दिल्ली चुनाव से पहले कैलाश गहलोत ही नहीं, एक साल में ये नेता भी छोड़ चुके हैं AAP, स्वाति मालीवाल भी हैं बागी

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दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अशोक गहलो ने मंत्री पद से इस्तीफे के साथ ही अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. कैलाश गहलोत से पहले इस साल दिल्ली सरकार के एक मंत्री समेत कई नेता आम आदमी पार्टी छोड़ चुके हैं. दिल्ली के पिछले चुनाव से अब तक की बात करें तो आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की लिस्ट और भी लंबी हो जाती है. आइए नजर डालते हैं ऐसे ही नेताओं पर.

कैलाश गहलोत

एक दिन पहले तक दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के पुराने नेताओं में से हैं. कैलाश गहलोत साल 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे और तब से ही वह अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी नेताओं, दिल्ली सरकार के ताकतवर मंत्रियों में शामिल रहे हैं.

कैलाश गहलोत ने परिवहन के साथ ही वित्त जैसा अहम विभाग भी संभाला है. मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद कैलाश गहलोत ने ही 2023-24 के लिए दिल्ली सरकार का बजट पेश किया था. दिल्ली के सीएम पद से केजरीवाल के इस्तीफे के बाद कैलाश का नाम नए मुख्यमंत्री के लिए रेस में शामिल था. हालांकि, वह इस रेस में आतिशी से पीछे रह गए और अब उन्होंने दिल्ली सरकार में मंत्री पद के आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

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राजेंद्र पाल गौतम

कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी छोड़ जाने से कुछ ही महीने पहले दिल्ली सरकार के एक पूर्व मंत्री ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने सितंबर महीने के पहले हफ्ते में आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बड़े दलित चेहरों में से एक थे. राजेंद्र पाल गौतम 2020 के विधानसभा चुनाव में सीमापुरी सीट से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. आम आदमी पार्टी छोड़ने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

राजकुमार आनंद

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार गौतम ने लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी. राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से तब इस्तीफा दे दिया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में थे. वह अप्रैल महीने में बीजेपी में शामिल हो गए थे. दलित नेता राजकुमार आनंद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर भी विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें तब हार मिली थी.

करतार सिंह तंवर

करतार सिंह तंवर साल 2020 के दिल्ली चुनाव में छतरपुर विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे. करतार सिंह तंवर ने भी कुछ ही महीने पहले आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी और वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. विधानसभा स्पीकर ने करतार को दल बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया था. राजकुमार आनंद, राजेंद्र पाल गौतम और करतार सिंह तंवर के बाद अब कैलाश गहलोत पार्टी छोड़ गए. इन चार चेहरों में से दो दलित नेता हैं. गौरतलब है कि दिल्ली में दलित आम आदमी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है.

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स्वाति मालीवाल भी बागी

पार्टी छोड़ गए इन नेताओं के अलावा दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरमैन स्वाति मालिवाल भी अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ लगातार बागी तेवर दिखा रही हैं. केजरीवाल के जेल से बेल पर बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालिवाल उनसे मिलने सीएम हाउस पहुंची थीं जहां कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की घटना हुई थी. इसके बाद से ही स्वाति संसद के भीतर और बाहर, केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ लगातार मुखर हैं.

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चुनाव से पहले झटका क्यों

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वाले साल में चार नेताओं का पार्टी छोड़ जाना और एक नेता का लगातार बागी तेवर दिखाना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माने जा रहे हैं. दरअसल, विपक्षी बीजेपी भ्रष्टाचार के मसले पर ही आम आदमी पार्टी को घेर रही है. भ्रष्टाचार की बुनियाद पर ही आम आदमी पार्टी का बतौर राजनीतिक दल सियासी सफर का आगाज हुआ था. पार्टी छोड़ गए नेताओं के आरोप हों या स्वाति मालीवाल के तल्ख बयान, ये सभी विपक्षी दलों की लाइन के आसपास दिखते हैं जो चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबतें बढ़ा सकते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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