अरविंद केजरीवाल को सत्ता में लाने में दिल्ली के ऑटोवालों का भी महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में ऑटोवाले चुनाव प्रचार का मजबूत माध्यम बने थे. एक बार ऑटो के पीछ आम आदमी पार्टी के चुनाव निशान झाड़ू वाले पोस्टर लगा दिये गये तो पूरे चुनाव वो घूम घूम कर प्रचार करते रहे - और लोगों के दिमाग में आम आदमी पार्टी का चुनाव निशान रजिस्टर हो जाने की एक बड़ी वजह ये ही रही.
हालांकि, नाराज होकर एक बार एक ऑटोवाले ने अरविंद केजरीवाल को थप्पड़ भी जड़ दिया था. बाद में अरविंद केजरीवाल उस ऑटोवाले के घर मिलने भी गये थे. थप्पड़ इतना जोरदार था कि अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर साफ देखा गया. गूगल करने पर वो तस्वीर आज भी मिल जाएगी.
आम आदमी पार्टी के स्थापना दिवस पर अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी ही राजनीति की लोग कॉपी भी करते हैं, और उनकी राजनीति को खत्म करने में भी लगे रहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह का नाम लेकर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनको खत्म करने की लगातार कोशिशें होती रहती हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दोनो अपनी जगह बने हुए हैं.
आम आदमी पार्टी बनी रहेगी
स्थापना दिवस के मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, ये संयोग नहीं है कि संविधान दिवस के दिन ही एक नई पार्टी पैदा हुई... भगवान ने इसी दिन आम आदमी पार्टी को पैदा किया... यानी, भगवान की लग रहा होगा कि संविधान खतरे में है - और यही पार्टी इसे बचाएगी.
बीजेपी को निशाने पर लेते हुए अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह का भी नाम लिया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी. बोले, हर छह महीने में ये लोग एक बार आम आदमी पार्टी की श्रद्धांजलि लिख देते हैं.
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 2014 में वो कहीं अमित शाह से बहस करने की बात बोल दिये थे. 14 मई, 2014 को, अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, अमित शाह ने कहा था 16 मई, 2014 के बाद अरविंद केजरीवाल राजनीति में रहा तो डिबेट करूंगा. मैं आज भी राजनीति में हूं... हमारे सभी नेताओं को जेल में डाला तब भी बोले कि अब आम आदमी पार्टी खत्म, लेकिन आज भी आम आदमी पार्टी बनी हुई है.
सफाईकर्मियों के साथ चाय पर चर्चा
हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बूथ जीतने की सलाह देते रहे हैं. और, इसके लिए वो कार्यकर्ताओं को समझाते हैं कि वे अपने अपने इलाके के लोगों से हर रोज संपर्क करें और उनको आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज के बारे में बतायें.
अब अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को नया टास्क दिया है, दिल्ली के सफाईकर्मियों से संपर्क कर उनको सम्मानित करने का. अरविंद केजरीवाल के अनुसार, इस मुहिम की शुरुआत उनके घर से होने जा रही है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, सफाई कर्मचारी हमारे समाज के गरीब तबके से आते हैं... मैं अपने सभी एमएलए और काउंलर्स से अपील करना चाहता हूं... अपने-अपने क्षेत्र के जितने सफाई कर्मचारी हैं, उन्हें अपने घर पर चाय या खाने के लिए जरूर बुलाएं... उनका सम्मान करने के लिए... अगर किसी इलाके में संख्या ज्यादा है तो तीन या चार बार में बुलाकर सम्मान करें.
बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, ये बड़े-बड़े नेता गरीबों के घर तो जाते हैं खाना खाने के लिए, लेकिन उन्हें अपने घर कोई नहीं बुलाता है. लेकिन आप अपने घर बुलाइए... उनका सम्मान कीजिए... उनके साथ बैठकर समय बिताइए... हंसिए और खेलिए उनके साथ.
सफाईकर्मियों के बहाने अरविंद केजरीवाल ने झुग्गी में रहनेवाले लोगों को आगाह किया कि वे बीजेपी से बचकर रहें - क्योंकि वे उनके पास तफरीह के लिए पहुंच रहे हैं.
बीजेपी से सतर्क रहें झुग्गी वाले
बीजेपी नेताओं के झुग्गीवालों से मिलने जाने के कार्यक्रम को अरविंद केजरीवाल ने गरीबी का मजाक उड़ाना करार दिया है. बड़े ही तंज भरे लहजे में अरविंद केजरीवाल ने कहा, जैसे लोग छुट्टी लेकर कहीं मन बहलाने जाते हैं... कोई गोवा जाता है... वैसे ही बीजेपी वाले झुग्गी टूरिज्म करते हैं... शाम को बीजेपी के कुछ नेता झुग्गी वालों के यहां रहने जा रहे हैं. ये गरीबी का मजाक है.
नौकरी छोड़कर राजनीति में आने से पहले के अपने किये हुए सामाजिक कार्यों का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, रहना है तो तीन-चार महीने रह कर देखो... मैंने अपनी जिंदगी के 10 साल झुग्गी में बिताये हैं... झुग्गी वाले इनसे सावधान रहना... एक साल बाद ये लोग बुलडोजर लेकर आपकी वही झुग्गी तोड़ने आएंगे.
दिल्ली वालों की फिक्र बनी हुई है
जब अरविंद केजरीवाल जेल में थे तो आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से लगातार बताया जाता रहा कि उनको तिहाड़ में भी सिर्फ दिल्लीवालों की ही फिक्र है. जब भी आम आदमी पार्टी का कोई नेता उनसे मिल कर आता तो ये बात दोहराता जरूर था.
एक पत्रकार से बातचीत के हवाले से अरविंद केजरीवाल ये समझाने की कोशिश कर रहे थे कि उनको दिल्ली के चुनाव में हार की चिंता नहीं है, चिंता सिर्फ दिल्ली के लोगों और बच्चों की है. पत्रकार से कही हुई अपनी बात दोहराते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, मुझे इसकी चिंता नहीं है कि मैं हार गया तो मेरा क्या होगा... चिंता ये है कि हार गये तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 18 लाख बच्चों का क्या होगा.
गरीबों को लेकर अपनी फ्रिक का जिक्र करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, हम सत्ता के लिए नहीं आये हैं... हमारी चिंता ये है कि उन सब लोगों का क्या होगा जिनके घर कोई बीमार होगा... हमारी सरकार गई तो फिर से पावर कट होंगे... हमने लोगों के मन में एक उम्मीद जगाई है, उस उम्मीद का क्या होगा? मैं सीएम बनने के लिए नहीं आया, दो बार सीएम की कुर्सी पर लात मारी है बिना किसी दबाव के.
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