संभल हिंसा पर योगी आदित्यनाथ की दहाड़, आखिर यूपी सरकार का इरादा क्या है? | Opinion

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आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह संभल को लेकर आक्रामक भाषण दिया उससे साफ लगता है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मुद्दे को बहुत आगे तक खींच कर ले जाना चाहती है. दरअसल जिस तरह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के किलों को एक एक करके खत्म किया जा रहा है यह उसकी अगली कड़ी भी हो सकती है. कुंदरकी में बीजेपी को मिली सफलता से योगी सरकार बहुत उत्साहित है. संभल में हर रोज प्रशासन कुछ ऐसा कर रहा है जिससे लगता है कि मामला अभी शांत नहीं होने वाला है.

आश्चर्यजनक यह है कि संभल में मुस्लिम पक्ष एक दम शांत है. या प्रशासन का खौफ ऐसा है कि न नेता बयानबाजी कर रहे हैं और न ही पत्थरबाज सड़कों पर निकल रहे हैं. इस बीच जिस तरह आज विधानसभा में योगी ने संभल को हिंदुओं का बहुत पवित्र स्थान बताते हुए जिस तरह की दहाड़ लगाई है वह मामले की गंभीरता को समझने के लिए काफी है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का जवाब देते हुए कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया, पुराण भी कहता है कि श्रीहरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा. मतलब साफ है कि संभल को अयोध्या और काशी से भी अधिक महत्वपूर्ण बनाने का काम शुरू है. जाहिर है कि इस मुद्दे पर योगी झुकने वाले नहीं हैं.

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1- लगातार संभल में प्रशासन एक्टिव है

जिस तरह प्रशासन लगातार एक्टिव है उससे भी यही लगता है यूपी सरकार संभल की पूरी घेरेबंदी कर रही है. हर रोज पैमाइश हो रही है. अवैध कब्जेदारों को नोटिस दिया जा रहा है. मंदिरों की खोज हो रही है. बिजली चोरों को ढूंढना तो बहाना है असली काम हिंदुओं के उत्पीड़न की कहांनियां ढूंढीं जा रही हैं. पिछले 46 साल से दबाकर रखा गया था. दरवाजे खोलने पर मालूम पड़ा कि इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति है और एक शिवलिंग भी स्थापित है. हालांकि, बात यही नहीं रुकी. बीते दिनों मंदिर के पास बने कुएं की खुदाई शुरू हुई तो इसमें से मूर्तियों के निकलने का शुरू हो गया. ये सब देखकर हर कोई चौंक पड़ा. अबतक कुएं की 15 से 20 फीट खुदाई हो चुकी है. इस दौरान खंडित मूर्तियां, स्वास्तिक लिखी ईंटे आदि मिली हैं. ऐसे में दावा किया जाने लगा है कि इस कुएं में और भी 'इतिहास' छिपा हो सकता है. कार्बन डेटिंग से सच्चाई पता लगाने की मांग उठ रही है. लगातार करीब 1250 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया है. इसमें मस्जिद और मदरसा भी शामिल है. खबर लिखे जाने तक मंगलवार सुबह से 46 साल पुराने मंदिर को कब्जा करके बनाए गए अवैध मकानों को गिराने का काम शुरू कर दिया गया.

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2- सीएम योगी ने विधानसभा में संभल पर लंबा भाषण दिया

योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा पर जमकर विपक्ष को घेरा, योगी ने संभल में 1947 से के बाद से हुए सारे दंगों का जिक्र विस्तार से किया. अपनी स्पीच में सीएम बताते हैं कि 1947 में एक मौत , 1948 में छह लोग मारे जाते हैं. 1958-1962 में दंगा, 1976 में पांच लोगों की मौत हुई थी. 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया था. 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई. 1986 में चार लोग मारे गए. 1990-1992 में पांच, 1996 में दो मौत हुई. लगातार यह सिलसिला चलता रहा.

