महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग जारी है. करहल, कुंदरकी, सीसामऊ, कटेहरी, गाजियाबाद, खैर, मझवां, मीरापुर,फूलपुर ये यूपी की वो नौ सीट हैं, जहां उपचुनाव हो रहा है. ये वोटिंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए नाक की लड़ाई माना जा रहा है. वोटिंग को लेकर तनातनी भी देखी जा रही है.
समाजवादी पार्टी आरोप लगा रही है कि प्रशासन जानबूझकर वोटिंग को रोक रहा है. इसके जवाब में बीजेपी इसे हार से पहले की हताशा बता रही है. मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर उस वक्त तनाव बढ़ गया जब समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हाजी रिजवान ने चुनाव रद्द करने की मांग की. एसपी प्रत्याशी ने मांग रखी है कि आगे फिर चुनाव अर्धसैनिक बलों के साथ कराया जाए.
मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर हंगामा
ज्यादातर उन सीटों पर हंगामे या तनाव की खबरें उत्तर प्रदेश में आ रही हैं, जो मुस्लिम वोटर बाहुल्य हैं. मुजफ्फरनगर के मीरापुर में हंगामा हुआ है. मतदान केंद्रों पर भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस को एक्शन लेना पड़ा. मुरादाबाद से एक वीडियो आया. जहां पुलिस बेरिकेडिंग के खिलाफ लोगों ने विरोध किया. ये मुस्लिम बहुल इलाके का वीडियो है.
मुस्लिम मतदाताओं का आरोप है कि बेरिकेडिंग लगाकर मुस्लिम मतदाताओं को जबरन वोटिंग से रोका गया. वहीं, मैनपुरी के करहल में एक युवती की हत्या पर बवाल है, आरोप लग रहा है कि समाजवादी पार्टी को वोट ना देने पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया, पुलिस आरोपों की जांच कर रही है.
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चुनाव आयोग ने लिया एक्शन
इस बीच चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी की तरफ से लगाए जा रहे तमाम आरोपों पर कार्रवाई भी की है. यूपी में सात पुलिसवालों को चुनाव आयोग को सस्पेंड कर दिया है. मुरादाबाद में तीन, कानपुर में दो और मुजफ्फरनगर में दो पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं.
सीसामऊ का समीकरण समझिए
सीसामऊ सीट पर 45 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवार हैं. जहां समाजवादी पार्टी के इरफान सोलंकी की सदस्यता रद्द होने के बाद उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी की कैंडिडेट हैं. बीजेपी ने सुरेश अवस्थी को उतारा है. इस सीट पर आरोप मुस्लिम मतदाताओं को रोकने का लगाया जा रहा है.
कुंदरकी के बारे में जानिए
मुरादाबाद की कुंदरकी सीट सिर्फ एक बार 1993 में बीजेपी जीती थी. यानी पिछले 31 साल से बीजेपी को जीत नहीं मिली है. 60 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर भी आरोप यही लगे कि जानबूझकर अल्पसंख्यक मतदाताओं को पुलिस पहचान पत्र जांच के नाम पर रोक रही है. जिसके बाद चुनाव आयोग ने मुरादाबाद में बड़ी कार्रवाई की है. एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल, दो महिला कांस्टेबल यानी कुल पांच लोगों को चुनाव ड्यूटी से तुरंत हटा दिया है. आरोप यही लगा कि ये पुलिसकर्मी मुस्लिम वोटर के आईडी कार्ड की जांच कर रहे थे. जबकि चुनाव आयोग के मुताबिक वोटर के आईडी कार्ड की जांच का अधिकार मतदान अधिकारी के पास है.
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