उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर एक कदम उठाते हुए, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने जिम, ब्यूटी पार्लर, सैलून और टेलर की दुकानों पर महिला ट्रेनर और कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। उनका मानना है कि इस फैसले से महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उनके इस निर्णय का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न के मामलों पर रोक लगाना और एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य महिला आयोगअध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने एक अहम कदम उठाया है. अब राज्य में जिम, ब्यूटी पार्लर, सैलून और टेलर की दुकानों पर महिलाओं की नियुक्ति अनिवार्य होगी. बबिता चौहान का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य न केवल महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल देना है, बल्कि उनके लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करना है.
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डॉ. बबीता सिंह चौहान आगरा की रहने वाली हैं और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. वे समाजसेवी संगठन से जुड़ी होने के साथ सक्रिय राजनीतिक में हैं. सक्रिय राजनीति में उनका लंबा अनुभव रहा है. वे कई वर्षों से महिला अधिकारों और सामाजिक मुद्दों पर काम करती रही हैं. आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्होंने महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर रोक लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर ठोस प्रयास शुरू किए हैं.
बबीता सिंह चौहान ने आजतक से बात करते हुए कहा कि उन्होंने जिम और सैलून में महिला कर्मचारियों की नियुक्ति का नियम बनाया, ताकि महिलाओं को एक सुरक्षित और अनुकूल माहौल मिल सके. महिलाओं को सुरक्षा के साथ-साथ रोजगार का अधिकार भी दिया जाना चाहिए. इस निर्णय के तहत पुरुष कर्मचारियों को नहीं हटाया जाएगा, बल्कि महिला कर्मचारियों को भी साथ में रखा जाएगा.
डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा कि जिम, ब्यूटी पार्लर और सैलून में महिलाओं को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसमें वीडियोग्राफी से लेकर अनुचित व्यवहार जैसी घटनाएं शामिल होती हैं. उनका मानना है कि महिला कर्मचारी होने से महिलाएं खुलकर अपनी समस्याओं को साझा कर सकती हैं और अधिक सुरक्षित महसूस कर सकती हैं. इसके अतिरिक्त, वे चाहती हैं कि इस फैसले से महिला रोजगार में भी वृद्धि हो और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिले.
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महिला आयोग ने निर्देश दिए हैं कि इन सभी संस्थानों के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा. छोटे शहरों में भी इस नियम का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी गई है. आयोग द्वारा यह भी कहा गया है कि संस्थानों को इस बदलाव के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा, ताकि वे बिना किसी बाधा के इस नियम का पालन कर सकें.
डॉ. बबीता सिंह चौहान का मानना है कि महिलाओं के पास हर क्षेत्र में काम करने का समान अधिकार है. जिम जैसी जगहों पर उन्हें केवल पुरुषों की उपस्थिति की वजह से असुविधा का सामना नहीं करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह कदम आवश्यक था.
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