यूपी की नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में वोटिंग के बीच बुर्के और पहचान पत्र पर सियासी संग्राम छिड़ गया है. विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने पुलिस प्रशासन पर सत्ताधारी दल के दबाव में उसके मतदाताओं को वोटिंग से रोकने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है. चुनाव आयोग ने सपा की शिकायत पर कानपुर से लेकर मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर तक, एक्शन लेते हुए आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी फर्जी पहचान पत्र पर, पर्दानशीं महिलाओं की पहचान सुनिश्चित किए बिना मतदान कराए जाने की शिकायत की है. सपा और बीजेपी, दोनों के लिए ही नाक की इस लड़ाई का सेंटर कानपुर का सीसामऊ बन गया है.
सपा ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद पुलिसकर्मियों के वोटर आईडी कार्ड चेक करने की शिकायत की. एक वीडियो भी सामने आया जिसमें मतदाताओं के पहचान पत्र चेक कर पुलिसकर्मी उन्हें वोट डालने से रोकते हुए वापस भेजते नजर आ रहे थे. कथित रूप से यह वीडियो सीसामऊ का था. चुनाव आयोग ने यह वीडियो सामने आने के बाद सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
चुनाव आयोग ने अधिकारियों को दी हिदायत
चुनाव आयोग ने यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सभी जिला निर्वाचन अधिकारी और हर रिटर्निंग अफसर को निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित कराने के सख्त निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग ने अधिकारियों को शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करने, सोशल मीडिया के जरिये इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को भी टैग करके देने के निर्देश दिए हैं और यह भी कहा है कि किसी भी योग्य मतदाता को मतदान से नहीं रोका जाए. मतदान के दौरान किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिकायत की पड़ताल कर दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
कौन देख सकता है मतदाता का चेहरा या आईडी
चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखा है कि कोई भी पुलिसकर्मी मतदान के लिए पहुंचे किसी भी व्यक्ति की आईडी चेक नहीं कर सकता. पुलिस किसी भी किस्म से किसी मतदाता की जांच या तस्दीक नहीं करेगी. चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के मुताबिक यह अधिकार पोलिंग बूथ के भीतर मतदानकर्मियों की टीम के पास है. पोलिंग पार्टी और उम्मीदवारों के एजेंट मतदाताओं की तस्दीक कर सकते हैं. पुलिस की ड्यूटी मतदान केंद्र पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. गौरतलब है कि मतदाता पहचान पत्र और उस पर छपी तस्वीर से चेहरे का मिलान पोलिंग बूथ के अंदर मतदान कर्मी करते हैं.
बीजेपी उम्मीदवार ने लगाए ये आरोप
सीसामऊ की हॉट सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुरेश अवस्थी ने एक पोलिंग बूथ पर अपने पोलिंग एजेंट के साथ अभद्रता का आरोप लगाया है. सुरेश अवस्थी ने अपनी गाड़ी पर पीछे से पथराव का भी आरोप लगाया और इस घटना के लिए सपा को कठघरे में खड़ा किया. सिविल लाइंस स्थित दयानंद हंसमुखी देवी बालिका इंटर कॉलेज के पोलिंग बूथ पर बीजेपी पार्षद और कार्यकर्ताओं के पार्टी के मतदाताओं को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने का मामला भी सामने आया है.
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अखिलेश यादव ने क्या कहा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस प्रशासन पर अपनी पार्टी के मतदाताओं को मतदान से रोकने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इनका इंद्रासन हिल रहा है. इनके अपने वोटर नहीं निकल रहे हैं. ये हार रहे हैं और इस डर से सपा के वोटर्स को वोट नहीं डालने दे रहे. उन्होंने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी चेताने के अंदाज में कहा कि हमारे लोग सारे वीडियो-फोटो इकट्ठी कर रहे हैं.
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अखिलेश ने कुछ अधिकारियों के नाम भी गिनाए और कहा कि इस चुनाव का परिणाम हमारे पक्ष में ही आएगा लेकिन कोर्ट गड़बड़ी करने वाले इन अधिकारियों में से किसी को भी छोड़ेगा नहीं. उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि बेईमानी करने वाले अधिकारियों के साथ बेईमानी का टैग लगेगा ही, नौकरी, पेंशन और इज्जत भी जाएगी. मीरापुर में जिन अधिकारियों ने वोटर आईडी कार्ड छीन लिया है, उनकी जानकारी लूंगा. बीजेपी ये उपचुनाव वोट से नही खोट से जीतना चाहती है.
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अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि पुलिस कहीं भी मतदाताओं की आईडी चेक नहीं कर सकती, ये चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग पर भरोसा जताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि आयोग बेईमान अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
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