राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व अध्यक्ष रामूराम रायका सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा (Sub-Inspector Recruitment Exam) का पेपर पेपर सेट करनेवाले एक्सपर्ट से परीक्षा पत्र घरलेकर लाया था. 7-8 दिन पहले हैंड रिटेन पेपर लाकर रायका ने अपनी बेटी शोभा रायका और बेटा देवेश रायका को दे दिया था. शोभा ने टॉप करते हुए 5वीं रैंक हासिल की, तो बेटे देवेश को 37वीं रैंक मिली.
रामू राम रायका की गिरफ्तारी पर SOG के ADG वीके सिंह ने बताया, शोभा और देवेश को कुछ नहीं आने पर गिरफ्तार किया तो खुलासा हुआ कि RPSC सदस्य रहते पिता रामूराम रायका ने आयोग से ही दोनों पेपर निकाल लिए थे.
SOG ने जब परीक्षा ली ती टॉपर बेटी शोभा को हिंदी में 100 में से 34 और सामान्य ज्ञान में 100 में से 24 नंबर आए. परीक्षा में निगेटिव नंबर देने पर ज़ीरो आ रहा था. 37वीं रैंक लाने वाले बेटे को दोनों पेपरों में 67 और 69 आए, मगर निगेटिव मार्किंग में वह भी परीक्षा में फेल हो रहा है.
हिंदी भी ठीक से नहीं लिख पाई शोभा
पांचवां स्थान लाकर टॉप करनेवाली बेटी शोभा तो राजस्थान के राज्यपाल का नाम तक नहीं बता पाई और ठीक से हिंदी भी नहीं लिख पा रही थी. जबकि सिलेक्शन होने के बाद अपने रसूख के बल पर रामूराम रायका ने अपने दोनों बच्चों की पोस्टिंग सबसे अच्छी जगह जयपुर कमिश्नरेट में करा रखी थी.
एसओजी ने अबतक 38 सब-इंस्पेक्टरों को गिरफ़्तार किया है, जबकि एक दर्जन रडार पर हैं. इस मामले में 65 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी हैं, जबकि 60 से ज्यादा पर कार्रवाईहो सकतीहै.
बेरोजगारों में भारी रोष
उधर, इतने बड़े पैमाने पर पेपरलीक होने पर भी राजस्थान सरकार एसआई भर्ती परीक्षा 2021 रद्द नहीं कर रही है. इससे बेरोजगारों में भारी रोष है. गौरतलब है कि गिरफ्तार सदस्य रामूराम रायका ने देवासी समाज के एक सम्मेलन में कहा था, ''हम इंटरव्यू में ऐसे ही लोगों को पास करा देते हैं.''
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इससे पहले आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा को एसओजी ने सेकेंड ग्रेड टीचर परीक्षा के पेपरलीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
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