शेख नईम कासिम ईरान समर्थित मिलिशिया संगठन हिज्बुल्लाह का नया प्रमुख चुना गया है. कासिम हिज्बुल्लाह के पूर्व प्रमुख हसन नसरल्लाह का स्थान लेगा, जो इस साल 27 सितंबर को बेरूत में इजरायली हवाई हमले में मारा गया था. शेख नईम कासिम ने गत 8 अक्टूबर को एक वीडिया मैसेज जारी किया था, जिसमें उसने कहा था, 'इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध इस बात को लेकर है कि पहले कौन हार मानता है और मैं विश्वास दिलाता हूं कि हिज्बुल्लाह हार नहीं मानने वाला.'
कासिम का वीडियो संदेश वरिष्ठ हिज्बुल्लाह नेता और हसन नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन के इजरायली हमले का निशाना बनने के कुछ ही दिनों बाद सामने आया था. बता दें कि गत 23 अक्टूबर को हिज्बुल्लाह ने इजरायली हमले में सफीद्दीन की मौत की पुष्टि की थी. यूएई स्थित एरेम न्यूज वेबसाइट ने 21 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शेख नईम कासिम ने 5 अक्टूबर को उस विमान से बेरूत छोड़ दिया था, जिसमें ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरघची लेबनान और सीरिया की राजकीय यात्रा पर आए थे. एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल द्वारा हत्या के डर से ईरान के शीर्ष नेताओं ने कासिम को बेरूत छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने का आदेश दिया था.
शेख नईम कासिम कौन है?
Hezbollah.org पर कासिम को संगठन के सबसे शुरुआती सदस्यों में से एक बताया गया है. हिज्बुल्लाह के गठन के बाद से ही वह इसमें महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता रहा है, और संगठन के के भीतर उसकी पहचान एक प्रमुख रणनीतिज्ञ की है. प्रभावशाली शिया नेताओं जैसे- अब्बास अल-मौसौई, सुभी अल-तुफैली, मोहम्मद याजबेक, इब्राहिम अमीन अल-सैयद और पूर्व हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के नेटवर्क में शेख नईम कासिम भी शामिल है. कासिम ने 1970 के दशक में लेबनान विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री हासिल की.
इसके साथ ही, उसने प्रभावशाली इस्लामी विद्वान अयातुल्ला मोहम्मद हुसैन फदलल्लाह के अधीन धार्मिक विषयों का भी अध्ययन किया. 1974 तक, वह एसोसिएशन फॉर इस्लामिक रिलीजियस एजुकेशन का प्रमुख बन गया और 1988 तक इस पद पर रहा. कासिम लेबनानी यूनियन ऑफ मुस्लिम स्टूडेंट्स का को-फाउंडर भी है. अब्बास अल-मौसौई की 1991 में हत्या के बाद शेख नईम कासिम को हिज्बुल्लाह का उप महासचिव चुना गया. उसने हिज्बुल्लाह के कार्यकारी निकाय 'शूरा काउंसिल' में भी प्रमुख पद संभाला. यहां वह सरकारी और अर्धसैनिक अभियानों की देखरेख करता था.
हिज्बुल्लाह के पॉलिटिकल और ऑपरेशनल विंग में कासिम की भागीदारी संगठन के भीतर उसके प्रभाव को रेखांकित करती है. 71 वर्षीय शेख नईम कासिम को हसन नसरल्लाह के बाद हिज्बुल्लाह का 'नंबर दो' कहा जाता था. अपनी नेतृत्वकारी भूमिका के अलावा, कासिम को उसके लेखन के लिए भी जाना जाता है. धाराप्रवाह फ्रेंच बोलने वाले शेख नईम कासिम ने 'हिज्बुल्लाह: द स्टोरी फ्रॉम विदिन' नाम की किताब लिखी है, जिसमें हिज्बुल्लाह बनने और उसकी विचारधारा का विवरण है. इस पुस्तक का अरबी, अंग्रेजी और फारसी सहित छह भाषाओं में अनुवाद हो चुका है, जो इसकी अंतरराष्ट्रीय पहुंच को दर्शाता है.कासिम फ्रेंच, अंग्रेजी, अरबी, फारसी समेत कई भाषाओं का जानकार है.
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