सीएम ने कहा कि 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई.1978 में जो दंगा हुआ, एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था. दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में एकत्र होते हैं, उन्हें घेर लिया जाता है और उनसे कहा जाता है कि इन हाथों से पैसा मांगोगे, इसलिए पहले हाथ, फिर पैर, फिर गला काट दिया जाता है. सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती है.सीएम ने वादा किया कि पत्थरबाजी व माहौल खराब करने वालों में से एक भी बचने वाला नहीं है. सब पर एक्शन लिया जाएगा. सीएम ने कहा कि बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है, 1978 से उस मंदिर को इन लोगों ने खुलने नहीं दिया. 22 कुएं किसने बंद किए थे. इस बीच संभल में 46 साल से बंद पड़े मंदिर में पूजा अर्चना शुरू हो गई है.तीस कुएं जो दबा दिए गए थे उनकी भी खुदाई हो रही है.

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3- संभल सांसद भी शांत हो गए हैं

संभल से समाजवादी पार्ट के सांसद जियाउर्रहमान बर्क आजकल शांत हैं. इस शांति के पीछे की कहानी ये है कि संभल में जिस दिन हिंसा हुई उसमें तो उनका नाम दर्ज ही है. दूसरी बात यह भी है कि प्रशासन ने उनके घर की पैमाइश करके कहा है कि इसका नक्शा नहीं पास किया गया है. शासन कभी भी वहां बुलडोजर चलवा सकता है. यही नहीं पुलिस ने पिछले दिनों सांसद महोदय की गाड़ी से हुए के एक्सिडेंट का भी मामला फिर से खोल दिया है. पीड़ित ने शिकायत दी है कि उस दिन हुए एक्सिडेंट में कार ड्राइवर नहीं खुद सांसद महोदय चला रहे थे. समझा जा सकता है कि प्रशासन ने किस तरह शिकंजा कसा हुआ है.

इस बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के विधानसभा में बोलते हुए सीएम योगी ने संभल सांसद के दादा शफीकुर्रहमान बर्क जिक्र करते हुए कहा कि वे कभी भी खुद को भारत का नागरिक नहीं कहते थे. वो खुद को बाबर की संतान कहते थे. सीएम ने कहा कि यह आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम, बुद्ध और कृष्ण को. भारत में राम, कृष्ण और बुद्ध की ही परंपरा रहेगी. बाबर और औरंगजेब की नहीं रहेगी. बात यहीं तक नहीं है. इससे आगे भी है.

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4 -क्या रामपुर के बाद संभल है निशाना

योगी सरकार एक एक करके समाजवादी पार्टी के सभी गढ़ों को खत्म करने की तैयारी में है. पहले अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी का साम्राज्य ध्वस्त किया. फिर रामपुर में आजम खान को किला ढहाया गया. आजम खान फिलहाल 10 साल की सजा भुगत रहे हैं. और उनपर करीब 100 मामले दर्ज हैं. कुंदरकी जीत के बाद योगी सरकार को भरोसा हो गया है कि थोड़ी मेहनत करने पर मुस्लिम बहुल वाली जगहों पर भारतीय जनता पार्टी का जलवा कायम हो सकता है.आजमगढ़ भी सरकार के निशाने पर है.

5-संभल कोहिंदू उत्पीड़न का मॉडल बनाने की तैयारी

संभल में आजादी के बाद से जिस तरह हिंदुओं का उत्पीड़न होता रहा है उसे सबके सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है. कभी यहां के हिंदू मोहल्‍लेरहेहिंदूपुर खेड़ा, दीप सराय आदि में अब अब एक भी परिवार हिंदू नहीं हैं. बार-बार दंगों के कारण किस तरह हिंदू अपने ही देश में बेगाने हो गए,इस बात को पूरे प्रदेश के लोगों को सजग करने के तौर पर बताया जाएगा. किस तरह मंदिरों को हटा दिया गया या बंद कर दिया गया.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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