ना मिसाइल अटैक, ना बरसाए रॉकेट... इजरायल ने किया ऐसा करारा पलटवार, हिल गया ईरान, खतरे में न्यूक्लियर प्लांट

4 1 9
Read Time5 Minute, 17 Second

ईरान के भीषण मिसाइल अटैक का इजरायल ने करारा पलटवार कर दिया है. इस बार हमला ना आसमान से हुआ है, ना ही जमीन से, ना मिसाइल का इस्तेमाल किया गया है, ना ही रॉकेट का, बल्कि इस बार इजरायल ने सबसे खतरनाक साइबर अटैक किया है. ऐसा हमला जो इजरायल के एक्सपर्ट ने पीएम नेतन्याहू के कहने पर अपने ही मुल्क में बैठकर अंजाम दिया और ईरान की कमर तोड़कर रख दी है. ईरान का पूरा सिस्टम इस साइबर अटैक की जद में आ गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी सरकार और उनके न्यूक्लियर ठिकानों पर साइबर हमला हुआ है. इसके जरिए इजरायल ने न्यूक्लियर से जुड़ी कई अहम जानकारियां चुरा ली हैं. ईरान के सुप्रीम कौंसिल ऑफ साइबर स्पेस के पूर्व सचिव फिरोजाबादी के हवाले से कहा गया कि इस साइबर अटैक की जद में ईरान सरकार की तीनो शाखाएं, न्यायपालिका विधायिका और कार्यपालिका चपेट में आई हैं. जिन संस्थानों पर हमला हुआ, उसकी फेहरिस्त बताती है कि चोट कितनी गहरी है.

इस साइबर अटैक की चपेट में न्यूक्लियर पावर प्लांट, बंदरगाह परिवहन नेटवर्क, ईंधन वितरण सिस्टम और नगरपालिका नेटवर्क तक आ गया है. तुर्कमेनिस्तान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान एक तरफ रूसी राष्ट्रपति पुतिन से दोस्ती बढा रहे थे, तो दूसरी तरफ इजरायल तेहरान में साइबर अटैक को अंजाम दे रहा था. इजरायल ने पहले ही ये धमकी दे दी थी कि ईरान ने बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला बोलकर बड़ी गलती की है. उसको इसकी कीमत चुकानी होगी.

Advertisement

इजरायल ने अपनी धमकी सही साबित कर दिया. अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों और तेल ठिकानों को निशाना नहीं बनाने की चेतावनी इजरायल को दे रहा था. इजरायल ने भी सीधा हमला नहीं बोला, लेकिन साइबर अटैक के जरिए ईरान को करारा जवाब दे दिया. ये ईरान पर इजरायल का पहला हमला है. देखना होगा कि दूसरा हमला कब होता है. वैसे ईरान और इजरायल की लंबी दुश्मनी में ये पहला मौका नहीं है जब इजरायल ने साइबर अटैक किया है.

साइबर अटैक में माहिर माना जाता हैइजरायल, 14 साल से ईरान पर हो रहे हमले

14 साल से इस तरह के हमले इजरायल कर रहा है. इजरायल साइबर अटैक में माहिर माना जाता है. हाल में पेजर और वॉकी-टॉकी धमाकों के बाद से माना जा रहा है कि इजरायल के पास दुश्मन को नुकसान पहुंचाने के कई हथियार हैं. उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद ऐसे कई हमले पहले भी करा चुकी है. दुश्मन को माकूल जवाब दे चुकी है. जून 2010 में इजरायल के 'स्टक्सनेट वायरस' ने ईरान के बुशहर में मौजूद परमाणु संयंत्र के कंप्यूटरों पर हमला किया था.

इजरायल के 'स्टक्सनेट वायरस' ने ईरान के30 हजार कंप्यूटरों को चपेट में लिया

इस साइबर हमले में 30 हजार कंप्यूटरों पर असर पड़ा था. अप्रैल 2011 में 'स्टार्स' नामक वायरस के जरिए फिर ईरानी परमाणु केंद्रों में घुसपैठ की गई. नवंबर 2011 में ईरान को पता चला कि 'ड्यूक' नामक नया वायरस नुकसान पहुंचा रहा है. इसका मकसद ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बनाना था. अप्रैल 2012 में ईरान ने 'वाइपर' नामक मैलवेयर का पता लगाया. मई 2012 में ईरान ने दावा किया कि 'फ्लेम' नामक वायरस ने सरकारी कंप्यूटरों से सरकारी डेटा चुराने की कोशिश की.

Advertisement

यह भी पढ़ें: बिजली के खंभे से बांध, गले में तख्ती लटकाकर लिखा- मैं चोर हूं... लेबनान में मिल रही ऐसी सजा

IDF

इजरायल के रक्षा मंत्री ने दी थी चेतावनी- हमारी जवाबी कार्रवाई हैरान कर देगी!

आरोप फिर इजरायल पर लगा. इस तरह से साफ है कि इजरायल ने एक बार फिर ईरान के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है वो भी बिना ईरान में घुसे या घातक हथियारों का इस्तेमाल किए. इससे पहले इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी थी कि ईरानी मिसाइल हमले का जवाब जरूर दिया जाएगा. उन्होंने कहा था उनके देश की जवाबी कार्रवाई "घातक" और "आश्चर्यजनक" होगी. इस तरह एक ईरान में एक बड़ा साइबर अटैक करके इजरायल में पूरी दुनिया को चौंका दिया है.

हिज्बुल्लाह के मीडिया प्रमुख ने कहा- हमारे दुश्मन ने अभी बहुत थोड़ा ही देखा है!

उधर, लेबनान पर जारी इजरायली हमलों से हिज्बुल्लाह बेपरवाह दिख रहा है. उसके मीडिया प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता इजरायल को शिकस्त देना है. हालांकि इजरायली हमले रोकने की किसी भी कोशिश के प्रति विकल्प खुले रखने की भी बात कही है. इजरायल को चेतावनी देते हुए हिज्बुल्लाह मीडिया प्रमुख ने साफ किया कि तेल अवीव पर हमला तो अभी शुरूआत है. उसके मुताबिक उनके दुश्मन ने तो अभी बहुत थोड़ा ही देखा है.

Advertisement

दक्षिणी लेबनान में इजरायली हमले में घायल हो गएदो संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत

इस बीच शनिवार की सुबह भी लेबनान की राजधानी बेरूत पर इजरायली हमले जारी रहे. इजरायली हमलों से पूरा इलाका थर्रा उठा और आसमान काले धुएं के गुबार से भरा नजर आया. शुक्रवार को इजरायली हमले में दक्षिणी लेबनान में दो यूएन शांति दूत घायल हो गए. 48 घंटे में ये यूएन शांति दूतों पर इजरायली सेना का दूसरा हमला था. फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने लेबनान में यूएन शांति दूतों पर हमले के लिए इजरायल की निंदा की है. अमेरिका ने हमले रोकने की अपील की है.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

क्या लॉरेंस गैंग ने कराई बाबा सिद्दीकी की हत्या? हत्या के बाद क्यों आया नाम

Baba Siddiqui Murder News: क्या महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने करवाई है. मुंबई में हुई सिद्दीकी की हत्या के बाद यह सवाल तेजी से उठ रहा है. मुंबई क्राइम ब्रांच इस हत्याकांड में दो आरोपियों को अरेस्ट कर चुकी

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now