अडानी ग्रुप का आया पहला बयान, अमेरिका में लगे आरोप निराधार... कोर्ट में होगा असली फैसला

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अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) के डायरेक्टर्स के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और SEC द्वारा लगाए गए आरोपों पर अडानी ग्रुप की ओर से सफाई आ गई है. समूह की ओर से इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए सिरे से खारिज किया गया है. Adani Group की ओर से जारी किए गए इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि ये आरोप हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है.

शेयरहोल्डर्स को दिलाया भरोसा

Adani Group द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट में साफ शब्दों में कहा गया है कि ये सभी निराधार हैं. जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने स्वयं कहा है कि अभियोग में लगाए गए आरोप फिलहाल आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक शामिल लोगों को निर्दोष माना जाता है. ग्रुप की ओर से कहा गया है कि सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे.इसके साथ ही शेयरधारकों को भरोसा दिलाते हुए स्टेटमेंट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप ने हमेशा सभी सेक्टर्स में पारदर्शिता और रेग्युलेटरी नियमों का अनुपालन किया है और करता रहेगा. हम अपने शेयरहोल्डर्स, पार्टनर और समूह की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाले संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है.

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अडानी

गौतम अडानी पर लगे क्या आरोप?

सबसे पहले बात कर लेते हैं उन आरोपों के बारे में, जो अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर लगाए गए हैं. तो बता दें कि Gautam Adani पर कथित तौर पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट से जुड़ा कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे अमेरिकी बैंकों और इन्वेस्टर्स से छिपाने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया है कि कंपनी के अन्य सीनियर ऑफिशियल्स ने कॉन्ट्रेक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को ये पेमेंट करने पर सहमति जताई थी.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों के आधार पर गुमराह किया और 2021 में बॉन्ड की पेशकश के साथ अमेरिका समेत अन्य इंटरनेशल इन्वेस्टर्स और अमेरिकी बैंकों से पैसे जुटाए. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस का कहना है कि अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट को हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक बड़ी योजना तैयार की गई थी. ऐसा भी कहा गया है कि गौतम अडानी ने भी इस संबंध में कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की थी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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