देश के सबसे गरीब लोगों ने की कार-जीप की बंपर खरीददारी, 111 साल में 600-प्रतिशत- की बढ़ोत्तरी

MSPI latest report: यदि घर में गाड़ी होना आर्थिक तरक्की को दर्शाता है तो भारत के सबसे गरीब लोगों ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय तरक्की की है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MSPI) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे गरीब 20 प्रति

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MSPI latest report: यदि घर में गाड़ी होना आर्थिक तरक्की को दर्शाता है तो भारत के सबसे गरीब लोगों ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय तरक्की की है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MSPI) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे गरीब 20 प्रतिशत लोगों के परिवार में गाड़ियों की संख्या 6 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है. गाड़ियों में मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार या जीप शामिल है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2011-12 के दौरान भारत के सबसे गरीब 20 प्रतिशत लोगों में से केवल 6 प्रतिशत के पास गाड़ियां थीं. जो 2022-23 में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है. इस अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में 9 से 60 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 15 से 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. हालांकि, यह वृद्धि विभिन्न राज्यों में अलग-अलग है.

सबसे ज्यादा गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में

रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े पैमाने पर सबसे गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आर्थिक अवसरों तक सीमित पहुंच है. इसमें सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोग हैं. इन समुदायों के साथ हो रहे भेदभाव और हाशिए पर रहने के कारण महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और रोजगार के अवसरों का स्तर कम हो गया है.

The last 10 years have been economically remarkable for the poorest 20% of Indian population. Here’s one important marker: the proportion of poorest households that owned a vehicle (motorcycle/scooter,car/jeep)- 2011-12: 6% 2022-23: 40% State-wise growth is even more fascinating! pic.twitter.com/rsX7FEUBST

— Prof. Shamika Ravi (@ShamikaRavi) August 22, 2024

रिपोर्ट के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि सबसे गरीब ग्रामीण आबादी में मुख्य रूप से भूमिहीन मजदूर और छोटे किसान शामिल हैं. इनमें से कई खेतिहर मजदूर के रूप में काम करते हैं या जमीन के बहुत छोटे प्लॉटों के मालिक हैं. उनकी आय अक्सर बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होती है. इसके अलावा मजदूरी क्षेत्र में हाशिए पर रहने वाले समुदाय, जैसे घरेलू कामगार, निर्माण मजदूर और कम वेतन, अनियमित नौकरियों में लगे अन्य लोग भी इस श्रेणी में आते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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