39 दिन, दो धमाके और सफेद पाउडर... उलझती जा रही है दिल्ली में ब्लास्ट की गुत्थी, जांच में जुटी पुलिस

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दिल्ली में गुरुवार की सुबह प्रशांत विहार में पीवीआर के पास हुए जोरदार धमाके के बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर दहशत है. लगभग 11:48 बजे हुए इस विस्फोट ने इलाके के लोगों को खौफजदा कर दिया, क्योंकि करीब एक महीने पहले रोहिणी इलाके में ऐसा ही एक अन्य विस्फोट हुआ था. दोनों घटनाओं में एक चिंताजनक समानता है, और वो है मौका-ए-वारदात पर सफेद पाउडर का पाया जाना. इसी बात ने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के माथे पर भी बल डाल दिए हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इन धमाकों को मकसद क्या है?

28 नवंबर 2024, प्रशांत विहार, दिल्ली
गुरुवार यानी 28 नवंबर को दिल्ली पुलिस को उत्तरी दिल्ली में स्थित प्रशांत विहार में बंसी स्वीट्स के पास एक संदिग्ध विस्फोट के बारे में सूचना मिली. फायर ब्रिगेड की टीम भी ये जानकारी मिलते ही हरकत में आ गई. मौके पर चार फायर ट्रक भेजे गए. स्थानीय पार्क की चारदीवारी के पास हुए इस विस्फोट के कारण घटनास्थल पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ बिखरा हुआ था. हालांकि अग्निशमन अधिकारियों ने विस्फोट को संदिग्ध मानते हुए तुरंत आकलन किया, लेकिन विस्फोट की वास्तविक प्रकृति का पता लगाना अभी बाकी है.

पुलिस ने विस्फोट की जांच शुरू कर दी है, जिसमें इस्तेमाल किए गए विस्फोटक के स्रोत और प्रकार की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. सफेद पाउडर की खोज ने और भी सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर रोहिणी में पहले हुई घटना से इसकी समानता को देखते हुए विशेषज्ञ अब जांच कर रहे हैं कि क्या दोनों विस्फोट एक ही तरह किए गए हैं? क्या दोनों धमाकों का आपस मे कनेक्शन है? क्या दोनों धमाकों की साजिश के पीछे एक ही शख्स या संगठन का हाथ है? आखिर ये सफेद पाउडर क्या है?

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20 अक्टूबर 2024, रोहिणी
हाल के हफ्तों में यह पहली बार नहीं है कि इस इलाके में धमाका हुआ है. पिछले महीने 20 अक्टूबर को दिल्ली के रोहिणी इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास एक भीषण विस्फोट हुआ था. प्रशांत विहार विस्फोट की तरह, रोहिणी में हुए विस्फोट में भी मौका-ए-वारदात पर सफेद पाउडर मिला था. उस दिन रविवार था. सुबह हुए इस विस्फोट ने इलाके के लोगों और अधिकारियों को सकते में डाल दिया था, अधिकारियों को अब तक हमले के पीछे का कारण और इरादा पता नहीं चल पाया है.

दोनों विस्फोटों में पाया गया सफेद पाउडर जांचकर्ताओं के लिए दिलचस्पी का मुख्य बिंदु है. हालांकि इसकी सटीक प्रकृति का अभी भी विश्लेषण किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि यह बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले किसी विशिष्ट प्रकार के विस्फोटक पदार्थ या रासायनिक यौगिक से जुड़ा हो सकता है. दोनों विस्फोटों के बीच समानता ने पुलिस को समन्वित प्रयास या शहर को निशाना बनाकर किए गए हमलों के जानबूझकर किए गए पैटर्न की संभावना पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है.

सुरक्षा को लेकर चिंता
लगभग 40 दिनों के अंतराल में हुए इन दो विस्फोटों के कारण, दिल्ली पुलिस पर अपराधियों को खोजने और आगे की घटनाओं को रोकने का दबाव बढ़ रहा है. विस्फोटों की निकटता और समान तरीकों के इस्तेमाल ने दिल्ली के निवासियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं. हालांकि दोनों विस्फोटों में किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन स्थानीय समुदाय पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव महत्वपूर्ण रहा है.

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दिल्ली पुलिस के अधिकारी सुराग जुटाने और विस्फोटों की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों और बम निरोधक दस्ते के साथ काम कर रहे हैं. पुलिस अधिकारी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का भी विश्लेषण कर रहे हैं और किसी भी संभावित सुराग को एक साथ जोड़ने के लिए स्थानीय गवाहों के साथ साक्षात्कार कर रहे हैं.

पैटर्न एक जैसा, मकसद साफ नहीं
धमाकों के पीछे का मकसद अभी भी साफ नहीं है, और जबकि दिल्ली में पहले भी ऐसे छिटपुट घटनाएं हुई हैं, धमाकों का हालिया पैटर्न विशेष रूप से चिंताजनक है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि दोनों जगहों पर सफेद पाउडर का इस्तेमाल लोगों में डर या भ्रम पैदा करने का प्रयास हो सकता है, लेकिन निर्णायक सबूतों के बिना, आगे अनुमान लगाना मुश्किल है.

जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ रही है, पुलिस नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देने का आग्रह कर रही है. दिल्ली के निवासियों को आश्वस्त किया गया है कि पुलिस शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी शक्ति से काम कर रही है.

फिलहाल, पुलिस सभी संभावित एंगल से इस केस की जांच कर रही है और इन धमाकों के पीछे की पहेली को सुलझाने की कोशिश कर रही है. यह निश्चित है कि शहर के निवासी और अधिकारी आने वाले दिनों में जवाब के लिए तैयार हैं, क्योंकि दिल्ली अराजकता के बीच स्पष्टता और न्याय की तलाश कर रही है

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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