महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए बेहद अहम साबित हुए. शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 57 सीटें जीतकर विरोधी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) को 36 सीटों पर शिकस्त दी है तो दूसरी ओर, एमवीए की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) 95 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद केवल 20 सीटें जीत पाई. महायुति गठबंधन ने जहां प्रचंड बहुमत के साथ 288 सीटों में से 230 पर जीत दर्ज की, वहीं महाविकास अघाड़ी (एमवीए) केवल 46 सीटों तक सिमटकर रह गया. यह चुनाव न केवल शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि एनसीपी के भीतर अजित पवार और शरद पवार के गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी देखने को मिली.
शिवसेना (शिंदे) बनाम शिवसेना (यूबीटी): किसने मारी बाजी?
शिंदे की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 57 सीटें जीतीं, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद केवल 20 सीटें जीतीं. शिंदे गुट ने 36 सीटों पर सीधे शिवसेना (यूबीटी) को हराया.
शिंदे का बड़ा दांव और चुनावी जीत
जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है. शिंदे गुट ने जहां अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की, वहीं उद्धव गुट को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
ठाणे जिले की कोपरी-पाचपाखड़ी सीट से शिंदे ने 1.2 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की. सिल्लोड सीट पर मंत्री अब्दुल सत्तार ने सुरेश बांकर को हराया तो वहीं, औरंगाबाद सेंट्रल में प्रदीप जैसवाल ने बाला साहेब थोराट को शिकस्त दी है. ठाणे जिले के भिवंडी ग्रामीण क्षेत्र में शिंदे गुट के शंकर मोरे ने शिवसेना (यूबीटी) के महादेव घाटल को हराया है.
उद्धव गुट की करारी हार
शिवसेना (यूबीटी) ने केवल 20 सीटों पर जीत दर्ज की, जिसमें प्रमुख सीट वर्ली शामिल है. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा को हराया. दिंडोशी से सुनील प्रभु ने संजय निरुपम को हार की राह दिखाई तो माहिम से महेश सावंत ने सदा सरवणकर को हरा दिया और विधानसभा पहुंचे हैं. विक्रोली से सुनील राऊत ने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार को हराया है.
महाविकास अघाड़ी की भी करारी हार
एमवीए ने राज्य में सत्ता वापसी का सपना देखा था, लेकिन कांग्रेस-एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) का गठबंधन महज 46 सीटों तक सिमट गया. भाजपा और शिंदे की शिवसेना के महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया. भाजपा ने 132, शिंदे गुट ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
शिवसेना (यूबीटी) का प्रदर्शन
उद्धव ठाकरे की पार्टी केवल 20 सीटें जीत पाई. वर्ली सीट से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा को हराया. वहीं, दिंडोशी में सुनील प्रभु ने संजय निरुपम को हराकर जीत दर्ज की. महिम में महेश सावंत ने सदा सरवणकर को हराया है.
एनसीपी बनाम एनसीपी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी के दोनों धड़ों के बीच भी कड़ी टक्कर देखने को मिली है. अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 41 सीटें जीतीं, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) को 86 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद सिर्फ 10 सीटें मिलीं.
अजित पवार ने पारिवारिक गढ़ बारामती में अपने भतीजे युगेंद्र पवार को 1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराकर शरद पवार को उनके राजनीतिक करियर का सबसे बड़ा झटका दिया. वहीं, अजित पवार की पार्टी के चंद्रकांत नवघरे ने बासमथ में जयप्रकाश दंडेगांवकर को हराया. मंत्री छगन भुजबल ने येवला में एनसीपी (एसपी) के माणिकराव शिंदे को हराया.
अजित पवार गुट की बड़ी जीत
1.अजित पवार ने बारामती में अपने भतीजे युगेंद्र पवार को 1 लाख से अधिक वोटों से हराकर बड़ा झटका दिया.
2. येवला में मंत्री छगन भुजबल ने एनसीपी (एसपी) के माणिकराव शिंदे को हराया.
3. सिरूर से ज्ञानेश्वर कटके ने अशोक पवार को हराया.
4. परली में मंत्री धनंजय मुंडे ने 1.4 लाख वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की.
शरद पवार के गुट की हार
शरद पवार ने अपने गुट के लिए जनता से "गद्दारों" को हराने की अपील की थी, लेकिन उनके प्रभावशाली गढ़ों में भी अजित पवार गुट ने जीत दर्ज की है. शरद पवार का गढ़ अहमदनगर और बीड जिलों में अजित पवार के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.
1. मुम्ब्रा-कलवा से जितेंद्र आव्हाड ने एनसीपी के नजीब मुल्ला को हराया.
2. वडगांव शेरी से बापूसाहेब पाथरे ने एनसीपी के सुनील टिंगरे को हराया.
3. माढा से अभिजीत पाटिल ने मीनल साठे को तीसरे स्थान पर धकेलते हुए जीत दर्ज की.
एक नजर, महायुति की प्रचंड जीत पर
महायुति गठबंधन ने 230 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया. भाजपा ने 132 सीटों पर कब्जा किया, जबकि शिंदे गुट ने 57 और अजित पवार गुट ने 41 सीटें जीतीं.
महायुति के प्रमुख विजेता
1. रत्नागिरी से मंत्री उदय सामंत ने बाल माने को हराया
2. कुडाल से निलेश राणे ने मौजूदा विधायक वैभव नाइक को हराया
3.सावंतवाड़ी से दीपक केसरकर ने राजन तिले को हराया.
क्या कहते हैं महाराष्ट्र के चुनाव के नतीजे?
महायुति के मजबूत प्रचार और संगठनात्मक आधार ने एमवीए को कमजोर किया, जबकि एमवीए के भीतर आपसी तालमेल की कमी और प्रभावशाली नेतृत्व का अभाव भी हार की वजह बना. इस चुनाव से ये भी स्पष्ट हो गया कि शिवसेना (शिंदे) को जनता ने असली शिवसेना मानते हुए वोट दिया है. वहीं, एनसीपी के भीतर अजित पवार की ताकत बढ़ी है, जबकि शरद पवार का प्रभाव घटता नजर आ रहा है. महायुति के प्रदर्शन ने भाजपा और शिवसेना (शिंदे) की मजबूत पकड़ को साबित किया.
महाराष्ट्र की राजनीति में यह चुनाव निर्णायक साबित हुआ है। एकनाथ शिंदे और अजित पवार के लिए यह जीत बड़ी उपलब्धि है, जबकि उद्धव ठाकरे और शरद पवार को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा. आने वाले समय में राज्य की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं.
इन नतीजों ने महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति पर भी भरोसा जताया है. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत पर चल रही बहस में शिंदे ने बड़ी जीत हासिल की है. इन चुनावी नतीजों ने महाराष्ट्र में सियासी समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया है. महायुति के प्रचंड बहुमत के बाद आने वाले वर्षों में राज्य में भाजपा और शिंदे गुट की मजबूत पकड़ बनी रहेगी, इस बार के नतीजों ने ये एक बड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है.
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