महाराष्ट्र–झारखंड के एग्जिट पोल केजरीवाल के लिए कर रहे हैं खतरनाक इशारे | Opinion

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दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने में बहुत वक्त तो नहीं बचा और चुनाव की तारीख भी नहीं घोषित हुई है, लेकिन सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने तैयारियां तेज कर दी हैं - और सामने आई 11 उम्मीदवारों की पहली सूची इस बात का सबूत भी है.

तैयारियां और कोशिशें अपनी जगह है, लेकिन Exit Polls के नतीजे दिल्ली चुनाव को लेकर बड़े ही खतरनाक इशारे कर रहे हैं. एग्जिट पोल की मानें तो महाराष्ट्र और झारखंड ही नहीं, उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भी बीजेपी बाकियों से बहुत आगे देखी जा रही है.

लोकसभा चुनाव में मिले झटके के बाद जिस तरह से बीजेपी ने खुद को संभाला, और हरियाणा की सत्ता में वापसी की, वो कोई मामूली बात नहीं है. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि बीजेपी दिल्ली चुनाव की भी काफी जोर शोर से तैयारी कर रही है.

AAP उम्मीदवारों की पहली सूची में क्या है

जो बातें अरविंद केजरीवाल कुछ दिनों से कहते आ रहे हैं, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची में वो सब देखा जा सकता है - लेकिन सूची में उम्मीदवारों के नाम देखने के बाद जो चीज समझ में आ रही है, वो ठीक नहीं है.

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अरविंद केजरीवाल ने एक संकेत तो शुरू में ही दे दिया था कि काफी मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाएंगे. अरविंद केजरीवाल जानते थे कि ऐसी बातें नुकसानदेह साबित हो सकती हैं, इसलिए पहले से ही बताने लगे थे कि कार्यकर्ता ये मानकर चलें कि दिल्ली की सभी 70 सीटों पर अरविंद केजरीवाल ही चुनाव लड़ रहे हैं.

लेकिन, उम्मीदवारों की पहली सूची में 6 नाम चौकाने वाले हैं. आम आदमी पार्टी ने जिन 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है उसमें 6 नाम हैं, जो बाहरी हैं. ये लोग हाल ही में कांग्रेस या बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं. दो उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो बीजेपी के विधायक रह चुके हैं.

क्या बाहरी नेताओं को टिकट देने के लिए ही अरविंद केजरीवाल मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की बात कर रहे थे? निश्चित तौर पर ये कदम अरविंद केजरीवाल के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है - जिस तरह से कैलाश गहलोत सहित कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी छोड़ी है, और भी नेता ये रास्ता अख्तियार कर सकते हैं.

AAP ने मेयर चुनाव जीता तो है, लेकिन जैसे तैसे

हाल ही में दिल्ली में मेयर का चुनाव हुआ था, जिसे लेकर अरविंद केजरीवाल कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. कह रहे हैं कि वो चुनाव कुरुक्षेत्र की लड़ाई जैसा था, और भगवान श्रीकृष्ण उनके साथ थे जिसके चलते बीजेपी को शिकस्त मिली.

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आप उम्मीदवार महेश कुमार खिची मेयर चुनाव में बीजेपी के किशन लाल को महज तीन वोटों से हराया था, और वो भी तब जब खबर आई थी कि AAP के 10 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग भी की थी - ये जीत राहत महूसस करने वाली हो सकती है, लेकिन घूम घूम कर ढोल पीटने वाली तो कतई नहीं.

जीत मायने जरूर रखती है, लेकिन ऐसी जीत कोई अच्छा संकेत नहीं देती. जिस तरह से पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की है, टिकट काटे जाने के बाद विधायकों का भी तो वैसा ही कदम हो सकता है - और वो बहुत बड़ा नुकसान भले न हो, लेकिन नुकसान तो पहुंचा ही सकते हैं.

बिछड़े साथी बीजेपी के हथियार बन चुके हैं.

एक प्रेस कांफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल से कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बारे में पूछा गया था, और उन्होंने बगल में बैठे दुर्गेश पाठक की तरफ माइक वैसे ही बढ़ा दिया था, जैसे स्वाति मालीवाल केस के सवाल पर माइक अखिलेश यादव की तरफ बढ़ा दिया था.

इस्तीफा देने के 24 घंटे के भीतर ही कैलाश गहलोत ने बीजेपी का दामन थाम लिया, और अब तो अपने पुराने नेता पर राजनीतिक मिसाइलें भी छोड़ने लगे हैं. है.

अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल को भी नये सिरे से हमले का मौका दे दिया है. बिभव कुमार को पंजाब के मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार बनाये जाने पर स्वाति मालीवाल ने सोशल साइट एक्स पर लिखा है, मुझे मारने पीटने के लिए अरविंद केजरीवाल जी ने अपने लाडले गुंडे बिभव कुमार को बड़े बड़े इनाम दिये हैं... पंजाब मुख्यमंत्री के चीफ एडवाइजर का बेशकीमती पद जो की राज्य का सबसे बड़ा प्रशासनिक पद है... सवाल ये है कि जिस आदमी को सुप्रीम कोर्ट तक ने गुंडा कहा, उसको बेल की शर्तों का उल्लंघन करते हुए क्यों केजरीवाल जी द्वारा इतना बढ़ावा दिया जा रहा है... मैं भगवंत मान जी से पूछना चाहती हूं - अगर गुंडे पंजाब सरकार चलाएंगे, तो पंजाब की महिलायें कैसे सुरक्षित रहेंगी?

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बीजेपी की तैयारी भी पहले से काफी बेहतर है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी तो बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से ही शुरू कर दी थी. जिस तरह से मनोज तिवारी को छोड़कर सारे ही उम्मीदवारों को बदल दिया गया - और बांसुरी स्वराज जैसी नई नेता को मोर्चे पर उतार दिया गया है, जिससे बीजेपी की तैयारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है.

बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रदेश घोषणा पत्र समिति का ऐलान किया है, जिसकी अध्यक्षता रामवीर सिंह बिधूड़ी करेंगे. बीजेपी में शामिल कांग्रेस के दिल्ली चीफ रह चुके अरविंदर सिंह लवली को भी अहम जिम्मेदारी मिली है.

बीजेपी की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र समिति में अध्यक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कुल 12 सदस्य शामिल हैं.

घोषणा पत्र समिति के ऐलान से पहले बीजेपी ने अपनी चुनाव संचालन समिति की भी घोषणा कर दी है.इस समिति का नेतृत्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा करेंगे.हर्षदीप मल्होत्रा को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि दुष्यंत गौतम, मनोज तिवारी और सरदार अरविंदर सिंह लवली को सह-संयोजक बनाया गया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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