज न करने की एक रणनीति तो है ही. यह भी किसी से छिपा नहीं है कि फडणवीस और अजीत पवार दोनों ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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