बिहार में उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, जिससे चुनावी माहौल गर्म हो गया है. इस उपचुनाव में पहली बार चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर अपनी पार्टी जन सुराज के उम्मीदवारों को मैदान में उतार रहे हैं. हालांकि, अब उनकी पार्टी के उम्मीदवारों पर सवाल उठने लगे हैं. बता दें, बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी शामिल हैं. इन चारों सीटों से प्रशांत किशोर ने जन सुराज के उम्मीदवार खड़े किये हैं.
इसलिये खड़े हो रहे सवाल
>बेलागंज से प्रशांत किशोर ने 55 साल के मोहम्मद अमजद को अपना प्रत्याशी बनाया है. मोहम्मद अमजद पेशे से कृषि और व्यापार से जुड़े हुए हैं. बेलागंज प्रत्याशी मोहम्मद अमजद के हलफनामा के मुताबिक उनके खिलाफ हत्या का प्रयास, रंगदारी और हमला करने का केस दर्ज है. बेलागंज प्रत्याशी के मुताबिक किसी भी केस में उन्हें न्यायालय से बरी नहीं किया गया है. मोहम्मद अमजद 2005 और 2010 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और पूर्व पंचायत प्रमुख भी रह चुके हैं.
> इमामगंज सीट से प्रशांत किशोर ने जितेंद्र पासवान को चुनावी मैदान में उतारा है. जितेंद्र पासवान 47 साल के हैं और पेशे से चिकित्सक हैं. जितेंद्र पासवान के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं,जिसमें अपहरण, धोखाधड़ी, मारपीट और चोरी शामिल है. चुनावी हलफनामा में जितेंद्र पासवान ने इस का जिक्र किया है. हालांकि, जितेंद्र पासवान के खिलाफ जो अपराधी के मामले दर्ज है, उनके हलफनामा के मुताबिक, उसमें से कई जांच के दौरान असत्य पाए गए और बाकियों में वह निर्दोष पाए गए हैं या न्यायालय के द्वारा रिहा किए गए हैं.
> रामगढ़ सीट से प्रशांत किशोर की पार्टी की तरफ से सुशील कुमार सिंह कुशवाहा को टिकट दिया गया है. सुशील कुमार सिंह 55 साल के हैं और किसान हैं. सुशील कुमार के खिलाफ भी हत्या का प्रयास, चेक बाउंस और हमला करने का मामला दर्ज है.
> तरारी से प्रशांत किशोर की पार्टी के तरफ से किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. प्रशांत किशोर के चारों प्रत्याशियों में से केवल किरण देवी को छोड़ दिया जाए तो बाकी के तीन प्रत्याशियों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसको लेकर अब प्रशांत किशोर के उम्मीदवार के चयन पर सवाल खड़ा हो रहा है.
उम्मीदवारों की शिक्षा पर भी उठ रहे हैं सवाल
अगर शिक्षा के मामले में देखे तो प्रशांत किशोर के चारों प्रत्याशियों में से एक ने भी 12वीं से ज्यादा पढ़ाई नहीं की है. किरण देवी और मोहम्मद अमजद केवल 10 वीं पास हैं, जबकि जितेंद्र पासवान और सुशील कुमार सिंह कुशवाहा 12वीं पास हैं.
प्रशांत किशोर के उम्मीदवारों के चयन पर हो रहे हल्ले का कारण यह भी है कि उन्होंने अपनी पद यात्रा के दौरान बिहार की राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर सवाल उठाए थे. इसके अलावा, उन्होंने तेजस्वी यादव के केवल 9वीं पास होने पर भी तंज कसा था. ऐसे में, उनके उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास और शिक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के चलते उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. पार्टियांउनपर हमलावर हो सकती हैं.
क्या है प्रशांत किशोर का पक्ष
इस मामले पर प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनके चारों प्रत्याशी न तो अपराधी हैं और न ही बालू माफिया से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग किसी बड़े राजनीतिक परिवार से नहीं हैं और उनके माता-पिता भी विधायक या मंत्री नहीं हैं. सभी सामान्य परिवारों से आते हैं. इसके साथ ही, प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि सही लोगों के चयन का मानदंड यह नहीं होना चाहिए कि वे बड़े डिग्री धारक हों, बल्कि यह है कि समाज किसे सही मानता है.
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