Live- कमिश्नर को हटाने समेत ममता ने मान ली तीन मांगें, लेकिन काम पर नहीं लौटेंगे डॉक्टर, जानिए किन डिमांड्स पर अटक गई बात

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RG KAR मेडिकल कॉलेज की घटना के लोकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर ने सोमवार रात कहा कि वे तब तक अपना प्रदर्शन और हड़ताल जारी रखेंगे, जब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी मांगों को लेकर उनसे किए गए सभी वादे पूरा ना कर लें.

डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को पद से हटाने की बनर्जी की घोषणा की भी सराहना की और इसे अपनी मौलिक जीत बताया.

रेप और मर्डर मामले में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में से एक ने कहा, 'जब तक सीएम द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं हो जाते, हम यहां 'स्वास्थ्य भवन' (स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय) पर अपनी हड़ताल (सीज वर्क) और प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम आरजी कर के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं.'

तय करना है लंबा रास्ता: डॉक्टर

जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे मंगलवार को सुनवाई के बाद एक बैठक करेंगे और अपनी हड़ताल (सीज वर्क) और प्रदर्शन पर आगे का फैसला लेंगे. एक अन्य जूनियर डॉक्टर ने कहा, "हमारा आंदोलन आम लोगों के समर्थन के कारण ही संभव हो सका है. 38 दिनों के बाद राज्य प्रशासन को हमारे आंदोलन के सामने झुकना पड़ा. हमें अभी-भी अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है." .

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विरोध प्रदर्शन में शामिल डॉक्टर देबाशीष हलदर ने कहा कि जनता जो चाहती थी हम उसे सीएम के सामने ला सके. आंदोलन के कारण सीपी को हटाया जाएगा. सीएम ने कहा- डीएमई और डीएचएस को हटाया जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में जिनके संरक्षण में भ्रष्टाचार होता है, यानी प्रधान सचिव. उन्हें नहीं हटाया गया है.

'हमारी सुरक्षा पर बहुत कम हुई चर्चा'

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सुरक्षा पर कुछ चर्चा हुई, लेकिन यह केवल सीसीटीवी तक सीमित नहीं है, बल्कि खतरे की संस्कृति है.इस पर थोड़ी चर्चा की गई लेकिन हमें बताया गया कि सीएस के तहत एक शरीर बनाया जाएगा। हम इस पर बात करने के लिए तैयार हैं. हमारी सुरक्षा और सुरक्षा पर कुछ चर्चा हुई, लेकिन यह सिर्फ सीसीटीवी तक ही सीमित नहीं है बल्कि खतरे की प्रकृति पर निर्भर है. जिस पर बहुत कम चर्चा हुई, लेकिन हमें बताया गया कि सीएस के तहत एक बॉडी बनाई जाएगी. हम इस पर बोलने के लिए तैयार हैं. हम धरना स्थल पर जाकर दूसरों से बात करेंगे. सुप्रीम कोर्ट क्या कहता है, इस पर भी नजर रहेगी और यह भी कि ये मांगें कब पूरी होती हैं और कब कार्रवाई में तब्दील होती हैं.

ममता बनर्जी की घोषणा के बाद जश्न मनाने वाले चिकित्सक उनके कालीघाट आवास से लौटने के बाद 'स्वास्थ्य भवन' में मीडिया को संबोधित कर रहे थे, जहां मुख्यमंत्री और डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच एक बैठक हुई थी.

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ममता सरकार ने मानी डॉक्टरों की मांग

इससे पहले सोमवार रात को बनर्जी ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की मांगों को मानते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटाने की घोषणा की.

सीएम की यह घोषणा 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या पर एक महीने से अधिक वक्त से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए आंदोलनकारी डॉक्टरों के साथ एक व्यापक बैठक के बाद आई.ममता ने डॉक्टरों को भरोसा देते हुए कहा कि सीपी को मंगलवार शाम चार बजे तक हटा दिया जाएगा.

डॉक्टरों पर नहीं होगा एक्शन: ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक 'सकारात्मक' रही और सरकार ने डॉक्टरों द्वारा रखी गई पांच मांगों में से तीन को मान लिया गया है और जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा, "मैंने आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है, क्योंकि उनकी पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं... प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोईकार्रवाई नहीं की जाएगी."

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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