जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप वाइट हाउस से कामकाज शुरू कर देंगे. आने से पहले उनका एक बड़ा वादा ये था कि वे लाखों घुसपैठियों को देश से बाहर करेंगे. हालांकि वहां एक अलग ही ट्रेंड दिख रहा है. खुद अमेरिका के रहने वाले ही चार सालों के लिए कहीं और शरण लेने की सोच रहे हैं. इसमें आम लोग ही नहीं, बड़ी पर्सनैलिटीज, जैसे शैरन स्टोन और अमेरिका फेरेरा जैसे नाम भी शामिल हैं.
क्या कह रहा है डेटा
वीजा में मदद करने वाली वेबसाइट वीजागाइड वर्ल्ड के मुताबिक बुधवार को ट्रंप की जीत का एलान होने के साथ ही बाहर कैसे जाएं, ये सर्च करने वाले तेजी से बढ़े. यहां तक कि ये आंकड़ा 15 सौ प्रतिशत ऊपर चला गया. इमिग्रेशन से जुड़े सर्च 338 फीसदी बढ़ गए. अमेरिकी लोग यूके और यूरोपियन देशों की तरफ जाने की इरादा कर रहे हैं.
द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, मूविंग टू न्यूजीलैंड सबसे ज्यादा सर्च किया गया. इसी तरह से जर्मनी, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे देश हैं. जाने की इच्छा रखने वालों की संख्या अच्छी-खासी है. इसी महीने की शुरुआत में एक मीडिया हाउस ने चार हजार अमेरिकियों पर सर्वे किया, जिसमें पाया गया कि हर पांच में से एक शख्स रिलोकेशन के बारे में सोच रहा है.
क्यों देश छोड़ने पर आमादा हैं लोग
यूएस में बसने के लिए दुनियाभर के लोग कई तरह की तिकड़में आजमाते रहते हैं, वहीं अमेरिकी अपनी पसंद की सरकार के न आने पर खुद दी देश से बाहर जाने लगते हैं. खासकर ट्रंप के मामले में यह ट्रेंड साल 2016 में भी दिखा था. जब उनकी जीत की घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कनाडा की इमिग्रेशन वेबसाइट क्रैश हो गई थी. यह एक संकेत था कि कई अमेरिकी ट्रंप की जीत से चिंतित होकर विकल्प तलाश रहे थे.
किन लोगों पर हुआ निगेटिव असर
लिबरल खेमा ट्रंप से परेशान रहता है. ट्रंप ने अपने आने से पहले ही इमिग्रेशन, क्लाइमेट और फॉरेन पॉलिसी पर कई ऐसी बातें कीं, जो लिबरल्स के लिए पचाना आसान नहीं. महिलाओं का बड़ा तबका भी इस नेता की वापसी से परेशान है. दरअसल ट्रंप अबॉर्शन के खिलाफ हैं और ऐसे संकेत दे चुके कि वे इसे पूरी तरह से बैन कर सकते हैं. यूएस में बड़ी आबादी LGBTQ की भी है, वे भी नए दौर में खुद को सुरक्षित नहीं पा रहे. ऐसी तमाम वजहें हैं, जिनके चलते लोग दूसरे देशों में अस्थाई निवास की सोच रहे हैं. इनमें हॉलीवुड सेलिब्रिटी भी हैं, जिनकी प्राथमिकता में लंदन जाना है.
कई वेबसाइट्स हैं, जो सुझाव दे रही हैं कि लोगों को कहां जाना चाहिए, जहां उनकी योग्यता के हिसाब से लंबा वीजा और काम मिल सके. जैसे रैडिट पर r/AmerExit ग्रुप है, जो यूएस से एग्जिट के बाद दूसरे देशों के विकल्प सुझा रहा है. ग्लोबल सिटिजनशिप फर्म हैनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादा अमेरिकी कनाडा जा रहे हैं क्योंकि ये पास भी है और यहां का कल्चर उनसे मिलता-जुलता है.
राजनैतिक असहमति के बाद देश छोड़ना कोई नया कंसेप्ट नहीं. सेकंड वर्ल्ड वॉर से पहले अपने देशों की पॉलिसी से अलग सोच रखने वाले बहुत से नागरिक दूसरे देशों की तरफ जाने लगे. वहीं कोल्ड वॉर के दौरान भी रूस और अमेरिका के लोग राजनैतिक पचड़ों से बचने के लिए यहां से वहां गए.
क्यों अमेरिकन्स के लिए आसान है दूसरे देश जाना
अमेरिका वो देश हैं, जहां के नागरिकों के लिए वीजा पाना काफी आसान होता है. यहां का पासपोर्ट काफी पावरफुल है, जिसकी वजह से बहुत से देश यहां के लोगों को लंबे समय तक अपनाने के लिए तैयार रहते हैं. कई देशों में वीजा-फ्री एंट्री या ऑन-अराइवल वीजा की सुविधा भी यूएस सिटिजन्स के लिए है. अब बात करें कि क्यों ज्यादातर लोग कनाडा जाना चाह रहे हैं तो इसकी वजह ये है कि दोनों देशों के बीच काफी अच्छे कूटनीतिक संबंध हैं, जिससे अमेरिकी नागरिकों के लिए कनाडा में वर्क वीजा लेना काफी आसान है. साथ ही दोनों के बीच वर्क परमिट के लिए कई ऑप्शन हैं.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.