अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अपने 2024 के चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली सुसान उर्फ सूसी विल्स को व्हाइट हाउस का चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया. जानकारी के मुताबिकवह व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ बनने वाली पहली महिला होंगी. जनवरी में संभावित शपथ ग्रहण से पहले विल्स की नियुक्ति ट्रंप का पहला बड़ा फैसला है.
जानकारों की मानें तो व्हाइट हाउस में इस पद पर पहली बार किसी महिला को नियुक्त करके ट्रंप महिला वोटर्स के बीच बड़ा संदेश पहुंचाना चाहते हैं. कारण, पूरे चुनावी कैंपेन के दौरान उन पर महिलाओं से संबंधित तमाम आरोप लगते रहे. साथ ही कई महिला सेलेब्रिटी ने ट्रंप के खिलाफ और कमला हैरिस के लिए प्रचार प्रसार किया था. इसके बावजूद चुनाव में कमला हैरिस को 53 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया जबकि ट्रंप को 45 फीसदी महिलाओं का वोट मिला.
अपने आदेश में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, "सूसी विल्स ने मुझे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत हासिल करने में मदद की है. वह मेरे 2016 और 2020 के सफल अभियानों का अभिन्न अंग थीं. सूसी सख्त, स्मार्ट, इनोवेटिव हैं और यूनिवर्सिली प्रशंसित और सम्मानित हैं. सूसी अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए अथक प्रयास करती रहेंगी. संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में पहली महिला चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सूसी का होना एक अच्छी तरह से योग्य सम्मान है. मुझे कोई संदेह नहीं है कि वह हमारे देश को गौरवान्वित करेंगी."
बता दें कि 67 वर्षीय सूसी विल्स को ट्रंप के सबसे अनुशासित और बेहतरीन तरीके से चलाए गए अभियान के लिए उनके करीबी लोगों के बीच और बाहर भी बहुत सम्मान दिया जाता है. यही कारण है कि वे चीफ ऑफ स्टाफ की भूमिका के लिए शीर्ष दावेदार बन गई थीं. पर्दे के पीछे रहने वाली विल्स ने बुधवार की सुबह ट्रंप द्वारा जीत का जश्न मनाने के दौरान भी बोलने से इनकार कर दिया था.
सूसी विल्स फ्लोरिडा की एक अनुभवी रिपब्लिकन रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2016 और 2020 में फ्लोरिडा में ट्रंप के अभियानों का नेतृत्व किया. इससे पहले, उन्होंने फ्लोरिडा के गवर्नर के लिए रिक स्कॉट के सफल 2010 के अभियान का प्रबंधन किया और पूर्व यूटा गवर्नर जॉन हंट्समैन की 2012 की राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए अभियान प्रबंधक के रूप में संक्षिप्त रूप से कार्य किया.
चीफ ऑफ स्टाफ की होती है ये जिम्मेदारी
चीफ ऑफ स्टाफ सरकार में एक कैबिनेट पद है, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है. इसके लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है. इस पद पर नियुक्त शख्स सिर्फ राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है. चीफ ऑफ स्टाफ राष्ट्रपति के विश्वासपात्र के रूप में कार्य करते हैं, राष्ट्रपति के एजेंडे को क्रियान्वित करते हैं और प्रतिस्पर्धी राजनीतिक और नीतिगत प्राथमिकताओं को संतुलित करते हैं. उन्हें गेटकीपर टर्म भी दिया जाता है, जो यह मैनेज करतेहैं कि राष्ट्रपति तक कौन पहुंच सकता है. साथ ही राष्ट्रपति से मिलने वाले लोगों को कब और कैसे बुलाना है, यह भी चीफ ऑफ स्टाफ तय करता है.
विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री पद की दौड़ में ये नाम शामिल
ट्रंप के इस कदम के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वह आने वाले हफ्तों में अपने मंत्रिमंडल और अन्य उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया शुरू करेंगे. ऐसे में विदेश मंत्री की दौड़ में ट्रंप के पूर्व कार्यकारी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक रिचर्ड ग्रेनेल, अपने आक्रामक विचारों के लिए जाने जाने वाले पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन और रिपब्लिकन पार्टी से मजबूत संबंध रखने वाले सीनेटर और पूर्व राजदूत बिल हेगर्टी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं रक्षा मंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे उम्मीदवारों में कांग्रेस सदस्य माइक वाल्ट्ज शामिल हैं, जो चीन के प्रभाव के मुखर आलोचक हैं और पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ हैं.
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