सुप्रीम कोर्ट ने गर्मी की लंबी छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव किया है. इसके अलावा अवकाशकालीन जज शब्द को भी खत्म करने का निर्णय लिया गया है. SC के नए नियम में हर साल होने वाली गर्मी की छुट्टी को अब 'आंशिक न्यायालय कार्य दिवस' नाम दिया गया है. वहीं, वेकेशन जज के नाम में भी बदलाव हुआ है. इसे बदलकर जज कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियों को लेकर किया गया यह बदलाव इसलिये भी अहम है, क्योंकि पिछले कुछ समय से इस बात को लेकर चर्चा की जा रही थी कि टॉप कोर्ट को लंबी छुट्टियां मिलती हैं. यह सुप्रीम कोर्ट रूल 2013 के संशोधन का हिस्सा था, लेकिन बदलाव के बाद अब यह सुप्रीम कोर्ट (दूसरा संशोधन) नियम 2024 बन गया है. इस बदलाव को 5 नवंबर को नोटिफाई किया गया है.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 'आंशिक न्यायालय कार्य दिवस' की अवधि और कोर्ट के साथ उसके दफ्तरों की छुट्टियां चीफ जस्टिस तय करेंगे. इसे ऑफिशियल गजट में नोटिफाई किया जाएगा. ये छुट्टियां रविवार को छोड़कर 95 दिनों से ज्यादा की नहीं होंगी.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि चीफ जस्टिस 'आंशिक न्यायालय कार्य दिवस' या छुट्टियों के बीच नोटिस के बाद सभी एडमिशन, जरूरी नियमित मामलों के लिये एक या एक से ज्यादा जजों की नियुक्ति कर सकते हैं. इसके अलावा दूसरे मामलों में भी ऐसा किया जा सकता है. इस तरह के सभी फैसले चीफ जस्टिस ही लेंगे.
इससे पहले की व्यवस्था के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में हर साल गर्मी और सर्दी में छुट्टियां ली जाती थीं. हालांकि, इस दौरान सर्वोच्च अदालत पूरी तरह से बंद नहीं रहती थी. गर्मी की छुट्टियों में चीफ जस्टिस जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए अवकाशकालीन पीठ की स्थापना करते थे.
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