नौकरी का झांसा, कंबोडिया में ट्रेनिंग और निशाने पर हिंदी भाषी... साइबर ठगी करने वाले चाइनीज गैंग की पूरी कहानी

4 1 23
Read Time5 Minute, 17 Second

साइबर ठगी करने वाले चाइनीज गैंग का नेटवर्क सामने आया है. यह गैंग हिंदी भाषी लोगों को निशाना बनाता था.पुलिस का कहना है कि नौकरी का झांसा देकर भारतीय नागरिकों को कंबोडिया बुलाया जाता था, जहां उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी. इसके बाद भारत में इन ठगों के जरिए बैंक खाते खरीदकर करोड़ों की ठगी की जाती थी. हाल ही में हरियाणा के पलवल में साइबर क्राइम टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के 11 ठगों को गिरफ्तार किया, जिनमें चाइनीज नागरिकों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है.

जानकारी के अनुसार, यह मामला 23 अक्टूबर को तब सामने आया, जब पलवल के रहने वाले अनिल ने पुलिस सेशिकायत की.अनिल को 19 अक्टूबर को एक कॉल आया था, जिसमें ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी.इसके बाद अनिल को 72 घंटे तक डिजिटल अरेस्टरखा गया और जांच के बहाने कुल 88 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.

पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया.इनमें उत्तर प्रदेश के अश्वनी उर्फ लुसी, सोनू कुमार पासवान, रजत वर्मा, उत्कर्ष, अविश, नीरज कुमार, संजीव कुमार और शिवाजी मौर्या शामिल हैं.वहींमध्य प्रदेश के मनोज, सचिन उपाध्याय और यश दुबे को भी गिरफ्तार किया गया है.

डीएसपी ने क्या कहा?

डीएसपी पलवल विशाल कुमार के मुताबिक,जांच में चाइनीज नागरिकों की संलिप्तता भी सामने आई है. ये भारत में रहकर लोगों के बैंक खाते खरीदने के लिए भारतीय नागरिकों को फंसाते हैं. यह भी सामने आया है कि चाइनीज नागरिक भारतीय नागरिकों को नौकरी लगवाने के बहाने ठगी के लिए कंबोडिया भेजते हैं, जहां पर ठगी करने की ट्रेनिंग दी जाती है.

Advertisement

इसके बाद ठगी का सारा पैसा हैंडलर द्वारा चाइना पहुंचाया जाता है. जांच में पता चला है कि आरोपी कई बार चाइना, कंबोडिया, वियतनाम, नेपाल और दुबई की यात्रा कर चुके हैं. इनका निशाना हिंदी भाषी राज्यों में रहने वाले लोग हैं. पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 7 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.

यह भी पढ़ें: जिन नंबरों से ठग कॉल करते हैं, वे लाते कहां से हैं? आरोपियों पर एक्शन के बाद साइबर टीम ने बताई पूरी कहानी

पुलिस ने आरोपियों के पास से 31 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, 8 चेकबुक, नकदीऔर चार गाड़ियां बरामद की हैं.इनमें होंडा सिटी, टाटा सफारी और दो सियाज कारें शामिल हैं.इसके अलावा भारी मात्रा में फर्जी सिम कार्ड भी मिले हैं.

इस रैकेट के खिलाफ देशभर के विभिन्न राज्यों में 101 शिकायतें और एफआईआर दर्ज हैं.ठगों ने अब तक करीब 70 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है.पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं.इससे ठगी को समय रहते रोका जा सके.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बांग्लादेश में ISKCON के चिन्मय प्रभु गिरफ्तार, हिंदुओं को एकजुट कर अत्याचार के खिलाफ उठा रहे थे आवाज

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now